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गया के इस इलाके में पानी की समस्या होगा चुनावी मुद्दा, लोग बोले- सालों से किल्लत

गर्मी के दस्तक देते ही गया के सभी प्रखंडो में पेयजल का संकट गहरा जाता है. पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था तो की गई, लेकिन वो व्यवस्था ऊंट के मुंह जीरे के समान नजर आई.

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Published : Mar 28, 2019, 6:31 PM IST

लोगों ने बताई बड़ी समस्या

गयाः लोकसभा चुनाव को लेकर गांव के लोगों के क्या हैं मुद्दे, समस्याएं और समाधान, कैसी चाहिए सरकार, यह जानने ईटीवी भारत शहर से दूर डोभी प्रखंड के अकबरपुर गांव में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजार पहुंचा.

गया अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है. गर्मी के दस्तक देते ही गया के सभी प्रखंडो में पेयजल का संकट गहरा जाता है. सरकार की तरफ से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था तो की गई, लेकिन वो व्यवस्था ऊंट के मुंह जीरे के समान नजर आई.

election
गांव में लगने वाला साप्ताहिक बाजार

हर वर्ष गहराता है जल संकट
अकबरपुर गांव के इस हाट बाजार में विक्रेता और खरीदार दोनों ने बताया कि मगध क्षेत्र में गर्मी शुरू होने से पहले ही जल संकट गहरा जाता है. बाजार में आये खरीदार ने बताया शहर में तेजी से मकानों के संख्या बढ़ रही है. हर घर में समर्सिबल लगाया जा रहा है. उसी तरह गांव में भी पक्के मकान बनाए जा रहे हैं. लिहाजा चापाकल की जगह मोटर से भूमिगत जल निकाला जा रहा है. जिसके कारण गर्मी का मौसम शुरू होते ही ग्रामीण इलाको में जल संकट शुरू हो जाता है.

कितनी असरदार 'हर घर जल नल योजना'
एक ग्रामीण का कहना है कि जिस प्रकार बारिश के मौसम में उत्तर बिहार के लोग बाढ़ से परेशान रहते हैं, उसी तरह मगध की जनता को गर्मी का मौसम आते ही भीषण जल संकट का सामना करना पड़ता है. जब सीएम की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जल योजना की बात उठी तो लोगों ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार की तरफ से इंतजाम तो किया जा रहा है मगर इससे सिर्फ पेयजल ही मिल पाता है. सिंचाई के लिए अभी भी कोई व्यवस्था नहीं की गई.

अकबरपुर गांव पहुंचा ईटीवी भारत

इस हाट बाजार में पहुंचे अकबरपुर गांव और उसके आस-पास के व्यापारी, किसान और ग्राहकों का मुद्दा पानी की समस्या ही था. इस बीच एक युवक ने रोजगार और शिक्षा की बात भी कही. बहरहाल गया के लोगों ने एक स्वर में कहा की जो उम्मीदवार पानी की समस्या दूर करने का वादा करेगा उसी को मतदान करेंगे.

गयाः लोकसभा चुनाव को लेकर गांव के लोगों के क्या हैं मुद्दे, समस्याएं और समाधान, कैसी चाहिए सरकार, यह जानने ईटीवी भारत शहर से दूर डोभी प्रखंड के अकबरपुर गांव में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजार पहुंचा.

गया अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है. गर्मी के दस्तक देते ही गया के सभी प्रखंडो में पेयजल का संकट गहरा जाता है. सरकार की तरफ से पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था तो की गई, लेकिन वो व्यवस्था ऊंट के मुंह जीरे के समान नजर आई.

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गांव में लगने वाला साप्ताहिक बाजार

हर वर्ष गहराता है जल संकट
अकबरपुर गांव के इस हाट बाजार में विक्रेता और खरीदार दोनों ने बताया कि मगध क्षेत्र में गर्मी शुरू होने से पहले ही जल संकट गहरा जाता है. बाजार में आये खरीदार ने बताया शहर में तेजी से मकानों के संख्या बढ़ रही है. हर घर में समर्सिबल लगाया जा रहा है. उसी तरह गांव में भी पक्के मकान बनाए जा रहे हैं. लिहाजा चापाकल की जगह मोटर से भूमिगत जल निकाला जा रहा है. जिसके कारण गर्मी का मौसम शुरू होते ही ग्रामीण इलाको में जल संकट शुरू हो जाता है.

कितनी असरदार 'हर घर जल नल योजना'
एक ग्रामीण का कहना है कि जिस प्रकार बारिश के मौसम में उत्तर बिहार के लोग बाढ़ से परेशान रहते हैं, उसी तरह मगध की जनता को गर्मी का मौसम आते ही भीषण जल संकट का सामना करना पड़ता है. जब सीएम की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जल योजना की बात उठी तो लोगों ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार की तरफ से इंतजाम तो किया जा रहा है मगर इससे सिर्फ पेयजल ही मिल पाता है. सिंचाई के लिए अभी भी कोई व्यवस्था नहीं की गई.

अकबरपुर गांव पहुंचा ईटीवी भारत

इस हाट बाजार में पहुंचे अकबरपुर गांव और उसके आस-पास के व्यापारी, किसान और ग्राहकों का मुद्दा पानी की समस्या ही था. इस बीच एक युवक ने रोजगार और शिक्षा की बात भी कही. बहरहाल गया के लोगों ने एक स्वर में कहा की जो उम्मीदवार पानी की समस्या दूर करने का वादा करेगा उसी को मतदान करेंगे.

Intro:लोकसभा चुनाव के लेकर गांव के लोगो क्या है मुद्दा, कैसा सरकार चाहिए , समस्याओं का कितना हुआ समाधान ये जाने शहर से दूर गांव के साप्ताहिक बाजार में पहुँचा ईटीवी भारत, बातचीत क्रम में लोगो ने बताया सबसे ज्यादा पानी की समस्या है, जो इस समस्या को दूर करने का वादा करेगा उसी को वोट करेगे।


Body:गया अपनी सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। गर्मी के दस्तक होते ही गौरवशाली अतीत गया के सभी प्रखंडो में पेयजल का संकट गहरा जाता है। सरकार पेयजलापूर्ति की व्यवस्था तो किया है लेकिन वो व्यवस्था ऊंट के मुंह जीरा जैसी कहावत को चरितार्थ करता है। ईटीवी ने शहर के चाकचोंध से कोसो दूर डोभी प्रखंड के अकबरपुर गाँव के साप्ताहिक बाजार में पहुँचा हैं। बाजार में किसान, छोटे व्यवसायी और ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा पेयजल की समस्या दूर करने के लिए जो वादा करेगा उसी को मतदान करेगे।

बाजार में आये ख़रीदार ने बताया शहर में तेजी से मकानों के संख्या बढ़ रही है हर घर में समर्सिबल लगाया जा रहा है। उसी तरह गांव में भी पक्के मकान बनाया जा रहा है। चापाकल के जगह मोटर से भूमिगत जल निकाला जा रहा है। जिसके कारण गर्मी का मौसम शुरू होते ही इस इलाको में जल संकट उत्पन्न हो जाता है । सरकार इस पर कुछ मरहम तो लगा रही है जल नल योजना को गांव गांव तक पहुँचा रही है।

एक ग्रामीण ने बातचीत के क्रम में बताया जिस प्रकार बारिश के मौसम में उत्तर बिहार के लोग बाढ़ से परेशान रहते हैं तो उसी प्रकार मगध की जनता गर्मी के मौसम आते ही भीषण जल संकट का सामना करना पड़ता है ,उत्तर बिहार की बाढ़ की समस्या दूर करने के लिए पहले ही पूरी तैयारी की जाती है ,लेकिन गया में गर्मी के मौसम में उत्पन्न होने वाली भीषण जल संकट को दूर करने के लिए कोई कार्य नहीं किया जाता है।

गांव में पारंपरिक तौर से सदियों से साप्ताहिक , मासिक और वार्षिक मेला लगाया जा रहा है। डोभी प्रखंड के अकबरपुर में साप्ताहिक बाजार लगाया जाता है। अगल बगल के दर्जनों गाँवो के लोग बाजार में समान बेचने और खरीदने आते हैं। इस बाजार में रेडीमेड कपड़ा, सब्जी, खाने के लिए पकौड़ी , चाऊमीन, चाट, मशाला, माँसाहारी , मिट्टी के बर्तन आदि जरूरत के सामान मिलता हैं। ये बाजार छोटे व्यापारी और किसानों का रोजगार साधन होता हैं।




Conclusion:व्यापारी, किसान और ग्रामीण ने बताया सबसे ज्यादा गांव में पेयजल का समस्या अधिक है। पेयजल के लिए थोड़ी बहुत इंतजाम तो हमलोग और सरकार ने कर दिया है। लेकिन सिचाई के लिए कोई व्यवस्था नही है। भूमिगत जल का स्तर हर वर्ष घटते जा रहा है। सरकार कोई व्यवस्था नही कर रही है।
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