गया : बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत का अजीबो-गरीब बयान सामने आया है. गया में पत्रकारों द्वारा मुजफ्फरपुर में शराब से हुई दो लोगों की संदिग्ध मौत के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हमलोग पत्रकारों की आजादी की लड़ाई लड़ना चाहते हैं, क्योंकि उनकी आजादी जरूरी है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर बिहार सरकार 2 लाख शिक्षकों की बहाली करती है, तो पत्रकार इन चीजों को नहीं दिखाएंगे. अगर कृषि विभाग में बहाली होती है तो पत्रकार इसे भी नहीं दिखाएंगे. लेकिन अगर कहीं 2 लोगों की शराब पीने से मौत होती है, तो इसे प्रमुखता से दिखाएंगे. इसलिए इनलोगों की स्वतंत्रता जरूरी है. ताकि ये पॉजिटिव खबर दिखाएं. नेगेटिव खबर से बिहार का विकास होने वाला नहीं है.
''बिहार के लोग पॉजिटिव खबर देखना चाहते हैं. इसलिए इनकी स्वतंत्रता की लड़ाई जरूरी है. किसान और पैक्स का रिलेशनशिप जरूरी है, तभी तरक्की होगी. हमलोगों ने पैक्स और व्यापार मंडल के लोगों को यह कहा है कि आप लोग आपस में ताल-मेल रखें, ताकि किसान अपना उत्पादन सही समय पर सरकार को पहुँचा सके. सरकार हर हाल में किसानों और पैक्स के लोगों के साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव मदद के लिए हम लोग पूरी तरह तैयार हैं.''- कुमार सर्वजीत, कृषि मंत्री
कार्यक्रम में बोले कृषि मंत्री सर्वजीत : गौरतलब है कि शहर के रेडक्रॉस भवन के प्रांगण में दी मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की वार्षिक आमसभा की बैठक रखी गई थी, जिसमें बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत शामिल हुए. इसके अलावा सहकारिता मंत्री डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव भी इस बैठक में शामिल हुए. जहां दोनों मंत्रियों ने किसानों एवं पैक्स से संबंधित अपनी बातों को रखा. कार्यक्रम का शुभारंभ आगत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया.
दी मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक : किसानों के कार्यक्रम में हुई शामिल वहीं, कार्यक्रम में शामिल दी मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव सेंट्रल बैंक के अध्यक्ष विनय यादव ने कहा कि प्रत्येक वर्ष आम बैठक का आयोजन किया जाता है. इसी को लेकर इस बैठक का भी आयोजन किया गया है. जिसमें पूरे वर्ष का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाता है. यह पूरी तरह से किसानों का बैंक है. जिसके प्रतिनिधि के रूप में पैक्स सदस्य होते हैं और वह किसानों की समस्याओं को बैठक के दौरान रखते हैं ताकि उनकी समस्याओं का ज्यादा से ज्यादा हल किया जा सके.
किसानों की समस्या को दूर करना लक्ष्य : किसान एक तरह से अन्नदाता के रूप में होते हैं और हमारा भी प्रयास रहता है की बैठक के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए. दी मगध सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के तहत गया, जहानाबाद और अरवल जिला आता हैं. इस बैठक में तीनों जिलों के सदस्य गण शामिल होते हैं और किसानों की समस्याओं को रखते हैं. जिसके बाद उनका समाधान किया जाता है. पूर्व में हमारे पिता अध्यक्ष के रूप में कार्य थे और उन्होंने किसानों की समस्याओं को बहुत हद तक दूर करने का प्रयास किया था. अब हमें लोगों ने मौका दिया है और हमारा भी यह प्रयास रहता है की प्राथमिकता के तौर पर किसानों की समस्याओं को दूर करें.