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बिहार में हो चुकी है 30 प्रतिशत गेहूं की कटनी, किसानों को लेकर सरकार सजग- प्रेम कुमार

प्रेम कुमार ने कहा कि रबी फसलों विशेषकर गेहूँ की कटाई, खाद्यान्न एवं फल-सब्जी के बाजार तथा विपणन की व्यवस्था, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की अधिप्राप्ति इत्यादि के लिए सरकार सजगता से काम कर रही है.

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Published : Apr 8, 2020, 9:46 PM IST

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गया: कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में लगभग 30 प्रतिशत गेंहूं की कटनी एवं दवनी का काम पूरा हो गया है और पूरे राज्य में खेती का काम तेजी से चल रहा है. बिहार सरकार किसानों की सहायता के लिए हर मदद देने को तैयार है. इसके लिए कृषि विभाग पूरी तरह सजग है.

प्रेम कुमार ने कहा कि रबी फसलों विशेषकर गेहूँ की कटाई, खाद्यान्न एवं फल-सब्जी के बाजार तथा विपणन की व्यवस्था, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की अधिप्राप्ति इत्यादि के लिए सरकार सजगता से काम कर रही है. साथ ही बीज, उर्वरकों तथा किसानों को क्रेडिट जैसी मूलभूत उपादानों की व्यवस्था, खाद्य एवं फल-सब्जियों के बिक्री एवं परिचालन पर सरकार का पूरा ध्यान है.

30 प्रतिशत क्षेत्रों में गेहूँ की कटाई
कृषि मंत्री ने बताया कि इस रबी मौसम में बिहार में चना की खेती 1,07,459 हे॰, मसूर की खेती 2,10,888 हे॰, मटर की खेती 34,555 हे॰, अन्य दलहन की खेती 1,10,396 हे॰ अर्थात कुल रबी दलहन की खेती 4,63,298 हे॰ में खेती की गई है. राज्य में गेहूँ की खेती 2270616 हे॰, मक्का की खेती 505141 हे॰ तथा जौ की खेती 18760 हे॰ क्षेत्र में तथा कुल तेलहन की खेती 178905 हे॰ हेक्टेयर क्षेत्र में की खेती की गई है. उन्होंने कहा कि गेहूँ की कटनी अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह से आरम्भ हो गई है. राज्य में अबतक लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्रों में गेहूँ की कटाई की जा चुकी है.

सावधानी बरतते हुए की जा रही कटाई
राज्य के सभी जिलों में रबी फसलों सहित गेहूँ की कटाई शुरू हो गई है. सामाजिक दूरी बनाये रखते हुए फसलों की कटनी की जा रही है तथा मजदूरों द्वारा अपने हाथों एवं कटनी के उपकरणों को बार-बार साबून-पानी से सफाई भी किया जा रहा है. कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों से किसानों तथा मजदूरों को फसलों के कटनी एवं दवनी में बरती जाने वाली सावधानियों तथा सरकारी दिशा-निर्देश से अवगत कराया जा रहा है. लॉक डाउन के कारण फसल कटनी में अभी तक कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया है.

मंत्री कर रहे कटनी कि समीक्षा
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि विभाग के सचिव, कृषि निदेशक के साथ प्रतिदिन फसल कटनी की समीक्षा कर रहे है. इसी प्रकार, सभी जिला कृषि पदाधिकारी निरंतर फसल कटनी के लिए किसानों को सभी प्रकार के सहायता एवं सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. कम्बाईन हार्वेस्टर के परिचालन तथा चालक की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

सब्जी विक्रेताओं को लॉक डाउन में छूट
बिहार सरकार द्वारा भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देश के आलोक में कृषि एवं कृषि कार्यों के साथ-साथ बीज, उर्वरक, कस्टम हायरिंग सेन्टर को खोले रखने तथा परिचालन हेतु आदेश निर्गत किये गये हैं. इसके अलावा मधुमक्खीपालकों को भी अपने बक्से के साथ राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर जाने के छूट लॉकडाउन में दी गई है. सब्जी एवं फलों के बिक्री एवं परिचालन तथा शहरी क्षेत्रों में गली-मुहल्लों में भी ठेला के माध्यम से बिक्री करने पर छूट दी गई है. मशरूम उत्पादकों को भी अपने मशरूम को बेचने एवं लाने, ले जाने पर छूट दी गई है. राज्य के सभी फल, सब्जी बाजार प्रांगणों में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी तथा व्यवस्था मुहैया कराया गया है.

धान की अधिप्राप्ति की समय सीमा बढ़ाई
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 1,25,131 नए किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया है. इसके अतिरिक्त इस वर्ष 14,38,726 किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड रिन्यूअल किया गया है. अभी राज्य में कुल 31,38,000 ऐक्टिव किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसान हैं. बिहार सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की अधिप्राप्ति की समय सीमा 30 अप्रैल, 2020 तक बढ़ा दी गई है. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि उपरोक्त तथ्यों से केन्द्रीय कृषि मंत्रालय को भी अवगत करा दिया गया है.

गया: कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में लगभग 30 प्रतिशत गेंहूं की कटनी एवं दवनी का काम पूरा हो गया है और पूरे राज्य में खेती का काम तेजी से चल रहा है. बिहार सरकार किसानों की सहायता के लिए हर मदद देने को तैयार है. इसके लिए कृषि विभाग पूरी तरह सजग है.

प्रेम कुमार ने कहा कि रबी फसलों विशेषकर गेहूँ की कटाई, खाद्यान्न एवं फल-सब्जी के बाजार तथा विपणन की व्यवस्था, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की अधिप्राप्ति इत्यादि के लिए सरकार सजगता से काम कर रही है. साथ ही बीज, उर्वरकों तथा किसानों को क्रेडिट जैसी मूलभूत उपादानों की व्यवस्था, खाद्य एवं फल-सब्जियों के बिक्री एवं परिचालन पर सरकार का पूरा ध्यान है.

30 प्रतिशत क्षेत्रों में गेहूँ की कटाई
कृषि मंत्री ने बताया कि इस रबी मौसम में बिहार में चना की खेती 1,07,459 हे॰, मसूर की खेती 2,10,888 हे॰, मटर की खेती 34,555 हे॰, अन्य दलहन की खेती 1,10,396 हे॰ अर्थात कुल रबी दलहन की खेती 4,63,298 हे॰ में खेती की गई है. राज्य में गेहूँ की खेती 2270616 हे॰, मक्का की खेती 505141 हे॰ तथा जौ की खेती 18760 हे॰ क्षेत्र में तथा कुल तेलहन की खेती 178905 हे॰ हेक्टेयर क्षेत्र में की खेती की गई है. उन्होंने कहा कि गेहूँ की कटनी अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह से आरम्भ हो गई है. राज्य में अबतक लगभग 30 प्रतिशत क्षेत्रों में गेहूँ की कटाई की जा चुकी है.

सावधानी बरतते हुए की जा रही कटाई
राज्य के सभी जिलों में रबी फसलों सहित गेहूँ की कटाई शुरू हो गई है. सामाजिक दूरी बनाये रखते हुए फसलों की कटनी की जा रही है तथा मजदूरों द्वारा अपने हाथों एवं कटनी के उपकरणों को बार-बार साबून-पानी से सफाई भी किया जा रहा है. कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों से किसानों तथा मजदूरों को फसलों के कटनी एवं दवनी में बरती जाने वाली सावधानियों तथा सरकारी दिशा-निर्देश से अवगत कराया जा रहा है. लॉक डाउन के कारण फसल कटनी में अभी तक कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं देखा गया है.

मंत्री कर रहे कटनी कि समीक्षा
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि विभाग के सचिव, कृषि निदेशक के साथ प्रतिदिन फसल कटनी की समीक्षा कर रहे है. इसी प्रकार, सभी जिला कृषि पदाधिकारी निरंतर फसल कटनी के लिए किसानों को सभी प्रकार के सहायता एवं सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. कम्बाईन हार्वेस्टर के परिचालन तथा चालक की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है.

सब्जी विक्रेताओं को लॉक डाउन में छूट
बिहार सरकार द्वारा भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा-निर्देश के आलोक में कृषि एवं कृषि कार्यों के साथ-साथ बीज, उर्वरक, कस्टम हायरिंग सेन्टर को खोले रखने तथा परिचालन हेतु आदेश निर्गत किये गये हैं. इसके अलावा मधुमक्खीपालकों को भी अपने बक्से के साथ राज्य के अंदर एवं राज्य के बाहर जाने के छूट लॉकडाउन में दी गई है. सब्जी एवं फलों के बिक्री एवं परिचालन तथा शहरी क्षेत्रों में गली-मुहल्लों में भी ठेला के माध्यम से बिक्री करने पर छूट दी गई है. मशरूम उत्पादकों को भी अपने मशरूम को बेचने एवं लाने, ले जाने पर छूट दी गई है. राज्य के सभी फल, सब्जी बाजार प्रांगणों में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी तथा व्यवस्था मुहैया कराया गया है.

धान की अधिप्राप्ति की समय सीमा बढ़ाई
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 1,25,131 नए किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया है. इसके अतिरिक्त इस वर्ष 14,38,726 किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड रिन्यूअल किया गया है. अभी राज्य में कुल 31,38,000 ऐक्टिव किसान क्रेडिट कार्ड धारक किसान हैं. बिहार सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की अधिप्राप्ति की समय सीमा 30 अप्रैल, 2020 तक बढ़ा दी गई है. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि उपरोक्त तथ्यों से केन्द्रीय कृषि मंत्रालय को भी अवगत करा दिया गया है.

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