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असम पुलिस को छापा मारने जाना था जोरहाट, गूगल मैप्स ने पहुंचा दिया नागालैंड, जानें क्या हुआ आगे - ASSAM POLICE IN NAGALAND

गूगल मैप की गलती से पहले भी कई लोग दूसरी जगह पहुंच गए. कई बार तो लोगों को जान भी गंवानी पड़ी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 12 hours ago

गुवाहाटी: गूगल मैप ने एक बार फिर धोखा दे दिया. जानकारी के मुताबिक असम पुलिस टीम छापा मारने जा रही थी, लेकिन गूगल मैप ने 16 सदस्यों की पूरी टीम को पड़ोसी राज्य नागालैंड पहुंचा दिया. पता चला है कि ये लोग सिविल ड्रेस में हथियारों से लैस थे, जिसे देखकर स्थानीय लोगों ने उनपर हमला बोल दिया और रातभर उन्हें बंधक बनाए रखा. इस बात की जानकारी असम पुलिस के एक अधिकारी ने दी.

अधिकारी ने आगे बताया कि यह घटना मंगलवार रात को उस समय हुई जब जोरहाट जिला पुलिस की टीम एक आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी. उन्होंने कहा कि यह चाय बागान वाला इलाका था, जिसे गूगल मैप पर असम में दिखाया गया था. हालांकि, यह वास्तव में नागालैंड का मोकोकचुंग जिला था.

जीपीएस की गलती से हुई घटना
पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि जीपीएस पर भ्रम के चलते पुलिस टीम नागालैंड पहुंच गई. सिविल ड्रेस और हथियारों से लैस देखकर स्थानीय लोगों ने उन्हें बदमाश समझ लिया. जिसके बाद उन लोगों पर पहले हमला किया और उसके बाद रात भर बंधक बनाए रखा. इस हमले में एक पुलिसकर्मी घायल भी हो गया. यह भी पता चला है कि 16 सदस्यों की टीम में सिर्फ 3 लोग ही वर्दी में थे.

काफी देर बाद हुए रिहा
नागालैंड में प्रतिकूल स्थिति की सूचना मिलने पर जोरहाट पुलिस ने तुरंत मोकोकचुंग के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने असम पुलिस को बचाने के लिए एक टीम भेजी. जब ये टीम वहां पहुंची तब जाकर नागालैंड के स्थानीय लोगों को पता चला कि यह असम की असली पुलिस है. उनको अपनी गलती का अहसास हुआ. इसके बाद हालात सामान्य हुए और घायल पुलिसकर्मी को अस्पताल भेजा गया. रिहा होने के बाद असम पुलिस छापा मारने के लिए जोरहाट पहुंची.

पढ़ें: कैसे काम करता है गूगल मैप? इस पर आंख बंद कर भरोसा करना कितना ठीक? जानें

गूगल मैप देखने के बाद भटक गया रास्ता, कीचड़ में फंसा, 7 घंटे बाद पुलिस ने बचाया

गुवाहाटी: गूगल मैप ने एक बार फिर धोखा दे दिया. जानकारी के मुताबिक असम पुलिस टीम छापा मारने जा रही थी, लेकिन गूगल मैप ने 16 सदस्यों की पूरी टीम को पड़ोसी राज्य नागालैंड पहुंचा दिया. पता चला है कि ये लोग सिविल ड्रेस में हथियारों से लैस थे, जिसे देखकर स्थानीय लोगों ने उनपर हमला बोल दिया और रातभर उन्हें बंधक बनाए रखा. इस बात की जानकारी असम पुलिस के एक अधिकारी ने दी.

अधिकारी ने आगे बताया कि यह घटना मंगलवार रात को उस समय हुई जब जोरहाट जिला पुलिस की टीम एक आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी. उन्होंने कहा कि यह चाय बागान वाला इलाका था, जिसे गूगल मैप पर असम में दिखाया गया था. हालांकि, यह वास्तव में नागालैंड का मोकोकचुंग जिला था.

जीपीएस की गलती से हुई घटना
पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी कि जीपीएस पर भ्रम के चलते पुलिस टीम नागालैंड पहुंच गई. सिविल ड्रेस और हथियारों से लैस देखकर स्थानीय लोगों ने उन्हें बदमाश समझ लिया. जिसके बाद उन लोगों पर पहले हमला किया और उसके बाद रात भर बंधक बनाए रखा. इस हमले में एक पुलिसकर्मी घायल भी हो गया. यह भी पता चला है कि 16 सदस्यों की टीम में सिर्फ 3 लोग ही वर्दी में थे.

काफी देर बाद हुए रिहा
नागालैंड में प्रतिकूल स्थिति की सूचना मिलने पर जोरहाट पुलिस ने तुरंत मोकोकचुंग के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया. जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने असम पुलिस को बचाने के लिए एक टीम भेजी. जब ये टीम वहां पहुंची तब जाकर नागालैंड के स्थानीय लोगों को पता चला कि यह असम की असली पुलिस है. उनको अपनी गलती का अहसास हुआ. इसके बाद हालात सामान्य हुए और घायल पुलिसकर्मी को अस्पताल भेजा गया. रिहा होने के बाद असम पुलिस छापा मारने के लिए जोरहाट पहुंची.

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