मोतिहारी: एक तरफ देश में कोरोना (Corona) की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां चल रहीं हैं. वहीं दूसरी ओर पूर्वी चंपारण जिला के बंजरिया प्रखंड में होने वाले, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के निर्माण को लेकर हो रही राजनीति (Politics) के खिलाफ लोग आंदोलित हो गए हैं. लोगों की मांग है कि हॉस्पीटल (Hospital) का निर्माण बुढ़वा में ही होना चाहिए.
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राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठकर हजारों लोग बंजरिया के बुढ़वा गांव में सीएचसी निर्माण को लेकर सड़क पर उतरे और बाढ़ के कारण पंचायत भवन में अस्थायी रुप से चल रहे प्रखंड कार्यालय का घेराव किया. साथ ही प्रखंड कार्यालय पर धरना भी दिया.
इस प्रदर्शन में स्थानीय राजद विधायक डॉ. शमीम अहमद भी शामिल हुए. विधायक शमीम अहमद ने बताया कि हॉस्पीटल का निर्माण बुढ़वा में हीं होना चाहिए. यह जनता के हित में है और वह जनता के हित में किसी भी सीमा तक जाने के लिए तैयार हैं.
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वहीं, तिरुवाह-बहास विकास संघर्ष समिति के बैनर तले प्रखंड कार्यालय का घेराव करने पहुंचे. कई दर्जन गांवों के आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि, सीएचसी के स्थापना के लिए प्रखंड कार्यालय परिसर का चयन किया गया है. जबकि प्रखंड परिसर तीन महीना बाढ़ में डूबा रहता है और प्रखंड कार्यालय का संचालन पंचायत भवन में होता है. इसलिए वे लोग प्रखंड कार्यालय परिसर में हो रहे, सीएचसी के निर्माण का विरोध कर रहे हैं.
बता दें कि, केंद्र सरकार के एमएसडीपी योजना के तहत वर्ष 2014 में बंजरिया प्रखंड में सीएचसी के निर्माण का प्रस्ताव आया था. जिसके निर्माण को लेकर स्थल चयन का कार्य काफी दिनों तक नहीं हो सका.
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बाद के दिनों में प्रखंड कार्यालय परिसर में सीएचसी के निर्माण के लिए स्थल का चयन हुआ. जिसका विरोध तिरुवाह और बहास क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोगों ने करना शुरु कर दिया है. तिरुवाह क्षेत्र के ग्रामीणों की मांग हैं कि सीएचसी का निर्माण बुढ़वा गांव में कराया जाए. क्योंकि बुढ़वा गांव में सीएचसी के निर्माण से बंजरिया प्रखंड के अलावा मोतिहारी और सुगौली प्रखंड के कई गांवों के लोगों को इससे लाभ होगा. आपको बता दें कि एमएसडीपी योजना के तहत 2014 से निर्माण लंबित है.
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