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बेतिया: वन क्षेत्र में हाथियों के द्वारा हो रही है पेट्रोलिंग - Patrolling is being done by elephants in the forest area

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाथियों से पेट्रोलिंग हो रही है. हाथियों को जाड़े के मौसम में स्वस्थ और क्रियाशील रखने के लिए वन प्रशासन द्वारा उनके डाइट में बदलाव किया गया है. इस बाबत वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र पदाधिकारी महेश प्रसाद ने बताया कि पीपल के पत्ते, धान और गुड़ के साथ दिया जा रहा है.

बेतिया
वन क्षेत्र में हाथियों के द्वारा हो रही है पेट्रोलिंग
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Published : Feb 1, 2021, 2:38 PM IST

बेतिया(वाल्मीकिनगर): वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र में वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ सघन वन क्षेत्रों में पेट्रोलिंग के जरिए अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने की नियत से कर्नाटका बेंगलुरु से आए चार हाथियों को टाइगर रिजर्व में लाया गया था. जिसमें राजा, द्रोण, बालाजी और मणिकांठा शामिल है. असाम से आए प्रशिक्षकों के सानिध्य में रहकर टाइगर रिजर्व के महावतों ने इन चार अप्रशिक्षित हाथियों को नियंत्रित करने का गुर सीख लिया. जिससे वन क्षेत्रों में वनों की सुरक्षा में सहूलियत हो गई.

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वन क्षेत्र में हाथियों से पेट्रोलिंग में होती है सुविधा
नदी, नाले और घने जंगलों में जहां पर वाहन और पैदल पेट्रोलिंग कठिन है वैसे क्षेत्रों में इन हाथियों की मदद से नियमित रूप से पेट्रोलिंग हो रही है. नतीजा ये है कि वन अपराध में कमी दर्ज की जाने लगी है.

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मौसम को देखते हुए हाथियों के डाइट में बदलाव
महावतों के द्वारा कुछ विशेष वृक्षों के पत्तों को भी जाड़े के मौसम में हाथियों के भोजन के रूप में इस्तेमाल कराया जाता है. जिससे उनके शरीर में गर्मी पर्याप्त रूप में बनी रहे. हाथियों की मदद से वन क्षेत्रों में कड़ी चौकसी की जा रही है. वन प्रशासन वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा को अपनी पहली प्राथमिकता मानता है. स्थानीय महावत पूरी तरह हाथियों को नियंत्रित करने के गुर सीख गए हैं.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र में वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ सघन वन क्षेत्रों में पेट्रोलिंग के जरिए अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने की नियत से कर्नाटका बेंगलुरु से आए चार हाथियों को टाइगर रिजर्व में लाया गया था. जिसमें राजा, द्रोण, बालाजी और मणिकांठा शामिल है. असाम से आए प्रशिक्षकों के सानिध्य में रहकर टाइगर रिजर्व के महावतों ने इन चार अप्रशिक्षित हाथियों को नियंत्रित करने का गुर सीख लिया. जिससे वन क्षेत्रों में वनों की सुरक्षा में सहूलियत हो गई.

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वन क्षेत्र में हाथियों से पेट्रोलिंग में होती है सुविधा
नदी, नाले और घने जंगलों में जहां पर वाहन और पैदल पेट्रोलिंग कठिन है वैसे क्षेत्रों में इन हाथियों की मदद से नियमित रूप से पेट्रोलिंग हो रही है. नतीजा ये है कि वन अपराध में कमी दर्ज की जाने लगी है.

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मौसम को देखते हुए हाथियों के डाइट में बदलाव
महावतों के द्वारा कुछ विशेष वृक्षों के पत्तों को भी जाड़े के मौसम में हाथियों के भोजन के रूप में इस्तेमाल कराया जाता है. जिससे उनके शरीर में गर्मी पर्याप्त रूप में बनी रहे. हाथियों की मदद से वन क्षेत्रों में कड़ी चौकसी की जा रही है. वन प्रशासन वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा को अपनी पहली प्राथमिकता मानता है. स्थानीय महावत पूरी तरह हाथियों को नियंत्रित करने के गुर सीख गए हैं.

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