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बाढ़ राहत के सवाल पर नीतीश के मंत्री का जवाब- सिर्फ सरकारी मदद के भरोसे नहीं रह सकते लोग - Social Institutions

ईटीवी भारत के सवालों का जबाब मंत्री प्रमोद कुमार नहीं दे पाए और गोल-मोल बातें करने लगे. आलम ये रहा कि मंत्री के पास बैठे लोगों ने उनके बदले जवाब देने की कोशिश की.

प्रमोद कुमार
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Published : Jul 21, 2019, 8:22 AM IST

मोतिहारी: बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार अपने विधानसभा क्षेत्र मोतिहारी पहुंचे. बाढ़ पीड़ितों के लिए क्या जरूरी कदम उठाए गए हैं, इस सवाल का जवाब देने में वे विफल रहे. अपनी सफाई में मंत्री जी ये कहते नजर आए की यह आपदा की घड़ी हैं, इसमें सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहा जा सकता.

मंत्री का गोल-मोल जवाब
दरअसल मंत्री प्रमोद कुमार प्रशासनिक अमले के साथ सदर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर निकले थे. इसके बाद उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का एक आंकड़ा पेश किया. यह आंकड़ा जिला प्रशासन के आंकड़ों से काफी अलग है. इसी संबंध में ईटीवी भारत के सवालों का जबाब मंत्री प्रमोद कुमार नहीं दे पाए और गोल-मोल बातें करने लगे. आलम ये रहा कि मंत्री के पास बैठे लोगों ने उनके बदले जवाब देने की कोशिश की. लोगों ने कहा कि आपदा की स्थिति में सिर्फ सरकार नहीं बल्कि कई सामाजिक संस्थाएं भी राहत कार्य में लगी होती है. इस पर मंत्री जी ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में लोग सिर्फ सरकारी मदद के भरोसे नहीं रह सकते.

नीतीश के मंत्री का गोल-मोल जवाब

सरकारी विफलता
बता दें कि पूर्वी चंपारण जिला में लगातार पांच दिनों तक हुई आफत की मॉनसूनी बारिश और नेपाल से आए पानी ने जिले के बारह प्रखंडों में बाढ़ का रुप ले लिया. सदर प्रखंड के भी कई पंचायत बाढ़ के पानी में घिर गए, लेकिन जिला प्रशासन ने सदर प्रखंड के सिर्फ एक पंचायत झिटकहिया को पूर्ण रुप से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र माना और आठ पंचायत को आंशिक रुप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रुप में चिन्हित किया.

मोतिहारी: बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार अपने विधानसभा क्षेत्र मोतिहारी पहुंचे. बाढ़ पीड़ितों के लिए क्या जरूरी कदम उठाए गए हैं, इस सवाल का जवाब देने में वे विफल रहे. अपनी सफाई में मंत्री जी ये कहते नजर आए की यह आपदा की घड़ी हैं, इसमें सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं रहा जा सकता.

मंत्री का गोल-मोल जवाब
दरअसल मंत्री प्रमोद कुमार प्रशासनिक अमले के साथ सदर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर निकले थे. इसके बाद उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का एक आंकड़ा पेश किया. यह आंकड़ा जिला प्रशासन के आंकड़ों से काफी अलग है. इसी संबंध में ईटीवी भारत के सवालों का जबाब मंत्री प्रमोद कुमार नहीं दे पाए और गोल-मोल बातें करने लगे. आलम ये रहा कि मंत्री के पास बैठे लोगों ने उनके बदले जवाब देने की कोशिश की. लोगों ने कहा कि आपदा की स्थिति में सिर्फ सरकार नहीं बल्कि कई सामाजिक संस्थाएं भी राहत कार्य में लगी होती है. इस पर मंत्री जी ने कहा कि इस विकट परिस्थिति में लोग सिर्फ सरकारी मदद के भरोसे नहीं रह सकते.

नीतीश के मंत्री का गोल-मोल जवाब

सरकारी विफलता
बता दें कि पूर्वी चंपारण जिला में लगातार पांच दिनों तक हुई आफत की मॉनसूनी बारिश और नेपाल से आए पानी ने जिले के बारह प्रखंडों में बाढ़ का रुप ले लिया. सदर प्रखंड के भी कई पंचायत बाढ़ के पानी में घिर गए, लेकिन जिला प्रशासन ने सदर प्रखंड के सिर्फ एक पंचायत झिटकहिया को पूर्ण रुप से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र माना और आठ पंचायत को आंशिक रुप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रुप में चिन्हित किया.

Intro:मोतिहारी।बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार अपने विधान सभा क्षेत्र मोतिहारी पहुंचे और प्रशासनिक अमला के साथ सदर प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के भ्रमण पर निकल गए।बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के भ्रमण के बाद सर्किट हाउस पहुंचे मंत्री प्रमोद कुमार ने संवाददाता सम्मेलन बुलाया।जहां उन्होने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जो आंकड़ा दिया।वह आंकड़ा जिला प्रशासन के आंकड़े से काफी अलग है।इसी आंकड़ो के विरोधाभासो में कराह रहे बाढ़ पीड़ितो के संबंध में ईटीवी भारत के संवाददाता के सवालों का जबाब मंत्री प्रमोद कुमार नहीं दे पाए।


Body:बिहार सरकार के कला संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार सदर प्रखंड के सभी बाढ़ प्रभावित पंचायतों का भ्रमण किया और भ्रमण के बाद उन्होने सर्किट हाऊस में संवाददाता सम्मेलन बुलाकर पत्रकारों के सवाल पर उन्हे जबाब देने के बदले अपने भ्रमण के दौरान की बातों को बताते हुए समझाने लगे।लेकिन मंत्री प्रमोद कुमार अपनी हीं बातों में फंस गए और ईटीवी संवाददाता के बाढ़ पीड़ितों के लिए मानवता के आधार पर पूछे गए सवाल का जबाब नहीं दे पाए।


Conclusion:दरअसल,पूर्वी चंपारण जिला में विगत आठ जुलाई से लगातार पांच दिनों तक हुई आफत की मॉनसूनी बारिश और नेपाल से आए पानी ने जिले के बारह प्रखंडों में बाढ़ का रुप ले लिया।सदर प्रखंड के भी कई पंचायत बाढ़ के पानी में घिर गए।लेकिन जिला प्रशासन ने सदर प्रखंड के सिर्फ एक पंचायत झिटकहिया को पूर्ण रुप से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र माना और आठ पंचायत को आंशिक रुप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रुप में चिन्हित किया है।साथ हीं मात्र तीन बरदाहां,झिटकहिया और बरवा पंचायत में दो-दो सामुदायिक रसोई जिला प्रशासन ने चलाया।लेकिन मंत्री प्रमोद कुमार जब बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण करके लौटे।तो उन्होने बताया कि सदर प्रखंड के नौ पंचायत पूर्ण रुप से बाढ़ प्रभावित है।मंत्री ने जिला प्रशासन द्वारा घोषित झिटकहिया के अलावा लखौरा, बरवा,नौरंगिया,कटहा,रामगढ़वा, बरदाहां और टिकुलिया पंचायत का नाम गिनाया।तो सवाल उठता है कि जिला प्रशासन ने एक पंचायत को पूर्ण रुप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित कर मात्र तीन पंचायतों में सामुदायिक रसोई चलाया।तो कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने भ्रमण के बाद जो आंकड़ा पेश किया।उसके अनुसार बाकी के छह पंचायतों के बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक रसोई क्यों नहीं चलाया गया?आखिर क्यों छह पंचायतों के बाढ़ पीड़ितों को भगवान भरोसे जिला प्रशासन ने छोड़ दिया?इस सवाल का जबाब तो मंत्री जी भी नहीं दे पाये तो।अब कौन देगा?
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