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गंडक नदी पर बने तटबंध से हो रहा रिसाव, मरम्मत कार्य में जुटे अधिकारी

वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में प्रत्येक दिन पानी छोड़ा जा रहा है. जिस कारण गंडक नदी पर बने तटबंध पर दबाब बढ़ता जा रहा है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाये हुए हैं.

east champaran
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Published : Jul 15, 2020, 5:19 PM IST

पूर्वी चंपारणः बिहार में मानसून के आगमन के साथ ही नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है. जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं, जिले से बहने वाली प्रमुख नदियों का जलस्तर स्थिर है. लेकिन नदियों के पानी का दबाब तटबंधों पर बना हुआ है. जिससे गंडक के तटबंध से रिसाव शुरु हो गया है. जिसके बाद अधिकारी रिसाव को बंद करने के प्रयास में जुट गए हैं.

चार जगह से हो रहा रिसाव
गंडक नदी का पानी खतरे के निशान से नीचे है. इसके बावजूद तटबंध से रिसाव शुरु हो गया है. मौके पर पहुंचे चंपारण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि तटबंध के 98.8 किलोमीटर पर चार जगह रिसाव होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद मरम्मति का काम किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

कई गांव में घुसा बाढ़ का पानी
बता दें कि वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में प्रत्येक दिन पानी छोड़ा जा रहा है. जिस कारण गंडक नदी पर बने तटबंध पर दबाब बढ़ता जा रहा है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाये हुए हैं. बता दें कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण कई जिलों के गांव में पानी घुस गया है.

अधिकारी कर रहे तैयारियां पूरी होने के दावे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बाढ़ पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने जल संसाधन विभाग के साथ कई बैठकें कर के अधिकारियों को बचाव को लेकर निर्देश दिए हैं. अधिकारी बाढ़ को लेकर नाव की व्यवस्था और अन्य तैयारियां पूरी होने के दावे कर रहे हैं.

पूर्वी चंपारणः बिहार में मानसून के आगमन के साथ ही नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी है. जिससे कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं, जिले से बहने वाली प्रमुख नदियों का जलस्तर स्थिर है. लेकिन नदियों के पानी का दबाब तटबंधों पर बना हुआ है. जिससे गंडक के तटबंध से रिसाव शुरु हो गया है. जिसके बाद अधिकारी रिसाव को बंद करने के प्रयास में जुट गए हैं.

चार जगह से हो रहा रिसाव
गंडक नदी का पानी खतरे के निशान से नीचे है. इसके बावजूद तटबंध से रिसाव शुरु हो गया है. मौके पर पहुंचे चंपारण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता दीपक कुमार ने बताया कि तटबंध के 98.8 किलोमीटर पर चार जगह रिसाव होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद मरम्मति का काम किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट

कई गांव में घुसा बाढ़ का पानी
बता दें कि वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में प्रत्येक दिन पानी छोड़ा जा रहा है. जिस कारण गंडक नदी पर बने तटबंध पर दबाब बढ़ता जा रहा है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए अधिकारी हालात पर लगातार नजर बनाये हुए हैं. बता दें कि नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण कई जिलों के गांव में पानी घुस गया है.

अधिकारी कर रहे तैयारियां पूरी होने के दावे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बाढ़ पर नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने जल संसाधन विभाग के साथ कई बैठकें कर के अधिकारियों को बचाव को लेकर निर्देश दिए हैं. अधिकारी बाढ़ को लेकर नाव की व्यवस्था और अन्य तैयारियां पूरी होने के दावे कर रहे हैं.

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