मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला में संचालित आवासीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षक समेत सभी कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में हंगामा किया (Kasturba Vidyalaya workers create ruckus). अधिकारियों की अनुपस्थिति में प्रदर्शनकारियों ने कर्मियों को बंधक बना लिया. कई घंटों के हंगामा के बाद डीईओ और डीपीओ पहुंचे और कस्तूरबा विद्यालय के कर्मियों से वार्ता की, उसके बाद हंगामा शांत हुआ.
ये भी पढ़ें- रोहतास में पोषाहार के लिए सड़ा चावल देने पर बिफरीं आंगनबाड़ी सेविकाएं, जमकर किया हंगामा
आवासीय विद्यालय के कर्मियों ने किया हंगामा: केजीबीभी कार्यालय में मौजूद डीजीसी उदय कुमार को सभी कर्मियों ने बंधक बना लिया और खूब नारेबाजी की. वेतन मिलने में अनियमितता, वेतन कटौती, मानसिक प्रताड़ना समेत कई मांगों को लेकर सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में हंगामा और नारेबाजी होता रहा. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय सुगौली संभाग की शिक्षिका रेखा कुमारी ने बताया कि उन लोगों से 24 घंटे काम लिया जाता है और एक दिन की भी छूट्टी नहीं दी जाती है.
"24 घंटे काम लिया जाता है और एक दिन की भी छूट्टी नहीं दी जाती है. उसपर भी वेतन विसंगति और वेतन कटौती से सभी केजीबीभी के कर्मी परेशान हैं. जुलाई महीने से वेतन लंबित है, लेकिन अब तक वेतन भुगतान के दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है."- रेखा कुमारी, शिक्षिका, केजीबीभी
"सरकार के निर्देश पर बायोमेट्रिक सिस्टम से कर्मियों को हाजिरी बनाना है. जिसके लिए समय निर्धारित है. निर्धारित समय के बाद बायोमेट्रिक मशीन में पंच नहीं करने के कारण कर्मी अनुपस्थित माने जाते हैं, जिस कारण इनका कम वेतन बनता है."- उदय कुमार, डीजीसी, केजीबीभी
30 आवासीय विद्यालय होती हैं संचालित: बता दें कि जिले में कुल तीस आवासीय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं. जिसमें बालिकाओं को आवासीय सुविधा के साथ हीं वर्ग छह से आठ तक की शिक्षा दी जाती है. जिसमें भोजन और कपड़ा सब सरकारी स्तर पर बालिकाओं को मुहैया कराया जाता है. लेकिन इस विद्यालय के वार्डन, पूर्णकालिक और अंशकालिक शिक्षक, लिपिक, आदेशपाल और रसोईया समेत तमाम कर्मी केजीभीबी के अधिकारियों के मनमाने रवैये से परेशान हैं. जिस कारण सोमवार को उनका गुस्सा फुट पड़ा और जिला में संचालित सभी केजीभीबी के कर्मी सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय पहुंचे और जमकर हंगामा किया.
ये भी पढ़ें- कमीशन के लिए आंगनबाड़ी सेविका ने गर्भवती को अस्पताल से हटाकर निजी नर्सिंग होम में कराया भर्ती, नवजात की मौत