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अब तब उपलब्ध नहीं हो पाया धान का बीज, किसान बोले- ऐसे में पिछड़ जाएगी खेती - मोतिहारी में किसान परेशान

किसानों को सरकारी बीज मिलने का समय सीमा निर्धारित नहीं है. यही वजह है कि पूर्वी चंपारण के किसानों ने अपने घर में रखे धान का उपयोग बिचड़ा के बीज के रुप में करना शुरु कर दिया है.

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खेत में किसान
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Published : May 27, 2020, 8:23 PM IST

मोतिहारी: चंपारण परिक्षेत्र में खरीफ की मुख्य फसल धान है. सरकारी स्तर पर किसानों को मिलने वाले धान के सरकारी बीज के लिए अभी रजिस्ट्रेशन चल रहा है. किसानों के अनुसार सरकारी बीज के इंतजार में खेती पिछड़ जाएगी.

चंपारण परिक्षेत्र में खरीफ की मुख्य फसल धान के बिचड़ा के लिए सरकारी स्तर पर अभी ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन चल रहा है. जबकि बिचड़ा के लिए बीज गिराने का समय समाप्त हो गया है. किसानों के अनुसार धान का बीज दस मई तक गिर जाना चाहिए. लेकिन सरकारी बीज मिलने का समय सीमा निर्धारित नहीं है. जिस कारण पूर्वी चंपारण जिले के किसानों ने अपने घर में रखे धान का उपयोग बिचड़ा के बीज के रूप में करना शुरू कर दिया है.

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खेत में बीज डालता किसान

लिहाजा, कई किसानों ने अपने खेतों में बीज तैयार करना भी शुरू कर दिया है. जबकि कृषि विभाग अभी धान का बीज खेतों में डालने के समय को सही नहीं मान रहा है.

'देर से मिलते हैं सरकारी बीज'
बंजरिया प्रखंड के किसान आनंद कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि बिचड़ा के लिए अपने घर के धान के बीज को खेतो में डाला है. सरकारी बीज के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सरकारी बीज के लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन किया है. पैसा भी जमा हो गया है. अगर सरकारी बीज का इंतजार करेंगे, तो धान की खेती पिछड़ जाएगी. वहीं, किसान पारस सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने घर के धान के बीज को खेतों में डाला है, क्योंकि सरकारी बीज काफी देर से मिलता है.

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डॉ. ओंकार नाथ सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी

'आगात धान के बीज से किसानों को होगी परेशानी'
इधर, जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि फिल्ड विजिट के दौरान ऐसा देखने को मिला है, कई किसानों ने बिचड़ा तैयार करने के लिए खेतों में धान का बीज डाल दिया है. उन्होंने बताया कि अगर अगात धान का बीज होगा, तो फसल पकने के समय किसानों को परेशानी होगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'95 प्रतिशत किसानों ने बीज के लिए कराया रजिस्ट्रेशन'
बता दें कि सरकारी अनुदान पर मिलने वाले बीज के लिए विभाग द्वारा अभी ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन हो रहा है. जिले के लगभग 95 प्रतिशत किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराकर बीज के लिए राशि भी जमा करा दी है. किसानों के रजिस्ट्रेशन के सत्यापन के बाद उन्हें बीज कीट कृषि विभाग उपलब्ध करायेगा.

मोतिहारी: चंपारण परिक्षेत्र में खरीफ की मुख्य फसल धान है. सरकारी स्तर पर किसानों को मिलने वाले धान के सरकारी बीज के लिए अभी रजिस्ट्रेशन चल रहा है. किसानों के अनुसार सरकारी बीज के इंतजार में खेती पिछड़ जाएगी.

चंपारण परिक्षेत्र में खरीफ की मुख्य फसल धान के बिचड़ा के लिए सरकारी स्तर पर अभी ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन चल रहा है. जबकि बिचड़ा के लिए बीज गिराने का समय समाप्त हो गया है. किसानों के अनुसार धान का बीज दस मई तक गिर जाना चाहिए. लेकिन सरकारी बीज मिलने का समय सीमा निर्धारित नहीं है. जिस कारण पूर्वी चंपारण जिले के किसानों ने अपने घर में रखे धान का उपयोग बिचड़ा के बीज के रूप में करना शुरू कर दिया है.

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खेत में बीज डालता किसान

लिहाजा, कई किसानों ने अपने खेतों में बीज तैयार करना भी शुरू कर दिया है. जबकि कृषि विभाग अभी धान का बीज खेतों में डालने के समय को सही नहीं मान रहा है.

'देर से मिलते हैं सरकारी बीज'
बंजरिया प्रखंड के किसान आनंद कुमार ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि बिचड़ा के लिए अपने घर के धान के बीज को खेतो में डाला है. सरकारी बीज के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सरकारी बीज के लिए ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन किया है. पैसा भी जमा हो गया है. अगर सरकारी बीज का इंतजार करेंगे, तो धान की खेती पिछड़ जाएगी. वहीं, किसान पारस सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने घर के धान के बीज को खेतों में डाला है, क्योंकि सरकारी बीज काफी देर से मिलता है.

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डॉ. ओंकार नाथ सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी

'आगात धान के बीज से किसानों को होगी परेशानी'
इधर, जिला कृषि पदाधिकारी डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि फिल्ड विजिट के दौरान ऐसा देखने को मिला है, कई किसानों ने बिचड़ा तैयार करने के लिए खेतों में धान का बीज डाल दिया है. उन्होंने बताया कि अगर अगात धान का बीज होगा, तो फसल पकने के समय किसानों को परेशानी होगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'95 प्रतिशत किसानों ने बीज के लिए कराया रजिस्ट्रेशन'
बता दें कि सरकारी अनुदान पर मिलने वाले बीज के लिए विभाग द्वारा अभी ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन हो रहा है. जिले के लगभग 95 प्रतिशत किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराकर बीज के लिए राशि भी जमा करा दी है. किसानों के रजिस्ट्रेशन के सत्यापन के बाद उन्हें बीज कीट कृषि विभाग उपलब्ध करायेगा.

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