मोतिहारी: बिहार के मोतिहारी में मदरसा विवाद को लेकर पीड़ित परिवार ने धरना दिया. मामला जिले के पिपराकोठी प्रखंड में सूर्यपुर कोइरिया टोला स्थित कैसरे इस्लाम मदरसा हलफिया का है. जहां ईंट गिराये जाने के विवाद में हिंसक झड़प हुई थी. एक पक्ष के आठ लोग जख्मी हुए थे. पूर्व प्रमुख समेत तीन लोगों की गिरफ्तारी भी हुई, जिसमें एक की जमानत हो गई है.
यह भी पढ़ेंः Motihari Crime : ममेरा भाई बना दुश्मन, घर से बुलाकर ले गया और गला रेतकर मार डाला
पक्षपातपूर्ण रवैया का आरोपः इस मामले में पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए का गिरफ्तार पूर्व प्रमुख के घर की महिलाएं बच्चों के साथ सड़क पर उतरी है. कचहरी चौक पर सोमवार को अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गई है. उनके समर्थन में गांव की अन्य महिलाएं भी बैठी हुई है. अनिश्चितकालीन धरना पर बैठी महिलाओं का कहना है कि जबतक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वे लोग धरना पर बैठी रहेंगी.
ईंट हटाने के लिए कहा तो मारपीटः धरना पर बैठी गिरफ्तार पूर्व प्रमुख की बेटी रुखसाना खातून ने बताया कि उनके परिवार ने साढ़े बाइस कट्ठा जमीन दान कर मदरसा बनवाया, जिसमें कुछ जमीन पर मदरसा है और कुछ जमीन पर खेती होती है. उसी मदरसा के जमीन पर कुछ लोगों ने ईंट रखवायी थी. ईंचट हटाने के लिए कहा तो उनलोगों ने मारपीट की, जिसमें रुखसाना के पिता और भाई जख्मी हो गए. भाई कोमा में चला गया है, जिसका इलाज दिल्ली में चल रहा है.
"हमलोग न्याय की मांग को लेकर धरना पर बैठे हैं. पिपराकोठी थानाध्यक्ष और जमादार का ट्रांसफर किया जाए. पहले तो मेरे पिता और भाई के साथ मारपीट की और उल्टे मेरे पिता और भाई को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस धमकी देती है और आरोपी को साथ लेकर घुमती है. हम न्याय की मांग करते हैं." -रुखसाना खातून
क्या है मामलाः 19 जुलाई को कैसरे इस्लाम मदरसा हलफिया में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुआ. पहले मदरसा के सचिव पूर्व प्रमुख मो. सुल्तान थे. वर्तमान में उसके सचिव मो. महमूद आलम निर्वाचित हुए हैं. इसके बाद मामला कोर्ट में गया. कोर्ट ने उस चुनाव पर रोक लगा दी और मो. सुल्तान का प्रभार जारी रखा. इसके बावजूद मो. महमूद आलम ने चुनाव कराया और खुद को सचिव घोषित कर दिया. विगत दिनों मदरसा के निर्माण के लिए मो. महमूद आलम ने ईंट रखवायी थी, जिसको लेकर विवाह हुआ था.