मोतिहारी: सिंगल यूज प्लास्टिक से हाने वाली हानि को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग सतर्क हो रहे हैं. सरकारी स्तर पर जागरुकता फैलाई जा रही है. आंगनवाड़ी केंद्र के जरिए बच्चे प्लास्टिक के होने वाले नुकसान के बारे में जानकर अपने परिजनों को इसका उपयोग नहीं करने की सलाह दे रहे हैं. पूर्वी चंपारण के मधुछपरा गांव में आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चे गांव में कचरा डम्प करने वाली जगह पर प्लास्टिक के खिलाफ स्लोगन लिखकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं.
पिपराकोठी प्रखंड के मधुछपरा गांव के आंगनवाड़ी केंद्र पर पढ़ने वाले बच्चे क्लास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की बात सीख रहे हैं. केंद्र की सेविका बच्चों को प्लास्टिक उपयोग नहीं करने की पाठ पढ़ाती है. जिसके बाद बच्चे प्लास्टिक से होने वाले नुकसान को पूरी तरह समझ चुके हैं. लिहाजा, आंगनवाड़ी केंद्र से थोड़ी दूरी पर स्थित कचरे की ढेर पर प्लास्टिक के खिलाफ कई स्लोगन लिखकर बोर्ड लगाया है. गौर करने वाली बात है कि बच्चों ने स्लोगन खुद अपने अभिभावकों से लिखवाया है. बच्चों की जागरुकता देख अब अभिभावक भी प्लास्टिक के खिलाफ जागरूक हुए हैं.
बच्चों को रोजाना पाठ पढ़ाती हैं सेविका
आंगनवाड़ी केंद्र की संचालिका विद्यान्ती देवी ने बताया कि वो बच्चों को रोजाना प्लास्टिक के उपयोग से बचने की सलाह देती हैं. बच्चों के साथ-साथ ग्रामीणों को भी प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए जागरूक करती हैं. इस कार्य में धीरे-धीरे उन्हें सफलता मिल रही है.
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बिहार में प्रतिबंधित है सिंगल यूज प्लास्टिक
बच्चे अपने अभिभावक को प्लास्टिक उपयोग से बचने की सलाह देते हैं. बता दें कि राज्य सरकार सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा चुकी है. बावजूद इसके अभी भी लोग प्लास्टिक थैला का उपयोग करते हैं. ऐसे में लोगों को मासूम बच्चों से सीखना चाहिए जो प्लास्टिक के खिलाफ इतनी कम उम्र में जागरुकता फैला रहे हैं.