मोतिहारी: पटना से गोपालगंज के बैकुण्ठपुर सड़क मार्ग से जा रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केसरिया बौद्ध स्तूप का निरीक्षण किया. बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के नीतीश कुमार अचानक केसरिया बौद्ध स्तूप पहुंचे और गाड़ी में बैठे-बैठे ही बौद्ध स्तूप का दर्शन किया.
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उसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला सत्तरघाट होते हुए गोपालगंज के लिए निकला. नीतीश कुमार सत्तरघाट पुल के निरीक्षण के लिए अचानक पुल पर रुक गए और उद्घाटन के बाद ध्वस्त हुए एप्रोच पथ की हुई मरम्मति का निरीक्षण किया. उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से जानकारी ली और कई निर्देश भी दिए.
उद्घाटन के बाद पुल का एप्रोच पथ हुआ था ध्वस्त
पूर्वी चंपारण और गोपालगंज को जोड़ने वाली सत्तरघाट पुल का उद्घाटन पिछले वर्ष 16 जून 2020 को नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया था. गंडक नदी पर बने सत्तरघाट पुल के उद्घाटन के बाद उस समय राज्य में काफी राजनीतिक बवाल मचा था. जब पुल का एप्रोच पथ नदी में आए बाढ़ में ध्वस्त हो गया था. विपक्षी दलों ने नेताओं ने इसपर सवाल उठाए थे.
बौद्ध स्तूप के निरीक्षण पर जदयू विधायक ने जताई खुशी
केसरिया बौद्ध स्तूप और सत्तरघाट पुल के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला गोपालगंज की ओर बढ़ गया. मुख्यमंत्री के गोपालगंज जाने के दौरान रास्ते में जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात थे. गोपालगंज सीमा तक सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे. जिला प्रशासन की टीम मुजफ्फरपुर के सीमा से सटे जिला के इंट्री प्वाइंट पर मौजूद थी. इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा केसरिया बौद्ध स्तूप और सत्तरघाट पुल के निरीक्षण किए जाने पर केसरिया की जदयू विधायक शालिनी मिश्रा ने खुशी जाहिर की और कहा कि केसरिया और बौद्ध स्तूप के विकास को लेकर मुख्यमंत्री से बात हुई थी. उसके बाद खुद मुख्यमंत्री केसरिया बौद्ध स्तूप पहुंचे और दर्शन किया.