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दरभंगा: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ विभिन्न संगठनों ने निकाला प्रतिवाद मार्च

अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद पिछले 20 दिनों में 20 बार डीजल-पेट्रोल के दाम में वृद्धि की गई है. लॉकडाउन की मार झेल रही जनता के प्रति मोदी सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया है.

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Published : Jun 27, 2020, 7:56 PM IST

दरभंगा
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दरभंगा: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा और इंकलाबी नौजवान सभा ने संयुक्त रूप से प्रतिवाद मार्च का आयोजन किया. मार्च के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन भी किया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई.

'बढ़ी हुई कीमत हो वापस'
अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष शिवन यादव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद पिछले 20 दिनों में 20 बार डीजल-पेट्रोल के दाम में वृद्धि की गई है. लॉकडाउन की मार झेल रही जनता के प्रति मोदी सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया है.

'किसानों को बिना टैक्स के डीजल उपलब्ध कराए सरकार'
वहीं, इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव गजेंद्र नारायण शर्मा और खेत ग्रामीण मजदूर सभा के प्रखंड अध्यक्ष गणेश महतो ने कहा कि कोरोना संकट काल में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिर रहे थे, तब केंद्र सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल-डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी.

इसके बाद पांच मई को फिर से पेट्रोल पर रिकार्ड 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया. बंदी के बाद यह किसानों पर एक तरह का जुल्म है. सरकार किसानों को बिना टैक्स के डीजल उपलब्ध कराए. प्रतिवाद मार्च को भाकपा(माले) के राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, देवेंद्र कुमार आदी ने संबोधित किया. विरोध-प्रदर्शन उसमामथ चौक पर हरि पासवान, ताहिर अंसारी, नंदू राम के नेतृत्व में किया गया. जबकि तारालही में विनोद सिंह और सुनीता देवी ने पीएम मोदी का पुतला दहन किया.

दरभंगा: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा, अखिल भारतीय किसान महासभा और इंकलाबी नौजवान सभा ने संयुक्त रूप से प्रतिवाद मार्च का आयोजन किया. मार्च के बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन भी किया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई.

'बढ़ी हुई कीमत हो वापस'
अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष शिवन यादव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद पिछले 20 दिनों में 20 बार डीजल-पेट्रोल के दाम में वृद्धि की गई है. लॉकडाउन की मार झेल रही जनता के प्रति मोदी सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया है.

'किसानों को बिना टैक्स के डीजल उपलब्ध कराए सरकार'
वहीं, इंकलाबी नौजवान सभा के जिला सचिव गजेंद्र नारायण शर्मा और खेत ग्रामीण मजदूर सभा के प्रखंड अध्यक्ष गणेश महतो ने कहा कि कोरोना संकट काल में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिर रहे थे, तब केंद्र सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल-डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी.

इसके बाद पांच मई को फिर से पेट्रोल पर रिकार्ड 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया. बंदी के बाद यह किसानों पर एक तरह का जुल्म है. सरकार किसानों को बिना टैक्स के डीजल उपलब्ध कराए. प्रतिवाद मार्च को भाकपा(माले) के राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, देवेंद्र कुमार आदी ने संबोधित किया. विरोध-प्रदर्शन उसमामथ चौक पर हरि पासवान, ताहिर अंसारी, नंदू राम के नेतृत्व में किया गया. जबकि तारालही में विनोद सिंह और सुनीता देवी ने पीएम मोदी का पुतला दहन किया.

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