दरभंगा: डीएमसीएच में एक बार फिर से डायलिसिस मशीन ठप हो जाने से यहां के गरीब मरीजों को इलाज कराने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बता दें एक वर्ष के बाद प्रधान सचिव की पहल पर 5 सितंबर को डीएमसीएच में डायलिसिस शुरू हुआ था. लेकिन जरूरत के सामानों की आपूर्ति नहीं होने की वजह से 12 सितंबर से यहां डायलिसिस ठप हो गया है. इसकी वजह से यहां पर इलाजरत मरीजों को प्राइवेट क्लीनिक से डायलिसिस कराना पड़ रहा है.
18 तरह के सामानों की जरूरत होती है
इसके लिए मरीजों को 15 सौ रुपये से लेकर 25 सौ रुपये प्रतिदिन खर्च करना पड़ रहा है. वहीं डायलिसिस कर्मियों का कहना है कि इसकी जानकारी अधिकारियों को दे दी गई है. दरअसल डायलिसिस करने के लिए 18 तरह के सामानों की जरूरत होती है. इसके लिए बाइकार्बोनेट, सलूशन, जैल्को 16, हैप्रिन, सिट्रिक एसिड, हाइपोक्लोराइट, आबजेलिक एसिड, वाई कार्बोनेट पाउडर, इडुसल, 16 नंबर निडिल आदि की आवश्यकता होती है. बताया जाता है कि इन सामानों की आपूर्ति नहीं होने की वजह से डायलिसिस बंद है. वहीं डीएमसीएच के मेडिसिन आईसीयू में तीन डायलिसिस मशीन है. इसमें एक मशीन शुरू से ही कार्य नहीं कर रहा है. इस मशीन में टेक्निकल खराबी है. इसके साथ ही मरीजों का लेटने वाला हाइड्रॉलिक बेड ऊपर-नीचे नहीं होता है.
क्या कहते हैं परिजन
वहीं मेडिसिन विभाग में अपनी चाची का इलाज करवा रहे लक्ष्मण कुमार ने कहा कि उनकी चाची की किडनी में समस्या है. जिसको लेकर यहां के डॉक्टर ने उनकी चाची को डायलिसिस लिखा है. लेकिन जब वो डायलिसिस कराने डायलिसिस सेंटर पहुंचे तो, वहां के कर्मियों ने कहा कि डायलिसिस मशीन खराब है. उन्होंने कहा कि कर्मियों ने उन्हें कहीं दूसरी जगह जाकर डायलिसिस कराने को कहा है.
दो-तीन दिन में शुरू हो जायेगा डायलिसिस
वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने कहा कि काफी मशक्कत के बाद मेडिसिन विभाग के हीमो डायलिसिस यूनिट को दोबारा चालू कराया जा सका था. इस बीच केमिकल की कमी हो गई. जिसकी वजह से वहां पर डायलिसिस ठप हो गया है. उन्होंने कहा कि मरीजों के डायलिसिस कराने के लिए जो भी सामान की जरूरत है, वो ऑर्डर कर दिया गया है. जिसके बाद दो-तीन दिन में फिर से डायलिसिस होना शुरू हो जायेगा.