दरभंगा: बिहार के दरभंगा (Darbhanga) जिले में जर्जर पुल की मरम्मती को लेकर मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान (Manavadhikar Sanrakshan Pratishthan) ने विरोध प्रदर्शन किया है.
बहेड़ी-हथौड़ी रोड पर लक्ष्मीपुर में अंग्रेजों के जमाने का बना पुल जर्जर हालत में है. इस पुल से दरभंगा और समस्तीपुर दो जिलों की बड़ी आबादी आवागमन करती हैं. जर्जर होने के बावजूद भी इस पुल से हर दिन सैकड़ों वाहनों का आवागमन हो रहा है.
इसे भी पढ़ें: बेतिया में कटहा नदी पर बने पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
बड़ी आबादी को जोड़ता है पुल
मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान के जिलाध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने कहा कि यह पुल दरभंगा से रोसड़ा, वारिसनगर और समस्तीपुर की बड़ी आबादी को जोड़ता है. इस पुल पर लाखों की आबादी निर्भर हैं. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में बना यह पुल कई सालों से जर्जर हालत में है. इस पुल पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
ये भी पढ़ें: कैमूर: मरम्मती के 3 महीने बाद सुआरा पुल का एप्रोच रोड टूटा, कभी भी हो सकता है हादसा
पुल मरम्मत कराने की मांग
जिलाध्यक्ष प्रदीप चौधरी ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि इस जर्जर पुल की तुरंत मरम्मत कराई जाए या फिर यहां जल्द नया पुल बनाया जाए. उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान इसके खिलाफ आगे भी आंदोलन करेगा.
केवटगामा पुल का हाल बेहाल
बता दें कि 8 जून को कमला बलान नदी में पानी का स्तर बढ़ने से केवटगामा पुल (Kewatgama Bridge) ध्वस्त होने के कागार पर है. नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण पुल के नीचे जलकुंभी का अंबार लग गया था. इसके कारण पुराने जर्जर पुल के नीचे पानी की धारा में अवरोध हो रहा है.
ग्रामीणों को मिला सिर्फ आश्वासन
इसके साथ ही 10 जून को भी कमला बलान नदी में उफान की वजह से केवटगामा-पछियारीरही पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया था. जिससे पुल पर आवागमन बंद हो गया था. ग्रामीणों का कहना था कि जिला प्रशासन को सूचना देने के बावजूद भी अब तक उन्हें केवल आश्वासन मिला है, कोई मदद नहीं पहुंची.