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दरभंगा: सीपीआई कार्यकर्ताओं ने 11 सूत्री मांगों को लेकर दिया एकदिवसीय धरना

समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय आह्वान पर प्रवासी मजदूरों के समर्थन में एकदिवसीय धरना दिया.

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Published : May 19, 2020, 5:54 PM IST

Updated : May 20, 2020, 3:40 PM IST

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दरभंगा: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने प्रवासी मजदूरों के समर्थन में 11 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ एकदिवसीय धरना दिया. मंगलवार को समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो हम और भी उग्र प्रदर्शन करेंगे.

वहीं, धरना दे रहे कार्यकर्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हजारों श्रमिकों का काम धंधा छिन गया है. कई प्रवासी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. इनके पास घर पहुंचने के लिए पैसा भी नहीं है. जिसके कारण परिवार का गुजर-बसर करना इनके लिए मुश्किल हो रहा है. इन सबके बावजूद सरकार इनकी बदहाली को नजर अंदाज कर रही है. प्रधानमंत्री की ओर से की गई 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा और वित्त मंत्रालय द्वारा इनके खर्च का विवरण, राजनीति घोषणा के अलावे कुछ भी नहीं है.

देखें पूरी रिपोर्ट

मांगों पर विचार नहीं हुआ तो होगा उग्र आंदोलन
धरना पर बैठे सीपीआई नेता राजीव चौधरी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से अधिक से अधिक ट्रेन और बसें चलाई जाए. साथ ही उन्हें यात्रा के दौरान खाने की सुविधा भी दी जाए. वहीं उन्होंने कहा कि राज्य में जितने भी मजदूर लौट रहे हैं, सभी लोगों को 10 हजार रुपया यात्रा भत्ता के तौर पर दिया जाए. मनरेगा योजना को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए. मजदूरों को 200 दिनों का रोजगार दिया जाए. साथ ही अगर हम लोगों की मांगों पर विचार नहीं होता है तो आंदोलन को और भी उग्र किया जायेगा.

दरभंगा: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने प्रवासी मजदूरों के समर्थन में 11 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ एकदिवसीय धरना दिया. मंगलवार को समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो हम और भी उग्र प्रदर्शन करेंगे.

वहीं, धरना दे रहे कार्यकर्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हजारों श्रमिकों का काम धंधा छिन गया है. कई प्रवासी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. इनके पास घर पहुंचने के लिए पैसा भी नहीं है. जिसके कारण परिवार का गुजर-बसर करना इनके लिए मुश्किल हो रहा है. इन सबके बावजूद सरकार इनकी बदहाली को नजर अंदाज कर रही है. प्रधानमंत्री की ओर से की गई 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा और वित्त मंत्रालय द्वारा इनके खर्च का विवरण, राजनीति घोषणा के अलावे कुछ भी नहीं है.

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मांगों पर विचार नहीं हुआ तो होगा उग्र आंदोलन
धरना पर बैठे सीपीआई नेता राजीव चौधरी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से अधिक से अधिक ट्रेन और बसें चलाई जाए. साथ ही उन्हें यात्रा के दौरान खाने की सुविधा भी दी जाए. वहीं उन्होंने कहा कि राज्य में जितने भी मजदूर लौट रहे हैं, सभी लोगों को 10 हजार रुपया यात्रा भत्ता के तौर पर दिया जाए. मनरेगा योजना को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए. मजदूरों को 200 दिनों का रोजगार दिया जाए. साथ ही अगर हम लोगों की मांगों पर विचार नहीं होता है तो आंदोलन को और भी उग्र किया जायेगा.

Last Updated : May 20, 2020, 3:40 PM IST
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