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दरभंगा: बाढ़ के कारण पशुपालकों की बढ़ी मुश्किलें, चारा जुटाने में हो रही परेशानी - दरभंगा में नदी का बढ़ा जलस्तर

दरभंगा में बाढ़ के कारण पशुपालकों की मुश्किलें बढ़ गई है. उन्हें मवेशियों का चारा जुटाने में काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने सरकार से चारा उपलब्ध कराने की मांग की है.

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बाढ़ के कारण पशुपालकों की बढ़ी मुश्किलें
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Published : Jul 21, 2020, 6:14 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 7:11 PM IST

दरभंगा: पिछले दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से नदियों के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के कारण जिले के लगभग 50 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ का पानी फैलने से खेतों में लगे धान की फसल डूब गयी है. वहीं प्रभावित परिवारों की सबसे बड़ी समस्या मवेशियों को रखना और चारा जुटाना है.

दुर्घटना की आशंका
पूरा इलाका बाढ़ के पानी से घिर जाने के कारण पशुपालकों को बाढ़ के पानी में जाकर चारा लाना पड़ता है. जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. जिले के केवटी, हायाघाट, गौड़ाबौराम, घनश्यामपुर, किरतपुर, हनुमान नगर और कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के 15 पंचायत पूर्णतः और 35 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हो गये हैं. जिनमें पानी से घिरे गांव की संख्या 123 है और प्रभावित जनसंख्या 57 हजार 886 है.

देखें रिपोर्ट

चारा को उपलब्ध कराने की मांग
प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए 13 स्थलों में सामुदायिक रसोई और लोगों के आवागमन के लिए 154 नाव का परिचालन करवाया जा रहा है. वहीं सरकारी स्तर पर पशुपालकों के मवेशियों का चारा व्यवस्था नहीं किया गया है. जिससे उनकी परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं पशुपालकों ने सरकार से पशु के चारा को उपलब्ध करने की मांग की है.

लोगों को हो रही परेशानी
बाढ़ पीड़ित मो. नसीर ने कहा कि बाढ़ आ जाने से चारों तरफ पानी फैल चुका है. एक तरफ बाढ़ का पानी, तो दूसरी तरफ लगातार हो रही बारिश के कारण मवेशियों को रखने में काफी परेशानी हो रही है. गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश हो जाने के कारण हम लोग ऊंचे स्थान पर रहने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशनी मवेशी का चारा जुटाने में हो रही है. बाढ़ के पानी में घुसकर चारा लाना पड़ता है.

दरभंगा: पिछले दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से नदियों के जलस्तर में हुई बढ़ोतरी के कारण जिले के लगभग 50 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ का पानी फैलने से खेतों में लगे धान की फसल डूब गयी है. वहीं प्रभावित परिवारों की सबसे बड़ी समस्या मवेशियों को रखना और चारा जुटाना है.

दुर्घटना की आशंका
पूरा इलाका बाढ़ के पानी से घिर जाने के कारण पशुपालकों को बाढ़ के पानी में जाकर चारा लाना पड़ता है. जिससे हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. जिले के केवटी, हायाघाट, गौड़ाबौराम, घनश्यामपुर, किरतपुर, हनुमान नगर और कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के 15 पंचायत पूर्णतः और 35 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित हो गये हैं. जिनमें पानी से घिरे गांव की संख्या 123 है और प्रभावित जनसंख्या 57 हजार 886 है.

देखें रिपोर्ट

चारा को उपलब्ध कराने की मांग
प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए 13 स्थलों में सामुदायिक रसोई और लोगों के आवागमन के लिए 154 नाव का परिचालन करवाया जा रहा है. वहीं सरकारी स्तर पर पशुपालकों के मवेशियों का चारा व्यवस्था नहीं किया गया है. जिससे उनकी परेशानी बढ़ी हुई है. वहीं पशुपालकों ने सरकार से पशु के चारा को उपलब्ध करने की मांग की है.

लोगों को हो रही परेशानी
बाढ़ पीड़ित मो. नसीर ने कहा कि बाढ़ आ जाने से चारों तरफ पानी फैल चुका है. एक तरफ बाढ़ का पानी, तो दूसरी तरफ लगातार हो रही बारिश के कारण मवेशियों को रखने में काफी परेशानी हो रही है. गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश हो जाने के कारण हम लोग ऊंचे स्थान पर रहने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशनी मवेशी का चारा जुटाने में हो रही है. बाढ़ के पानी में घुसकर चारा लाना पड़ता है.

Last Updated : Jul 21, 2020, 7:11 PM IST
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