दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि के अंतर्गत निजी बीएड कॉलेजों में दो साल का कोर्स कर रहे छात्र मनमानी फीस वसूली से परेशान हैं. छात्र इस परेशानी को लेकर जिला प्रशासन और विवि से कई बार गुहार लगा चुके हैं. लेकिन कहीं भी उन्हें राहत नहीं मिल रही है.
ऐसे में छात्रों ने दरभंगा सांसद गोपालजी ठाकुर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. सांसद ने उनकी मांग सरकार और राजभवन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.
मनमानी फीस वसूली से परेशान छात्र
बीएड छात्रों ने बताया कि कोर्ट ने साल 2019 में एक फैसले के तहत दो साल के बी-एड कोर्स की फीस अधिकतम डेढ़ लाख रुपये निर्धारित की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे लागू करने की जवाबदेही राज्य सरकारों को दी थी. ललित नारायण मिथिला विवि ने ये फैसला लागू करते हुए फैसले के पहले के सत्र 2018-20 पर भी इसे लागू कर दिया. जबकि 2018-20 सत्र में नामांकन लेने वाले छात्रों के लिए फीस 1 लाख 15 हजार रुपये निर्धारित की गई थी.
उन्होंने कहा कि विवि ने सत्र 2017-19 और 2016-18 के छात्रों को शुल्क वृद्धि से अलग रखा. इस फैसले की आड़ में कॉलेजों ने पुराने सत्र के छात्रों से भी नए नियम के तहत 35 हजार रुपये की उगाही शुरू कर दी.
परीक्षा नहीं लेने की दी जा रही थी धमकी
छात्रों ने बताया कि पैसे नहीं देने पर लॉकडाउन में भी छात्रों को परेशान किया जा रहा था और उनकी परीक्षा नहीं लेने की धमकी भी दी जा रही थी. उन्होंने कहा कि ललित नारायण मिथिला विवि के कॉलेजों में बीएड कोर्स में सत्र 2018-20 के छात्रों की संख्या करीब 3 हजार है. जबकि 30 से ज्यादा कॉलेज हैं जहां बीएड की पढ़ाई होती है.
सरकारी कॉलेजों को छोड़कर तकरीबन सभी निजी कॉलेजों में छात्रों को पैसे के लिए परेशान किया जा रहा है. छात्रों के असाइनमेंट की कॉपी भी कई कॉलेज स्वीकार नहीं कर रहे हैं. गरीब छात्र इसमें ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. लेकिन इनकी समस्या का समाधान अभी तक किसी भी स्तर से नहीं हो सका है.