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पानी के कुप्रबंधन को रोककर कुशल प्रबंधन बेहद जरूरी : जल पुरुष - water

डॉ राजेंद्र सिंह कहते हैं कि सरकारें आम जनता से यह बताने से डरती है कि पानी और वोट का बहुत नजदीकी रिश्ता है.

जल पुरुष डॉ राजेंद्र सिंह
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Published : Apr 13, 2019, 3:36 PM IST

पटनाः देश की सरकारें देश की आम आवाम को नदी और वोट का रिश्ता बताने से डरती हैं. वे स्वस्थ समाज के लिए स्वस्थ नदियों की बातें नहीं करना चाहती. यह कहना है मैक्सेसे अवार्ड से सम्मानित और जल पुरुष नाम से प्रख्यात डॉ राजेंद्र सिंह का. जल पुरुष ने किसी भी राजनीतिक दल के घोषणापत्र में इस तरह के मुद्दे को नहीं रखना काफी चिंताजनक बताया.

दरअसल राजधानी पटना में लघु जल संसाधन और पीएचडी विभाग द्वारा आयोजित 'पानी रे पानी' नामक कार्यशाला के आयोजन में डॉ सिंह ने यह बातें कहीं. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार में पानी की कमी नहीं है, लेकिन पानी के कुप्रबंधन को रोककर कुशल प्रबंधन बेहद जरूरी है. जिसके लिए सरकार बिल्कुल भी सक्रीय नजर नहीं आ रही.

patna
सरक्षण है जरूरी

पानी और वोट का रिश्ता
जल पुरुष डॉ राजेंद्र सिंह कहते हैं कि किसी भी राजनीतिक दल के घोषणापत्र में घटते जलस्तर या भूमि जल से जुड़े मुद्दों पर कोई ठोस घोषणा नहीं है. यह काफी चिंताजनक और दुखद है. वे कहते हैं कि इस तरह की घोषणाओं से सरकार या राजनीतिक दलों को बचने से समस्याएं खत्म नहीं होगी. सरकारें आम जनता से यह बताने से डरती है कि पानी और वोट का बहुत नजदीकी रिश्ता है.

patna
नदियां और भारत

गंभीर समस्या है जल प्रबंधन
डॉ सिंह कहते हैं राजनीतिक दल जब तक इन विषयों पर प्राथमिकता से काम नहीं करेंगे तब तक समाज विकसित नहीं हो पाएगा. उनका कहना है कि बिहार में बाढ़ और सुखाड़ जैसे गंभीर समस्या से निपटने के लिए जल प्रबंधन करना सबसे कारगर कदम साबित होगा.

सीएम से मुलाकात कर पेश करेंगे प्रस्ताव
जल पुरुष कहते हैं कि बिहार में जल का कुप्रबंधन रोकना बहुत जरूरी है. इसके लिए वह जल्द मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल अपना प्रस्ताव पेश करेंगे. उन्होंने कहा इसके लिए राज्य सरकार को जल्द साक्षरता केंद्र बनाने की जरूरत है. जिसके लिए मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक कैडर बिल्डिंग की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि सामुदायिक विकेंद्रीकरण जल प्रबंधन करने से बाढ़ और सुखाड़ दोनों से निजात मिल सकती है.

'पानी रे पानी' कार्यशाला में पहुंचे जल पुरुष

बीमार होंगी नदियां तो बीमार होगा समाज
डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा नदियां अगर बीमार होंगी तो समाज और सरकार भी बीमार होंगे. गरीब और खासकर किसानों के लिए जल प्रबंधन को लेकर के सरकार को काम करना बहुत जरूरी है. वे चेतावनी देते हुए कहते हैं जो सरकारें अपने और समाज के भविष्य की चिंता करेगा, वह नदी और जल को लेकर के भी चिंतित होगा.

बताए महत्वपूर्ण तथ्य
डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने पीएचईडी और लघु जल संसाधन विभाग के तमाम अभियंताओं को जल संरक्षण और विस्तारीकरण के महत्वपूर्ण तथ्य बताए.

पटनाः देश की सरकारें देश की आम आवाम को नदी और वोट का रिश्ता बताने से डरती हैं. वे स्वस्थ समाज के लिए स्वस्थ नदियों की बातें नहीं करना चाहती. यह कहना है मैक्सेसे अवार्ड से सम्मानित और जल पुरुष नाम से प्रख्यात डॉ राजेंद्र सिंह का. जल पुरुष ने किसी भी राजनीतिक दल के घोषणापत्र में इस तरह के मुद्दे को नहीं रखना काफी चिंताजनक बताया.

दरअसल राजधानी पटना में लघु जल संसाधन और पीएचडी विभाग द्वारा आयोजित 'पानी रे पानी' नामक कार्यशाला के आयोजन में डॉ सिंह ने यह बातें कहीं. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार में पानी की कमी नहीं है, लेकिन पानी के कुप्रबंधन को रोककर कुशल प्रबंधन बेहद जरूरी है. जिसके लिए सरकार बिल्कुल भी सक्रीय नजर नहीं आ रही.

patna
सरक्षण है जरूरी

पानी और वोट का रिश्ता
जल पुरुष डॉ राजेंद्र सिंह कहते हैं कि किसी भी राजनीतिक दल के घोषणापत्र में घटते जलस्तर या भूमि जल से जुड़े मुद्दों पर कोई ठोस घोषणा नहीं है. यह काफी चिंताजनक और दुखद है. वे कहते हैं कि इस तरह की घोषणाओं से सरकार या राजनीतिक दलों को बचने से समस्याएं खत्म नहीं होगी. सरकारें आम जनता से यह बताने से डरती है कि पानी और वोट का बहुत नजदीकी रिश्ता है.

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नदियां और भारत

गंभीर समस्या है जल प्रबंधन
डॉ सिंह कहते हैं राजनीतिक दल जब तक इन विषयों पर प्राथमिकता से काम नहीं करेंगे तब तक समाज विकसित नहीं हो पाएगा. उनका कहना है कि बिहार में बाढ़ और सुखाड़ जैसे गंभीर समस्या से निपटने के लिए जल प्रबंधन करना सबसे कारगर कदम साबित होगा.

सीएम से मुलाकात कर पेश करेंगे प्रस्ताव
जल पुरुष कहते हैं कि बिहार में जल का कुप्रबंधन रोकना बहुत जरूरी है. इसके लिए वह जल्द मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल अपना प्रस्ताव पेश करेंगे. उन्होंने कहा इसके लिए राज्य सरकार को जल्द साक्षरता केंद्र बनाने की जरूरत है. जिसके लिए मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक कैडर बिल्डिंग की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि सामुदायिक विकेंद्रीकरण जल प्रबंधन करने से बाढ़ और सुखाड़ दोनों से निजात मिल सकती है.

'पानी रे पानी' कार्यशाला में पहुंचे जल पुरुष

बीमार होंगी नदियां तो बीमार होगा समाज
डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा नदियां अगर बीमार होंगी तो समाज और सरकार भी बीमार होंगे. गरीब और खासकर किसानों के लिए जल प्रबंधन को लेकर के सरकार को काम करना बहुत जरूरी है. वे चेतावनी देते हुए कहते हैं जो सरकारें अपने और समाज के भविष्य की चिंता करेगा, वह नदी और जल को लेकर के भी चिंतित होगा.

बताए महत्वपूर्ण तथ्य
डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने पीएचईडी और लघु जल संसाधन विभाग के तमाम अभियंताओं को जल संरक्षण और विस्तारीकरण के महत्वपूर्ण तथ्य बताए.

Intro:देश और राज्य की सरकारें जनता को वोट और पानी का रिश्ता नहीं बताना चाहती है । सरकारें देश के आम आवाम को नदी और वोट का रिश्ता बताने से डरती है। वे स्वस्थ समाज के लिए स्वस्थ नदी की बातें नहीं बताना चाहती। यह कहना है मैक्सेसे अवार्ड से सम्मानित जल पुरुष के नाम से विख्यात डॉ राजेंद्र सिंह का। जल पुरुष ने किसी भी राजनीतिक दल के घोषणापत्र में इस तरह के मुद्दे को नहीं रखना काफी चिंताजनक बताया।
दरअसल राजधानी पटना में लघु जल संसाधन और पीएचडी विभाग द्वारा आयोजित " पानी रे पानी " नामक कार्यशाला के आयोजन में डॉ सिंह ने यह बातें कहीं। ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा बिहार में पानी की कमी नहीं है । लेकिन अगर जरूरत है तो पानी के कुप्रबंधन को रोकने की।


Body:जल पुरुष डॉ राजेंद्र सिंह कहते हैं किसी भी राजनीतिक दल के घोषणापत्र में घटते जल स्तर या भूमि जल से जुड़े मुद्दों पर कोई ठोस घोषणा नहीं होना काफी दुखद है। वे कहते हैं राजनीतिक दल जब तक इन विषयों पर प्राथमिकता से काम नहीं करेगी तब तक समाज विकसित नहीं हो पाएगा। उनका कहना है कि बिहार में बाढ़ और सुखाड़ जैसे गंभीर समस्या से निपटने के लिए जल प्रबंधन करना सबसे कारगर कदम साबित होगा। वे कहते हैं इस तरह की घोषणाओं से सरकार या राजनीतिक दलों को बचने से समस्याएं समाप्त नहीं होगी। जल पुरुष चेंज करते हुए कहते हैं कि सरकारें आम जनता से यह बताने से डरती है कि पानी और वोट का बहुत नजदीकी रिश्ता है।

दो दिवसीय कार्यशाला में डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने पीएचईडी और लघु जल संसाधन विभाग के तमाम अभियंताओं को जल संरक्षण और विस्तारीकरण के महत्वपूर्ण तथ्य बताएं।


Conclusion:जल पुरुष कहते हैं कि बिहार में जल का कुप्रबंधन रोकना बहुत जरूरी है। इसके लिए वह जल्द मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल अपना प्रस्ताव पेश करेंगे। उन्होंने कहा इसके लिए राज्य सरकार को जल्द साक्षरता केंद्र बनाने की जरूरत है जिसके लिए मुख्यालय से लेकर पंचायत स्तर तक कैडर बिल्डिंग की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा सामुदायिक विकेंद्रीकरण जल प्रबंधन करने से बाहर सुकार दोनों से निजात मिल सकता है।
डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा नदियां अगर बीमार होंगे तो समाज और सरकार भी बीमार होगा। गरीब और खासकर किसानों के लिए जल प्रबंधन को लेकर के सरकार को काम करना बहुत जरूरी है। वे चेतावनी देते हुए कहते हैं जो सरकारें अपने और समाज के भविष्य की चिंता करेगा, वह नदी और जल को लेकर के भी चिंतित होगा।
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