पटनाः पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से एनडीए और महागठबंधन दोनों अपनी जीत का दावा करते हुए वोटर्स को लुभाने में लगे हुए हैं. इस बीच पाटलिपुत्र सीट से पहली बार भाग्य आजमा रहे निर्दलीय उम्मीदवार रमेश कुमार शर्मा भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. पटना के नवापुर के रहने वाले रमेश कुमार पेशे से बिजनेसमैन हैं.
इस बार पाटलिपुत्र से अपनी जीत का दावा कर रहे हैं आर के शर्मा की करोड़ों की संपत्ति है और मुंबई में रहकर बिजनेस करते हैं. आर के शर्मा 2015 विधानसभा चुनावों में पिछली बार विक्रम विधानसभा से अपनी किस्मत आजमा चुके हैं. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उस दौरान भी वे निर्दलीय ही मैदान में उतरे थे. इस बार पाटलिपुत्र लोकसभा से एक बार फिर लोगों का मन टटोलने पहुंचे हैं.
उन्होंने मीडिया से दावा किया कि पाटलिपुत्र की जनता इस बार उन्हें जीता कर संसद जरूर भेजेगी. अपने मुद्दों के बारे में उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा रोजगार और विकास के कार्य उनकी पहली प्राथमिकता होगी.
'स्टार प्रचारकों की क्यों पड़ी जरूरत'
शुक्रवार को नौबतपुर स्थित अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर निर्दलीय प्रत्याशी आर के शर्मा ने बीजेपी और महागठबंधन के बारे में कहा कि एक तरफ सभी पार्टियां अपने चुनावी प्रचार में स्टार प्रचारकों का सहारा लेकर जनता को लुभाने की कोशिश में लगी हुई हैं. लेकिन जनता उनके समर्थन में दिख रही है. उनका कहना है कि ये नेता जो आज जाति धर्म की बात कर रहे हैं. असलियत में वह किसी के न होकर अपने स्वार्थ के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं.
'मोदी की जुमलेबाजी'
आर के शर्मा ने15 मई को पीएम मोदी के पालीगंज में होने वाले सभा पर भी बोले. वे कहते हैं कि पीएम सिर्फ और सिर्फ जुमलेबाजी में माहिर हैं. उन्होंने बिहार के विकास के लिए जो कहा था वह आज तक पूरा नहीं किया. लोकसभा चुनावों पर लगातार सभा कर मोदी जनता को लुभाने में लगे हैं.
'परिवारवाद पर हमला'
आर के शर्मा आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहते हैं कि यह पार्टी परिवारवाद का प्रतीक है. मनेर विधानसभा से आरजेडी के भाई वीरेंद्र एक कर्मठ और काम करने वाले नेता हैं लेकिन पार्टी ने उनका टिकट काटकर अपने परिवार के एक सदस्य को दे दिया है. उन्होंने कहा कि जनता इस बार सब देख रही है और इस बार पाटलिपुत्र की धरती से निश्चित ही कोई बड़ा उलटफेर होगा.
उनका कहना है कि पाटलिपुत्र के सभी वर्गों के लोगों ने उन्हें यहां बुलाया है और जाति धर्म की राजनिती से अलग विकास के नाम पर समर्थन की बात कही है.