पटनाः मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर CBI ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कहा कि खुदाई में 11 बच्चियों की हड्डियां मिली हैं. इस हलफनामे के बाद से ही विपक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधा तो NDA नेता ने पलटवार किया.
बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी और उसके सभी नेता हंसी के पात्र हैं. आरजेडी के नेता सिर्फ अनाप-शनाप बयानबाजी करते हैं और किसी को रावण, तो किसी को दुर्योधन कहते हैं. लेकिन उनको यह अधिकार किसने दिया कि वो अपने को अर्जुन और कृष्ण समझें.
'अपने कार्यकाल को याद करे RJD'
निखिल आनंद ने कहा कि तेजस्वी और तेजप्रताप रामायण, महाभारत के ज्ञाता बन जाते हैं. उन्हें अपने उस दौर को भी याद करना चाहिए जब बिहार में हर जगह नरसंहार हो रहा था. उस समय कंस कौन था, शकुनी और दुर्योधन कौन थे. यह सभी पात्र सिर्फ आरजेडी के ही बीच में हैं.
'पहले ही दे दिए थे जांच के आदेश'
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर निखिल आनंद ने कहा कि इस घटना को लेकर एनडीए सरकार ने ही ऑडिट करवाया और उसमें गड़बड़ी पाई गई तो वह जांच करवाने में जुट गई. मामले को लेकर FIR और CBI जांच के भी आदेश दिए गए. हमारी सरकार ने इस पूरी जांच की मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट से कराने का भी आग्रह किया था. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टीका-टिप्पणी करना उचित नहीं है. ऐसा लग रहा है जैसे आरजेडी को सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट जैसे स्वतंत्र संस्थानों पर भरोसा ही नहीं है. जब मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश पर हो रही है तब उस मामले को उठाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.