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बक्सर: हर दिन UP के रास्ते प्रदेश लौट रहे हजारों मजदूर, स्क्रीनिंग कर भेजा रहा क्वारंटीन सेंटर

बिहार-उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर तैनात सब इंस्पेक्टर ज्ञान प्रकाश ने बताया कि लॉकडाउन 4.0 में सबसे अधिक प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं.

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Published : May 19, 2020, 7:48 AM IST

वासी मजूदर
वासी मजूदर

बक्सर: लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजूदरों का वापस अपने गृह जनपद लौटने का सिलसिला जारी है. आए दिन प्रवासी किसी न किसी साधन से या पैदल अने घर आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार में हजारो मजदूरों स्क्रिनिंग के बाद उनके घर भेजा जा रहा है. बॉर्डर इलाके से आने वाले दूसरे जिला के मजदूरों के लिए बिहार पब्लिक स्कूल, अहिरौली, महर्षि च्यवन कॉलेज चौसा में आपदा राहत सहायता केन्द्र बनाया गया है.

लॉकडाउन 4.0 में बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी
बिहार-उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर तैनात सब इंस्पेक्टर ज्ञान प्रकाश ने बताया कि लॉकडाउन 4.0 में सबसे अधिक प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. सुबह से लेकर शाम तक लगभग 1 हजार लोग पैदल और साइकल से बक्सर की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. सभी प्रवासियों को अहिरौली में बने सीमा आपदा राहत केंद्र में बस के माध्यम से भेजा जा रहा है. जहां से उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग कराने के बाद उनको उनके संबंधित जिले में भेज दिया जा रहा है. लगातार आ रहे प्रवासी श्रमिकों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से हर दिन प्रत्येक प्रखंड में 5 नए क्वारंटीन सेंटर बनाए जा रहे हैं. साथ ही साथ क्वारंटीन किए गए सभी लोगों को जॉब कार्ड भी दिया जा रहा है, ताकि 21 दिन की अवधि पूरा करने के बाद उनको रोजगार दिया जा सके.

जिले में बनाये गए 225 क्वारंटीन सेंटर
बता दें कि लॉकडाउन 4.0 में आ रहे मजदूरों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से अब तक 225 क्वारंटीन सेंटर बनाये जा चुके हैं. पंचायत में बने क्वारंटीन सेंटर पर 368 पुरुष, 13 महिला, 2 बच्ची, जबकि प्रखंड में बने 171 क्वारंटीन सेंटर पर 11 हजार 206 पुरुष, 364 महिला, 186 बच्चा , 178 बच्ची, अहिरौली में बने सीमा आपदा राहत केंद्र पर 137 पुरुष, और कृत पूरा आपदा राहत केंद्र पर 24 पुरुषों को क्वारंटीन किया गया है. जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए क्वारंटीन सेंटर पर ठहरे 12 हजार 478 लोगों के बीच बर्तन, खाद्य सामाग्री और अन्य जरुरत के सामान उपलब्ध कराये गए हैं.

बक्सर: लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजूदरों का वापस अपने गृह जनपद लौटने का सिलसिला जारी है. आए दिन प्रवासी किसी न किसी साधन से या पैदल अने घर आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार में हजारो मजदूरों स्क्रिनिंग के बाद उनके घर भेजा जा रहा है. बॉर्डर इलाके से आने वाले दूसरे जिला के मजदूरों के लिए बिहार पब्लिक स्कूल, अहिरौली, महर्षि च्यवन कॉलेज चौसा में आपदा राहत सहायता केन्द्र बनाया गया है.

लॉकडाउन 4.0 में बड़ी संख्या में लौट रहे प्रवासी
बिहार-उत्तरप्रदेश बॉर्डर पर तैनात सब इंस्पेक्टर ज्ञान प्रकाश ने बताया कि लॉकडाउन 4.0 में सबसे अधिक प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के रास्ते बिहार की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. सुबह से लेकर शाम तक लगभग 1 हजार लोग पैदल और साइकल से बक्सर की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. सभी प्रवासियों को अहिरौली में बने सीमा आपदा राहत केंद्र में बस के माध्यम से भेजा जा रहा है. जहां से उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग कराने के बाद उनको उनके संबंधित जिले में भेज दिया जा रहा है. लगातार आ रहे प्रवासी श्रमिकों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से हर दिन प्रत्येक प्रखंड में 5 नए क्वारंटीन सेंटर बनाए जा रहे हैं. साथ ही साथ क्वारंटीन किए गए सभी लोगों को जॉब कार्ड भी दिया जा रहा है, ताकि 21 दिन की अवधि पूरा करने के बाद उनको रोजगार दिया जा सके.

जिले में बनाये गए 225 क्वारंटीन सेंटर
बता दें कि लॉकडाउन 4.0 में आ रहे मजदूरों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से अब तक 225 क्वारंटीन सेंटर बनाये जा चुके हैं. पंचायत में बने क्वारंटीन सेंटर पर 368 पुरुष, 13 महिला, 2 बच्ची, जबकि प्रखंड में बने 171 क्वारंटीन सेंटर पर 11 हजार 206 पुरुष, 364 महिला, 186 बच्चा , 178 बच्ची, अहिरौली में बने सीमा आपदा राहत केंद्र पर 137 पुरुष, और कृत पूरा आपदा राहत केंद्र पर 24 पुरुषों को क्वारंटीन किया गया है. जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए क्वारंटीन सेंटर पर ठहरे 12 हजार 478 लोगों के बीच बर्तन, खाद्य सामाग्री और अन्य जरुरत के सामान उपलब्ध कराये गए हैं.

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