बक्सर: जिले में 50 वर्षो से चली आ रही परम्परा सीताराम विवाह महोत्सव सम्पन्न हो गया. यह महोत्सव 10 दिनों तक किया गया. इसके आखिरी दिन डीएम राघवेन्द्र कुमार सिंह और पुलिस कप्तान उपेन्द्र नाथ वर्मा मुख्य रूप से मौजूद रहे.
सीताराम विवाह महोत्सव हुआ सम्पन्न
दरअसल, जिले में हर साल राम जानकी मंदिर में सीताराम विवाह महोत्सव का आयोजन किया जाता है. वहीं इस महोत्सव का 50वां वर्षगांठ के मौके पर सीताराम विवाह कार्यक्रम धूम-धाम से मनाया गया. सीताराम विवाह महोत्सव देखने के लिए लाखों श्रद्धालुओं और संत महात्माओं की भीड़ जुटी. सीताराम विवाह महोत्सव के दौरान भगवान श्री राम की बारात धूमधाम से निकाली गई. इसमें हाथी, घोड़ों, और बैंड बाजों के साथ प्रभु श्रीराम के साथ उनके सभी भाईयों की बारात सीता माता के आंगन ले जाया गया.
किया गया सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम
प्रभु की बारात का मनोरम दृश्य देख भक्त भाव विभोर हो गए. पूरी रात भगवान के विवाह सम्पन्न होने तक भक्तिरस की सरिता में श्रद्धालु डूबे रहे. जिले के लोगों में इस महोत्सव को लेकर उत्साह का माहौल देखा गया. भारी संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु देश भर से महोत्सव में हिस्सा लेने बक्सर पहुंचे. वहीं संतो के प्रवचन लोगों के लिए अमृत का काम करता रहा. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रसाशन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किये गये. जिला पुलिस कप्तान उपेन्द्र नाथ वर्मा, डीएम राघवेन्द्र कुमार सिंह खुद विवाह स्थल पर मौजूद रहे.
इसका है ऐतिहासिक महत्व
राम जानकी आश्रम के महंथ और कार्यक्रम के आयोजक श्री राजाराम ने बताया की 50 वां वर्ष से यह परम्परा चली आ रही है. इस परम्परा के लिए आस्था का केंद्र बने बक्सर का काफी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्त्व है. इसमें नौ दिन का प्रभु का महोत्सव मनाया जाता है. वहीं इस यहां मोरारी बापू के राम कथा का लाखों लोगों ने आनंद भी उठाया.
50वर्षो से चली आ रही है परम्परा
बता दें कि यह आयोजन 50 साल पहले श्री खाकी बाबा महराज ने सिय -पिय मिलन महोत्सव के रुप में की थी. उसी परम्परा को बक्सर वासी निभाते आ रहे हैं. वहीं खाकी बाबा के समाधि के बाद, मामा जी महाराज एवं राजराम महराज जी इस परम्परा को निभाते आ रहे हैं.