नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (शनिवार) को नई दिल्ली में स्थित भारत मंडपम में ‘ग्रामीण भारत महोत्सव-2025’ का उद्घाटन किया. इस अवसर पर वह सभा को भी संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि, 2014 से ही वे लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगे हैं. मोदी ने कहा, गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है.
पीएम मोदी ने कहा, 'हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया.' बता दें कि, 'ग्रामीण भारत महोत्सव-2025' विकसित भारत 2047 के लिए एक मजबूत ग्रामीण भारत का निर्माण थीम पर आधारित है, जिसका नारा है, 'गांव बढ़े, तो देश बढ़े'.
LIVE: PM Shri @narendramodi inaugurates Grameen Bharat Mahotsav at Bharat Mandapam, New Delhi. https://t.co/oDHUMwr7Ti
— BJP (@BJP4India) January 4, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरा बचपन एक छोटे से शहर में बीता, जिससे मुझे ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों का प्रत्यक्ष अनुभव मिला. साथ ही, इससे मुझे गांवों में छिपी अपार संभावनाओं को समझने में भी मदद मिली. अपनी कड़ी मेहनत के बावजूद, ग्रामीण अक्सर सीमित संसाधनों के कारण अवसरों तक पहुंचने के लिए संघर्ष करते हैं.
उन्होंने हाल ही में किसानों के लिए केंद्र की तरफ से लिए गए निर्णय की चर्चा करते हुए आगे कहा कि, दुनिया में DAP का दाम बढ़ रहा है, आसमान छू रहा है, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर DAP का दाम स्थिर रखा है. हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं. पीएम मोदी आगे कहा, गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं. दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने 'पीएम फसल बीमा योजना' को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है.
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने भारत मंडपम में आयोजित ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 में कारीगरों से बातचीत की. पीएमओ ने कहा कि ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए यह महोत्सव 4 से 9 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा.
इसका मुख्य विषय ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक लचीले ग्रामीण भारत का निर्माण’ रखा गया है, जबकि आदर्श वाक्य ‘गांव बढ़े, तो देश बढ़े’ है. बयान में कहा गया कि महोत्सव में विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और अन्य माध्यमों से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करने और ग्रामीण समुदायों के भीतर नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा.
इसके उद्देश्यों में वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहन देकर और स्थायी कृषि प्रथाओं का समर्थन करके उत्तर-पूर्व भारत पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण आबादी के बीच आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल है.
महोत्सव का एक महत्वपूर्ण ध्यान उद्यमिता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना है. साथ ही इस दौरान सहयोगी और सामूहिक ग्रामीण परिवर्तन के लिए एक रोडमैप बनाने के वास्ते विभिन्न क्षेत्रों के सरकारी अधिकारियों, विचारकों, ग्रामीण उद्यमियों, कारीगरों और हितधारकों को एक साथ लाने, ग्रामीण आजीविका बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और नवीन प्रथाओं का लाभ उठाने के बारे में चर्चा को प्रोत्साहित करने और जीवंत प्रदर्शन और प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन करने पर जोर रहेगा.
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