नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में परिवहन विभाग से जुड़े छह अधिकारियों की गिरफ्तारी से सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छह अधिकारियों को रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने यह कार्रवाई तब की है जब दिल्ली में विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी की हार हुई है. आम आदमी पार्टी की हार के बाद की गई पहली बड़ी प्रशासनिक जांच मानी जा रही है. परिवहन विभाग दिल्ली सरकार के अधीन आता है.
शिकायतों की पुष्टि के बाद हुई कार्रवाई: सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीबीआई को लंबे समय से दिल्ली परिवहन विभाग में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं. विभाग से जुड़े अधिकारियों पर आरोप था कि वे लाइसेंस, परमिट और अन्य परिवहन सेवाओं से जुड़े कामों के लिए रिश्वत मांग रहे थे. विशेष रूप से दिल्ली-गुड़गांव बॉर्डर क्षेत्र में इन गतिविधियों की जानकारी मिली थी. जांच एजेंसी ने सबसे पहले इन शिकायतों की निगरानी और सत्यापन करना शुरू किया. सूत्रों के अनुसार कई स्तरों पर भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है. गिरफ्तार अधिकारियों पर लगे आरोपों की विस्तृत जांच की जा रही है और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं. सीबीआई यह पता लगाने का भी प्रयास कर रही है कि इस भ्रष्टाचार में और किन-किन लोगों का हाथ है.
राजनीतिक रंग ले सकता है ये मामला: दिल्ली परिवहन विभाग में कथित भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षी दल पहले से ही आम आदमी पार्टी सरकार पर हमलावर रहते थे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कई बार इस तरह के आरोप लगा चुकी है कि ट्रांसपोर्ट विभाग में घूसखोरी का एक बड़ा नेटवर्क चल रहा है. अब दिल्ली में सत्ता परिवर्तन हो चुका है. 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार चुकी है. बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. सत्ता परिवर्तन के बाद सीबीआई की बड़ी कार्रवाई राजनीतिक रंग लेता दिख रहा है. विश्लेषकों का मानना है कि ये कार्रवाई भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने के इरादे से हो सकती है, लेकिन इसमें राजनीतिक एंगल भी जुड़ सकता है. चुनाव के तुरंत बाद हुई इस कार्रवाई से विपक्षी दल इसे बदले की राजनीति के रूप में भी देख सकते हैं.
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