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CPIML Rally in Buxar: आज बक्सर में दीपांकर भट्टाचार्य की रैली, लोकसभा सीट के लिए पेश करेंगे दावेदारी!

सीपीआई माले आज बक्सर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश करेगी. शहर के नगर भवन में पार्टी का महासम्मेलन होगा. जहां राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य विरोधियों के साथ-साथ सहयोगियो को भी अपनी ताकत दिखाएंगे. पिछली बार यहां आरजेडी से जगदानंद सिंह ने चुनाव लड़ा था, लेकिन उनको बीजेपी के अश्विनी चौबे से शिकस्त मिली थी.

सीपीआई माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य
सीपीआई माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य
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Published : Jun 14, 2023, 6:58 AM IST

बक्सर: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे राजनीतिक दलों के नेताओं ने सीटों का गुणा-गणित बैठाना शुरू कर दिया है. महागठबंधन में शामिल जेडीयू को छोड़कर आरजेडी, कांग्रेस और माले ने बक्सर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. दो दिन पहले ही कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष के सम्मान समारोह के बहाने कांग्रेस अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुकी है. जिसके बाद माले के डुमरांव विधायक ने भी बक्सर लोकसभा सीट पर पार्टी की दावेदारी पेश कर महागठबंधन के गांठ को ढीला कर दिया है. शहर के नगर भवन में आज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य विपक्षियों के साथ सहयोगियों को भी अपनी ताकत और जनाधार से रूबरू कराएंगे.

ये भी पढ़ें: Bihar Politics: 'मुद्दों के आधार पर महागठबंधन के नेता लड़ेंगे 2024 के लोकसभा चुनाव'- अजीत कुमार सिंह

बक्सर सीट पर सीपीआई माले की दावेदारी: भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के सम्मेलन को सफल बनाने के लिए माल के एक-एक कार्यकर्ता गांव-गांव में घूमकर बक्सर वासियों को निमंत्रण पत्र बांट रहे हैं. अपने बिखरे हुए साथियों को एकजुट कर एक मंच पर लाने के लिए पिछले 15 दिनों से 44 डिग्री टेंपरेचर में खूब पसीने बहा रहे हैं. अपने ही गठबंधन के अपने ही सहयोगी के सियासी दांवपेच देख महागठबंधन के कई दलों में अभी से ही घबराहट है. कहा जा रहा है कि सरकार में बिना शामिल हुए महागठबंधन को बाहर से सहयोग करने वाले माले के नेता अब आर-पार के मूड में हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान अपने मनपसंद के आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जिसकी घोषणा भी आज होगी.

रैली पर विरोधी के साथ-साथ सहयोगी की भी नजर: आपको बताएं कि महागठबंधन के साथी माले के इस महासम्मेलन पर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही महागठबंधन के सहयोगी आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस की भी नजर है, जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने बिहार सरकार का मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर महागठबंधन की गांठ को कमजोर कर दिया है. वहीं माले के इस महासम्मेलन से विपक्षी के साथ सहयोगी भी घबराए हुए हैं कि कहीं 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में होने वाले महागठबंधन की बैठक से पहले ही इस गठबंधन की गांठ खुल न जाए.

बक्सर: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे राजनीतिक दलों के नेताओं ने सीटों का गुणा-गणित बैठाना शुरू कर दिया है. महागठबंधन में शामिल जेडीयू को छोड़कर आरजेडी, कांग्रेस और माले ने बक्सर लोकसभा सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है. दो दिन पहले ही कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष के सम्मान समारोह के बहाने कांग्रेस अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुकी है. जिसके बाद माले के डुमरांव विधायक ने भी बक्सर लोकसभा सीट पर पार्टी की दावेदारी पेश कर महागठबंधन के गांठ को ढीला कर दिया है. शहर के नगर भवन में आज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य विपक्षियों के साथ सहयोगियों को भी अपनी ताकत और जनाधार से रूबरू कराएंगे.

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बक्सर सीट पर सीपीआई माले की दावेदारी: भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के सम्मेलन को सफल बनाने के लिए माल के एक-एक कार्यकर्ता गांव-गांव में घूमकर बक्सर वासियों को निमंत्रण पत्र बांट रहे हैं. अपने बिखरे हुए साथियों को एकजुट कर एक मंच पर लाने के लिए पिछले 15 दिनों से 44 डिग्री टेंपरेचर में खूब पसीने बहा रहे हैं. अपने ही गठबंधन के अपने ही सहयोगी के सियासी दांवपेच देख महागठबंधन के कई दलों में अभी से ही घबराहट है. कहा जा रहा है कि सरकार में बिना शामिल हुए महागठबंधन को बाहर से सहयोग करने वाले माले के नेता अब आर-पार के मूड में हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान अपने मनपसंद के आधा दर्जन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जिसकी घोषणा भी आज होगी.

रैली पर विरोधी के साथ-साथ सहयोगी की भी नजर: आपको बताएं कि महागठबंधन के साथी माले के इस महासम्मेलन पर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही महागठबंधन के सहयोगी आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस की भी नजर है, जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने बिहार सरकार का मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देकर महागठबंधन की गांठ को कमजोर कर दिया है. वहीं माले के इस महासम्मेलन से विपक्षी के साथ सहयोगी भी घबराए हुए हैं कि कहीं 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में होने वाले महागठबंधन की बैठक से पहले ही इस गठबंधन की गांठ खुल न जाए.

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