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Chhath Puja 2022: बक्सर में छठ महापर्व की तैयारी पूरी, सभी घाटों पर सुरक्षाकर्मी और गोताखोर तैनात

चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja) पूजा की शुरुआत हो गई है. फल, सूप, दउरा और ईख से बाजार पट गया है. चौक-चौराहे पर सुरक्षा कर्मियो को तैनात किया गया है. विश्वप्रसिद्ध रामरेखा घाट को आदर्श घाट बनाया गया है तो नाथ बाबा घाट प्लास्टिक मुक्त होगा. पढ़ें पूरी खबर...

चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत
चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत
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Published : Oct 28, 2022, 8:22 PM IST

बक्सर: बिहार के बक्सर में नहाए खाये के साथ चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा (Great Festival Of Folk Faith Chhath Vrat) की शुरुआत हो गई है. जिला प्रशासन के द्वारा विश्व प्रसिद्ध रामरेखा घाट को आदर्श घाट के रूप में बनाया गया है. और नाथ बाबा घाट को इस बार प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया है. कोई भी छठ व्रती गंगा घाट पर प्लास्टिक का थैला या प्लास्टिक से बने अन्य (Chhath Puja 2022) सामग्री को लेकर नहीं पहुंचेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा सभी तैयारी पूरी कर ली गई है. गंगा घाटों को अच्छे तरीके से सजाया गया है. जिससे की छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी ना हो.

ये भी पढ़ें- Chath Puja 2022: गया में नहाए खाए पर सूर्यकुंड में उमड़ी भीड़, नेम-निष्ठा का महापर्व छठ शुरू

फल सूप दउरा से पटा बाजार : कोरोना काल के बाद पहली बार व्यापक पैमाने पर इस बार छठ व्रत मनाया जा रहा है. शहर के वीर कुंवर सिंह चौक से लेकर सब्जी मंडी, ज्योति चौक, सिंडिकेट नहर, पीपरपति रोड, सत्यदेव मिल रोड, किला मैदान, फल, सूप, दउरा से पट गया है. हालांकि बाजार पर इस बार महंगाई का भी असर ज्यादा दिखाई दे रहा है. पिछले बार की अपेक्षा इस बार 30 से 50% तक अधिक राशि का भुगतान लोगों को करना पड़ रहा है. गंगा के बढ़े जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा पहले से ही सभी छठ घाटों पर गंगा किनारे गोताखोरों को तैनात कर दिया गया है. गौरतलब है कि शहर के रामरेखा घाट पर बिहार के अलावे उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, नेपाल के अलावे विदेशों में रहने वाले बिहार के लोग छठ व्रत करने के लिए आते हैं. उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के बाद डूबते हुए और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय छठ महापर्व को संपन्न करते हैं.

सभी घाटों पर तैनात किए गए गोताखोर : जिलाधिकारी ने नगर परिषद एवं अंचला अधिकारी को सख्त निर्देश दिया है कि जितने भी गोताखोर हैं, उनका नंबर बड़े-बड़े अक्षरों में दीवारों पर सार्वजनिक किया जाए ताकि जरुरत के अनुसार संपर्क हो सके. उनको वेशभूषा में रखा जाए जिससे की उनकी पहचान भी हो सके. गंगा किनारे के 9 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है. जिलाधिकारी ने सभी छठ व्रतियों से अपील किया है कि, फुआ घाट, रानी घाट, लक्ष्मीनारायण घाट, बुढ़वा शंकर घाट, जहाज घाट, महाराजा घाट, तुलसी घाट, जज घाट, पुलिया घाट पर व्रत करने ना जायें.

'प्रत्येक साल की अपेक्षा इस बार जिला प्रशासन के द्वारा गंगा घाटों पर बेहतर व्यवस्था किया गया है. छठ व्रतियों से भी अपील है कि जब वह गंगा घाटों के किनारे छठ व्रत करने के लिए पहुंचे तो बारी-बारी से अर्घ्य देकर इस महाव्रत को संपन्न करें.' - संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, सदर विधायक

'विश्व प्रसिद्ध रामरेखा घाट को आदर्श घाट बनाया गया है. जबकि नाथ बाबा घाट को प्लास्टिक मुक्त बनाया गया है. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. सभी गंगा घाटों पर लाइटिंग की भरपूर व्यवस्था किया गया है. छठ व्रतियों को परेशानी ना हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है.' - प्रेम स्वरूपम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद



बक्सर: बिहार के बक्सर में नहाए खाये के साथ चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा (Great Festival Of Folk Faith Chhath Vrat) की शुरुआत हो गई है. जिला प्रशासन के द्वारा विश्व प्रसिद्ध रामरेखा घाट को आदर्श घाट के रूप में बनाया गया है. और नाथ बाबा घाट को इस बार प्लास्टिक मुक्त घोषित किया गया है. कोई भी छठ व्रती गंगा घाट पर प्लास्टिक का थैला या प्लास्टिक से बने अन्य (Chhath Puja 2022) सामग्री को लेकर नहीं पहुंचेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन के द्वारा सभी तैयारी पूरी कर ली गई है. गंगा घाटों को अच्छे तरीके से सजाया गया है. जिससे की छठ व्रतियों को किसी तरह की परेशानी ना हो.

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फल सूप दउरा से पटा बाजार : कोरोना काल के बाद पहली बार व्यापक पैमाने पर इस बार छठ व्रत मनाया जा रहा है. शहर के वीर कुंवर सिंह चौक से लेकर सब्जी मंडी, ज्योति चौक, सिंडिकेट नहर, पीपरपति रोड, सत्यदेव मिल रोड, किला मैदान, फल, सूप, दउरा से पट गया है. हालांकि बाजार पर इस बार महंगाई का भी असर ज्यादा दिखाई दे रहा है. पिछले बार की अपेक्षा इस बार 30 से 50% तक अधिक राशि का भुगतान लोगों को करना पड़ रहा है. गंगा के बढ़े जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन के अधिकारियों के द्वारा पहले से ही सभी छठ घाटों पर गंगा किनारे गोताखोरों को तैनात कर दिया गया है. गौरतलब है कि शहर के रामरेखा घाट पर बिहार के अलावे उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, नेपाल के अलावे विदेशों में रहने वाले बिहार के लोग छठ व्रत करने के लिए आते हैं. उत्तरायणी गंगा में स्नान करने के बाद डूबते हुए और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय छठ महापर्व को संपन्न करते हैं.

सभी घाटों पर तैनात किए गए गोताखोर : जिलाधिकारी ने नगर परिषद एवं अंचला अधिकारी को सख्त निर्देश दिया है कि जितने भी गोताखोर हैं, उनका नंबर बड़े-बड़े अक्षरों में दीवारों पर सार्वजनिक किया जाए ताकि जरुरत के अनुसार संपर्क हो सके. उनको वेशभूषा में रखा जाए जिससे की उनकी पहचान भी हो सके. गंगा किनारे के 9 घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है. जिलाधिकारी ने सभी छठ व्रतियों से अपील किया है कि, फुआ घाट, रानी घाट, लक्ष्मीनारायण घाट, बुढ़वा शंकर घाट, जहाज घाट, महाराजा घाट, तुलसी घाट, जज घाट, पुलिया घाट पर व्रत करने ना जायें.

'प्रत्येक साल की अपेक्षा इस बार जिला प्रशासन के द्वारा गंगा घाटों पर बेहतर व्यवस्था किया गया है. छठ व्रतियों से भी अपील है कि जब वह गंगा घाटों के किनारे छठ व्रत करने के लिए पहुंचे तो बारी-बारी से अर्घ्य देकर इस महाव्रत को संपन्न करें.' - संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, सदर विधायक

'विश्व प्रसिद्ध रामरेखा घाट को आदर्श घाट बनाया गया है. जबकि नाथ बाबा घाट को प्लास्टिक मुक्त बनाया गया है. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. सभी गंगा घाटों पर लाइटिंग की भरपूर व्यवस्था किया गया है. छठ व्रतियों को परेशानी ना हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है.' - प्रेम स्वरूपम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद



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