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Buxar News: बक्सर में जैविक सैनिटरी पैड का उत्पादन शुरू, बिहार में लगी पहली इकाई - ईटीवी भारत न्यूज

बक्सर में बिहार का पहला जैविक सैनिटरी पैड उत्पादन इकाई शुरू (Organic sanitary pad production unit inaugurated) हुई. जीविका के मुख्य विकास आयुक्त ने इसका उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि बक्सर के बाद अन्य जिलों भी उत्पादन किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Feb 23, 2023, 10:30 PM IST

जैविक सैनिटरी पैड उत्पादन इकाई का उद्घाटन

बक्सर: बिहार के बक्सर में पहला जैविक सैनिटरी पैड उत्पादन इकाई की शुरुआत (Organic sanitary pad production unit in Buxa) हुई है. यह इकाई चौसा में लगाई गई है. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका राहुल कुमार ने बिहार के इस प्रथम जैविक सैनिटरी पैड उत्पादक इकाई का उद्घाटन किया. जीविका दीदी इसका निर्माण कर रही हैं और यह पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्री से बनी है. यह पूरी तरह से क्लोरीन मुक्त, रसायन मुक्त और कंपोस्टेबल और पर्यावरण के अनुकूल है. यह बीआईएस मानक के अनुसार है.

ये भी पढ़ेंः Buxar Crime: जमीन विवाद में युवक को उठाकर कुएं में फेंका, काफी मशक्कत से निकाला, देखें VIDEO

त्वचा पर नहीं पड़ेगा प्रतिकूल असरः इस जैविक सैनिटरी पैड का त्वचा पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस इकाई के उद्घाटन के दौरान जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि इस उत्पादक इकाई की रूपरेखा एक वर्ष पूर्व तैयार की गई थी. यह आज फलीभूत हुई है . इसे जन-जन तक पहुंचाने और उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जाए . मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका राहुल कुमार ने बताया कि चौसा प्रखंड अंतर्गत सैनिटरी पैड इकाई बिहार का प्रथम जैविक सैनिटरी उत्पादक इकाई है .

"इस उत्पादक इकाई की रूपरेखा एक वर्ष पूर्व तैयार की गई थी. यह आज फलीभूत हुई है . इसे जन-जन तक पहुंचाने और उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जाए"-अमन समीर डीएम बक्सर

व्यवहार में लाने की अपील कीः राहुल कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस संस्थानों का दायरा बड़ा है. इसलिए इनके माध्यम से इस पर खुलकर चर्चा की जाए. साथ ही जीविका दीदी द्वारा निर्मित 'मायरा' सैनिटरी पैड को व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया जाए और इसके लाभ बताए जाएं. इस इकाई के लिए जिला प्रशासन बक्सर मदद और एसजेवीएन के समन्वय से 30 लाख रुपये और जीविका की ओर से 26.69 लाख रुपये यानी की कुल राशि 56.69 लाख आवंटित की गई. आदर्श जीविका महिला विकास स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड बनारपुर में गठित जननी जीविका महिला उत्पादक समूह की ओर से जैविक सैनिटरी पैड उत्पादक इकाई स्थापित की गई है.

इसके उपयोग और फायदे पर हुई परिचर्चाः इकाई के उद्घाटन के बाद जीविका, आईसीडीएस, जीविका दीदीयों, पीसीआई के प्रतिनिधियों जल जीवन हरियाली मिशन के पदाधिकारियों ने इसके उपयोग, लाभ और उत्पादन पर चर्चा की. इसके उत्पादन का मुख्य उद्देश्य जीविका समूह व उनके परिवारों की किशोरियों, दीदियों के साथ-साथ अन्य महिलायों तक सरलता से और बाजार से कम दाम में जैविक सैनिटरी पैड उपलब्ध कराना है. इससे गांवों में सभी महिलाओं, युवती और किशोरियों को यह सुगमतापूर्वक मिल सके. इससे एक ओर जहां जीविका दीदीयों को रोजगार मिलेगा, वहीं जैविक सैनेटरी पैड की मांग को पूरा भी किया जा सकेगा.

"चौसा प्रखंड अंतर्गत सैनिटरी पैड इकाई बिहार का प्रथम जैविक सैनिटरी उत्पादक इकाई है. स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस संस्थानों का दायरा बड़ा है. इसलिए इनके माध्यम से इस पर खुलकर चर्चा की जाए. साथ ही जीविका दीदी द्वारा निर्मित 'मायरा' सैनिटरी पैड को व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया जाए और इसके लाभ बताए जाएं"- राहुल कुमार, मुख्य विकास आयुक्त जीविका

जैविक सैनिटरी पैड उत्पादन इकाई का उद्घाटन

बक्सर: बिहार के बक्सर में पहला जैविक सैनिटरी पैड उत्पादन इकाई की शुरुआत (Organic sanitary pad production unit in Buxa) हुई है. यह इकाई चौसा में लगाई गई है. मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका राहुल कुमार ने बिहार के इस प्रथम जैविक सैनिटरी पैड उत्पादक इकाई का उद्घाटन किया. जीविका दीदी इसका निर्माण कर रही हैं और यह पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्री से बनी है. यह पूरी तरह से क्लोरीन मुक्त, रसायन मुक्त और कंपोस्टेबल और पर्यावरण के अनुकूल है. यह बीआईएस मानक के अनुसार है.

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त्वचा पर नहीं पड़ेगा प्रतिकूल असरः इस जैविक सैनिटरी पैड का त्वचा पर कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस इकाई के उद्घाटन के दौरान जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि इस उत्पादक इकाई की रूपरेखा एक वर्ष पूर्व तैयार की गई थी. यह आज फलीभूत हुई है . इसे जन-जन तक पहुंचाने और उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जाए . मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जीविका राहुल कुमार ने बताया कि चौसा प्रखंड अंतर्गत सैनिटरी पैड इकाई बिहार का प्रथम जैविक सैनिटरी उत्पादक इकाई है .

"इस उत्पादक इकाई की रूपरेखा एक वर्ष पूर्व तैयार की गई थी. यह आज फलीभूत हुई है . इसे जन-जन तक पहुंचाने और उपयोग में लाने के लिए प्रेरित किया जाए"-अमन समीर डीएम बक्सर

व्यवहार में लाने की अपील कीः राहुल कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस संस्थानों का दायरा बड़ा है. इसलिए इनके माध्यम से इस पर खुलकर चर्चा की जाए. साथ ही जीविका दीदी द्वारा निर्मित 'मायरा' सैनिटरी पैड को व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया जाए और इसके लाभ बताए जाएं. इस इकाई के लिए जिला प्रशासन बक्सर मदद और एसजेवीएन के समन्वय से 30 लाख रुपये और जीविका की ओर से 26.69 लाख रुपये यानी की कुल राशि 56.69 लाख आवंटित की गई. आदर्श जीविका महिला विकास स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड बनारपुर में गठित जननी जीविका महिला उत्पादक समूह की ओर से जैविक सैनिटरी पैड उत्पादक इकाई स्थापित की गई है.

इसके उपयोग और फायदे पर हुई परिचर्चाः इकाई के उद्घाटन के बाद जीविका, आईसीडीएस, जीविका दीदीयों, पीसीआई के प्रतिनिधियों जल जीवन हरियाली मिशन के पदाधिकारियों ने इसके उपयोग, लाभ और उत्पादन पर चर्चा की. इसके उत्पादन का मुख्य उद्देश्य जीविका समूह व उनके परिवारों की किशोरियों, दीदियों के साथ-साथ अन्य महिलायों तक सरलता से और बाजार से कम दाम में जैविक सैनिटरी पैड उपलब्ध कराना है. इससे गांवों में सभी महिलाओं, युवती और किशोरियों को यह सुगमतापूर्वक मिल सके. इससे एक ओर जहां जीविका दीदीयों को रोजगार मिलेगा, वहीं जैविक सैनेटरी पैड की मांग को पूरा भी किया जा सकेगा.

"चौसा प्रखंड अंतर्गत सैनिटरी पैड इकाई बिहार का प्रथम जैविक सैनिटरी उत्पादक इकाई है. स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस संस्थानों का दायरा बड़ा है. इसलिए इनके माध्यम से इस पर खुलकर चर्चा की जाए. साथ ही जीविका दीदी द्वारा निर्मित 'मायरा' सैनिटरी पैड को व्यवहार में लाने के लिए प्रेरित किया जाए और इसके लाभ बताए जाएं"- राहुल कुमार, मुख्य विकास आयुक्त जीविका

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