बक्सर: बिहार के बक्सर सांसद सह केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे (Union Minister Ashwini Choubey) ने बक्सर में हुए पुलिस तांडव और हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई अलोकतांत्रिक थी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिले के डीएम-कमिश्नर सहित सभी पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों से बातचीत हुई है. उन्होंने कहा है कि वे किसानों से तत्काल बातचीत की प्रक्रिया शुरू करें और तनाव कम करने की कोशिश करें.
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हिंसा किसी समस्या का समाधान नही: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है. देर रात पुलिस ने जिस तरह से किसानों के घर में घुसकर कार्रवाई की है, वह गुंडागर्दी थी. पुलिस का रवैया अलोकतांत्रिक था. जो भी दोषी पुलिस वाले हैं, जिन्होंने देर रात बिना वारंट के किसानों के घर में घुसकर लाठियां चलाई, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
"नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बनकर सब कुछ देख रहे हैं. पूरी सरकार धृतराष्ट्र बन गई है. जनता को रोड पर छोड़कर जदयू, राजद और कांग्रेस सहित उनके सहयोगी दल सत्ता का सुख भोग रहे हैं. युवा रोजगार मांग रहे हैं तो लाठी से पीटा जा रहा है. किसान हक मांग रहे हैं तो घरों में घुसकर उन्हें पीटा जा रहा है. नीतीश बाबू यही जंगल राज है."- अश्विनी चौबे, केंद्रीय मंत्री
12 दिसम्बर 2022 को हुई थी बैठक: सांसद ने कहा 12 दिसंबर, 2022 को कंपनी और प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी और उन्हें निर्देश दिया था कि वह शांतिपूर्ण तरीके से जमीन अधिग्रहण के मसले को सुलझाए. जिला प्रशासन को भी आगाह किया था कि किसानों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं होगा. उन्होंने सभी से अपील की है कि हिंसा न करें. हिंसा से किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है.
क्या है पूरा मामला: किसानों का कहना है कि चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण 2010-11 से पहले किया गया था. उस वक्त 2010-11 के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया गया था. उसके बाद जब कंपनी ने 2022 में किसानों की जमीन को अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू की तब किसानों ने वर्तमान दर के हिसाब से जमीन का मुआवजा मांगा, जिसके लिए कंपनी तैयार नहीं है. इसी के विरोध में पिछले दो महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं.
पुलिस की पिटाई के बाद उग्र हुए किसान: मंगलवार की देर रात पुलिस ने कई किसानों के घर में घुसकर महिलाओं, पुरूषों और बच्चों पर लाठियां चलाई, जिसमें कई लोग बूरी तरह से घायल हो गए. इसी के आक्रोश में बुधवार को किसान उग्र हो गए और मौके पर पहुंचकर कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और कंपनी में भी जमकड़ तोड़फोड़ की. भीड़ को अनियंत्रित करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी.