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ECR के जीएम बोले- 150 निजी ट्रेनों से यात्रियों के लिए बढ़ेगी सुविधाएं - 150 निजी ट्रेनें

पूर्व मध्य जोन के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने कहा कि जल्द ही मालगाड़ियों के लिए एक अलग कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिससे नई यात्री गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा सके.

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Published : Feb 2, 2020, 11:14 AM IST

Updated : Feb 2, 2020, 1:32 PM IST

बक्सर: भारतीय रेलवे की पर अब सिर्फ भारतीय रेल ही नहीं, बल्कि निजी ट्रेनें भी दौड़ने वाली हैं. पूर्व मध्य जोन महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने बक्सर रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान लगभग 150 ट्रेनें निजी ऑपरेटरों के संचालन में चलाए जाने की बात कही.

निजी ऑपरेटरों के संचालन में 150 ट्रेनें
पूर्व मध्य जोन के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने बक्सर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने लगभग 150 ट्रेनें निजी ऑपरेटरों के संचालन में सौंपने की बात कही. उन्होंने कहा कि जल्द ही मालगाड़ियों के लिए एक अलग कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिससे नई यात्री गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा सके.

पेश है रिपोर्ट

निजीकरण के दौर में भारतीय रेल भी शामिल
भारतीय रेल को शुरू से ही आम आदमी की सवारी माना जाता है. गरीब, मध्यम से लेकर उच्च वर्ग तक के लोग रेल सेवा को पसंद करते हैं. निजीकरण के इस दौर में भारतीय रेल भी अछूता नहीं रह गया है. अब देखना है कि भारतीय रेल पर निजीकरण का कैसा असर होता है.

बक्सर: भारतीय रेलवे की पर अब सिर्फ भारतीय रेल ही नहीं, बल्कि निजी ट्रेनें भी दौड़ने वाली हैं. पूर्व मध्य जोन महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने बक्सर रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के दौरान लगभग 150 ट्रेनें निजी ऑपरेटरों के संचालन में चलाए जाने की बात कही.

निजी ऑपरेटरों के संचालन में 150 ट्रेनें
पूर्व मध्य जोन के महाप्रबंधक एलसी त्रिवेदी ने बक्सर रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने लगभग 150 ट्रेनें निजी ऑपरेटरों के संचालन में सौंपने की बात कही. उन्होंने कहा कि जल्द ही मालगाड़ियों के लिए एक अलग कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिससे नई यात्री गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा सके.

पेश है रिपोर्ट

निजीकरण के दौर में भारतीय रेल भी शामिल
भारतीय रेल को शुरू से ही आम आदमी की सवारी माना जाता है. गरीब, मध्यम से लेकर उच्च वर्ग तक के लोग रेल सेवा को पसंद करते हैं. निजीकरण के इस दौर में भारतीय रेल भी अछूता नहीं रह गया है. अब देखना है कि भारतीय रेल पर निजीकरण का कैसा असर होता है.

Intro:वैसे तो भारतीय रेल को शुरू से आम आदमी की सवारी माना जाता रहा है। सस्ती और सुगम यात्रा भारतीय रेल की विशेषता रही है।गरीब वर्ग हो या मध्यम वर्ग या फिर उच्च वर्ग हर किसी की पहली पसंद भारतीय रेल होती है ।लेकिन अब भारतीय रेल भी अपने आपको बदल रही है ।निजीकरण के इस दौर में भारतीय रेल भी अब अछूता नही रह सकती है ।


Body: आपकों बताते चलें कि भारतीय रेलवे की पटरियों पर अब केवल भारतीय रेल की गाड़ियों के चलने के दिन लादने वाले हैं । अब इन पटरियों पर बहुत जल्दी ही निजी ट्रेनें दौड़ती नजर आएंगी ।आज बक्सर रेलवे स्टेशन के निरीक्षण में पहुँचे पूर्व मध्य जोन महाप्रबंधक एल सी त्रिवेदी की माने तो करीब 150 ट्रेनें निजी आपरेटरों के संचालन में बहुत जल्दी चलाई जाएंगी ।शीघ्र ही मालगाड़ियों के लिए अलग कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा ,जिससे नई यात्री गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी ।
vo और रेडी टू अपलोड उपलब्ध


Conclusion:ऐसे में यह कहना सही प्रतीत होता है कि कही आधुनिकता के इस दौड़ में आम आदमी की सवारी कही जाने वाली भारतीय रेल आम आदमी के ही पहुँच से दूर न ही जाए ।।
Last Updated : Feb 2, 2020, 1:32 PM IST
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