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10 करोड़ खर्च कर शहर के अंदर किया जा रहा कूड़े को डंप, कैसे होगा 'क्लीन बक्सर' का सपना पूरा?

Garbage Dump In Buxar: बक्सर में सालाना कूड़े पर 10 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं लेकिन इस बावजूद शहर में ही पूरा कचरा डंप किया जा रहा है. सड़क किनारे कूड़ा डंप करने से शहर में गंदगी बढ़ती जा रही है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 7, 2024, 12:01 PM IST

शहर में कूड़ा डंप होने से फैली गंदगी

बक्सर: बिहार सरकार का लोहिया स्वच्छता मिशन भी बक्सर नगर परिषद क्षेत्र को स्वच्छ रखने में सफल साबित नहीं हो रहा है. आलम यह है कि शहर के कूड़े को उठाकर शहर के अंदर ही सड़को के किनारे, बाईपास नहर, बाजार समिति रोड, सदर अस्पताल रोड पर डंप किया जा रहा है, जिससे सड़को पर चलना मुश्किल हो गया है. केवल बक्सर नगर परिषद क्षेत्र की साफ सफाई पर नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा हर साल 10 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाती है. उसके बाद भी शहर के हालात नहीं बदल रहे हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग: अब आलम यह है कि ऐतिहासिक किला मैदान से लेकर ज्योति चौक बाईपास नहर, सदर अस्पताल रोड के किनारे कूड़े के ढेर से बदबू नगर परिषद क्षेत्र के बदहाली को चीख चीखकर बता रहा है. शहर की सड़कों पर फैली गंदगी को लेकर नगर वासियों ने कहा कि "सत्ता और शासन में बैठे जनप्रतिनिधि और अधिकारी केवल अपनी जेब गरम करने और अपने करीबियों को लाभ पहुचाने के लिए चिंतित है. शहर की क्या हालात है. इसके बारे में कोई नहीं सोच रहा है. विश्व की पटल पर जिस बक्सर को धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी के नाम से जाना जाता था, वह शहर अब कूड़े की नगरी बनकर रह गया है."

सड़क किनारे फैली गंदगी
सड़क किनारे फैली गंदगी
नहीं बना कूड़ा डंपिंग जोन: नगर की सड़कों पर पसरे कूड़े को लेकर नप की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने कहा कि "कूड़ा डंपिंग जोन नहीं होने के कारण इधर-उधर कूड़े को व्यवस्थित किया जा रहा है. डंपिंग जोन के लिए जगह चिन्हित कर विभाग को प्रपोजल भेजा गया है. जैसे ही स्वीकृति मिल जाती है. तमाम कचड़े को उठाकर डंपिंग जोन में ले जाया जाएगा और हमारा बक्सर पूरी तरह से स्वच्छ होगा." गौरतलब हो कि जिले के बक्सर और डुमरांव अनुमंडल में कूड़ा डंपिंग जोन नहीं होने के कारण दोनों शहरों की हालात एक जैसा ही है.

पढ़ें-Buxar Municipal Council : 9 करोड़ 84 लाख खर्च कर शहर में ही डंप हो रहा कचरा, लोगों ने उठाया सवाल

शहर में कूड़ा डंप होने से फैली गंदगी

बक्सर: बिहार सरकार का लोहिया स्वच्छता मिशन भी बक्सर नगर परिषद क्षेत्र को स्वच्छ रखने में सफल साबित नहीं हो रहा है. आलम यह है कि शहर के कूड़े को उठाकर शहर के अंदर ही सड़को के किनारे, बाईपास नहर, बाजार समिति रोड, सदर अस्पताल रोड पर डंप किया जा रहा है, जिससे सड़को पर चलना मुश्किल हो गया है. केवल बक्सर नगर परिषद क्षेत्र की साफ सफाई पर नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा हर साल 10 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाती है. उसके बाद भी शहर के हालात नहीं बदल रहे हैं.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग: अब आलम यह है कि ऐतिहासिक किला मैदान से लेकर ज्योति चौक बाईपास नहर, सदर अस्पताल रोड के किनारे कूड़े के ढेर से बदबू नगर परिषद क्षेत्र के बदहाली को चीख चीखकर बता रहा है. शहर की सड़कों पर फैली गंदगी को लेकर नगर वासियों ने कहा कि "सत्ता और शासन में बैठे जनप्रतिनिधि और अधिकारी केवल अपनी जेब गरम करने और अपने करीबियों को लाभ पहुचाने के लिए चिंतित है. शहर की क्या हालात है. इसके बारे में कोई नहीं सोच रहा है. विश्व की पटल पर जिस बक्सर को धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी के नाम से जाना जाता था, वह शहर अब कूड़े की नगरी बनकर रह गया है."

सड़क किनारे फैली गंदगी
सड़क किनारे फैली गंदगी
नहीं बना कूड़ा डंपिंग जोन: नगर की सड़कों पर पसरे कूड़े को लेकर नप की कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम ने कहा कि "कूड़ा डंपिंग जोन नहीं होने के कारण इधर-उधर कूड़े को व्यवस्थित किया जा रहा है. डंपिंग जोन के लिए जगह चिन्हित कर विभाग को प्रपोजल भेजा गया है. जैसे ही स्वीकृति मिल जाती है. तमाम कचड़े को उठाकर डंपिंग जोन में ले जाया जाएगा और हमारा बक्सर पूरी तरह से स्वच्छ होगा." गौरतलब हो कि जिले के बक्सर और डुमरांव अनुमंडल में कूड़ा डंपिंग जोन नहीं होने के कारण दोनों शहरों की हालात एक जैसा ही है.

पढ़ें-Buxar Municipal Council : 9 करोड़ 84 लाख खर्च कर शहर में ही डंप हो रहा कचरा, लोगों ने उठाया सवाल

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