बक्सर: बिहार सरकार का लोहिया स्वच्छता मिशन भी बक्सर नगर परिषद क्षेत्र को स्वच्छ रखने में सफल साबित नहीं हो रहा है. आलम यह है कि शहर के कूड़े को उठाकर शहर के अंदर ही सड़को के किनारे, बाईपास नहर, बाजार समिति रोड, सदर अस्पताल रोड पर डंप किया जा रहा है, जिससे सड़को पर चलना मुश्किल हो गया है. केवल बक्सर नगर परिषद क्षेत्र की साफ सफाई पर नगर परिषद के अधिकारियों के द्वारा हर साल 10 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाती है. उसके बाद भी शहर के हालात नहीं बदल रहे हैं.
क्या कहते हैं स्थानीय लोग: अब आलम यह है कि ऐतिहासिक किला मैदान से लेकर ज्योति चौक बाईपास नहर, सदर अस्पताल रोड के किनारे कूड़े के ढेर से बदबू नगर परिषद क्षेत्र के बदहाली को चीख चीखकर बता रहा है. शहर की सड़कों पर फैली गंदगी को लेकर नगर वासियों ने कहा कि "सत्ता और शासन में बैठे जनप्रतिनिधि और अधिकारी केवल अपनी जेब गरम करने और अपने करीबियों को लाभ पहुचाने के लिए चिंतित है. शहर की क्या हालात है. इसके बारे में कोई नहीं सोच रहा है. विश्व की पटल पर जिस बक्सर को धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी के नाम से जाना जाता था, वह शहर अब कूड़े की नगरी बनकर रह गया है."
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