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कानून व्यवस्था पर नीतीश को घिरता देख मैदान में उतरे पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय

बिहार में बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. राजधानी पटना में हुए रूपेश हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर विपक्षी पार्टी लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार पुलिस को थोड़ा समय देना होगा.

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय
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Published : Jan 16, 2021, 10:11 AM IST

बक्सर: रूपेश हत्याकांड के बाद नीतीश सरकार और बिहार पुलिस के ऊपर कई सवाल किए जा रहे है. वहीं इनका बचाओ करने मैदान में उतरे पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार में अपराध नहीं बढ़ रहा है. बिहार का हालात 15 साल पहले जैसा नहीं है.

आपसी दुश्मीन से हो रही हत्याएं
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार में कही न कही संगठित अपराध हो रहा है. पैसों के लिये किसी का अपहरण नहीं किया जा रहा है. आपसी दुश्मनी को लेकर लोग एक-दूसरे की हत्या कर रहे है.

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय.
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय.

बिहार पुलिस पर भरोसा रखे और उन्हें थोड़ा समय दें.अपराधियों को सलाखों के पीछे जाना तय है. कुछ मामलों के उद्भेदन में समय लग जाता है. -गुप्तेश्वर पांडेय, पूर्व डीजीपी

इसे भी पढ़ें: रूपेश के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर छपरा में निकाला गया कैंडल मार्च

देखें रिपोर्ट.
घटना के बाद विपक्ष से लेकर सरकार तक की टूटती है नींदइस प्रदेश में प्रति दिन सैकड़ों लोग अपने फरियाद को लेकर थाना जाते है. लेकिन जिसका जेब खाली हो उसके साथ पुलिस कैसा व्यवहार करती है यह किसी से छूपा नहीं है. 10 जनवरी को नगर थाना पुलिसकर्मियों के माध्यम से पकड़े गए दो शराब तस्करों में से एक कुख्यात था. उसके बाद भी पेशी के दौरान पुलिस ने उसे जानबूझकर भागने का मौका दिया. इस बात का खुलासा जांच रिपोर्ट में एसपी नीरज कुमार सिंह ने खुद किया है.

पुलिस की लापरवाही का भांड़ाफोड़
पुलिस बिना हथकड़ी लगाए ही अपराधियों को होमगार्ड के जवानों के भरोसे पेशी के लिए भेज दिया गया. उसके बाद भी कार्रवाई के नाम पर चौकिदार को निलंबित कर वरीय अधिकारियों ने चुप्पी साध ली. तीन दिन बाद भले पुलिस खोजने में नाकाम रही लेकिन 13 जनवरी को दोनों अपराधियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया.

पूर्व डीजीपी ने पहले ही कहा था बिहार में बढ़ेगा अपराध
6 माह पहले लॉकडाउन के दौरान गृह जिला पहुंचे बतौर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इटीवी को दिए अपने बयान में साफ शब्दों में कहा था कि लॉकडाउन टूटने के बाद बिहार में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होगी. पुलिस को उसे रोकने के लिए विशेष रणनीति बनानी होगी. इसके बाद भी पुलिस बड़े अपराधियों को छोड़ छोटे-छोटे अपराधियों को गिरफ्तार कर अपना पीठ थपथपाती रही.

सरकार और पुलिसकर्मियों के बचाओ में उतरे पूर्व डीजीपी
बिहार बढ़े आपराधिक घटनाओं को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि-

बिहार में अपराध बढ़ा है इसका आंकड़ा किसके पास है. कोई ऐसी चर्चित घटना घट जाता है जिसे देखकर सुनकर लगता है कि अपराध की घटनाओं में वृद्धि हो गया है. कोई भी घटना दु:खद है. प्रदेश वासियों को बिहार पुलिस पर भरोसा रखना चाहिए. पुलीस उन अपराधियो तक जरूर पहुंच जाएगी. -गुप्तेश्वर पांडेय, पूर्व डीजीपी

ये भी पढ़ें: 'रॉबिनहुड वीडियो' से चौतरफा घिरे पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय, RJD बोली- ये वर्दी का अपमान

15 साल पहले क्या था बिहार का हाल
गुप्तेश्वर पांडेय कहा कि आज से 15 साल पहले बिहार में पैसों के लिए एक साल में 500 अपहरण की घटनाओं को अपराधी अंजाम देते थे. नरसंहार से पूरा बिहार कांप जाता था. आज बिहार में कही भी पैसों के लिए अपहरण नहीं हो रहा है. संगठित अपराध खत्म हो गया है. आपसी दुश्मनी में हत्याएं हो रही है. जिसे रोकने में बिहार पुलिस पूरी तरह से सक्षम है.

बक्सर: रूपेश हत्याकांड के बाद नीतीश सरकार और बिहार पुलिस के ऊपर कई सवाल किए जा रहे है. वहीं इनका बचाओ करने मैदान में उतरे पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार में अपराध नहीं बढ़ रहा है. बिहार का हालात 15 साल पहले जैसा नहीं है.

आपसी दुश्मीन से हो रही हत्याएं
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि बिहार में कही न कही संगठित अपराध हो रहा है. पैसों के लिये किसी का अपहरण नहीं किया जा रहा है. आपसी दुश्मनी को लेकर लोग एक-दूसरे की हत्या कर रहे है.

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय.
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय.

बिहार पुलिस पर भरोसा रखे और उन्हें थोड़ा समय दें.अपराधियों को सलाखों के पीछे जाना तय है. कुछ मामलों के उद्भेदन में समय लग जाता है. -गुप्तेश्वर पांडेय, पूर्व डीजीपी

इसे भी पढ़ें: रूपेश के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर छपरा में निकाला गया कैंडल मार्च

देखें रिपोर्ट.
घटना के बाद विपक्ष से लेकर सरकार तक की टूटती है नींदइस प्रदेश में प्रति दिन सैकड़ों लोग अपने फरियाद को लेकर थाना जाते है. लेकिन जिसका जेब खाली हो उसके साथ पुलिस कैसा व्यवहार करती है यह किसी से छूपा नहीं है. 10 जनवरी को नगर थाना पुलिसकर्मियों के माध्यम से पकड़े गए दो शराब तस्करों में से एक कुख्यात था. उसके बाद भी पेशी के दौरान पुलिस ने उसे जानबूझकर भागने का मौका दिया. इस बात का खुलासा जांच रिपोर्ट में एसपी नीरज कुमार सिंह ने खुद किया है.

पुलिस की लापरवाही का भांड़ाफोड़
पुलिस बिना हथकड़ी लगाए ही अपराधियों को होमगार्ड के जवानों के भरोसे पेशी के लिए भेज दिया गया. उसके बाद भी कार्रवाई के नाम पर चौकिदार को निलंबित कर वरीय अधिकारियों ने चुप्पी साध ली. तीन दिन बाद भले पुलिस खोजने में नाकाम रही लेकिन 13 जनवरी को दोनों अपराधियों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया.

पूर्व डीजीपी ने पहले ही कहा था बिहार में बढ़ेगा अपराध
6 माह पहले लॉकडाउन के दौरान गृह जिला पहुंचे बतौर डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इटीवी को दिए अपने बयान में साफ शब्दों में कहा था कि लॉकडाउन टूटने के बाद बिहार में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि होगी. पुलिस को उसे रोकने के लिए विशेष रणनीति बनानी होगी. इसके बाद भी पुलिस बड़े अपराधियों को छोड़ छोटे-छोटे अपराधियों को गिरफ्तार कर अपना पीठ थपथपाती रही.

सरकार और पुलिसकर्मियों के बचाओ में उतरे पूर्व डीजीपी
बिहार बढ़े आपराधिक घटनाओं को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि-

बिहार में अपराध बढ़ा है इसका आंकड़ा किसके पास है. कोई ऐसी चर्चित घटना घट जाता है जिसे देखकर सुनकर लगता है कि अपराध की घटनाओं में वृद्धि हो गया है. कोई भी घटना दु:खद है. प्रदेश वासियों को बिहार पुलिस पर भरोसा रखना चाहिए. पुलीस उन अपराधियो तक जरूर पहुंच जाएगी. -गुप्तेश्वर पांडेय, पूर्व डीजीपी

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15 साल पहले क्या था बिहार का हाल
गुप्तेश्वर पांडेय कहा कि आज से 15 साल पहले बिहार में पैसों के लिए एक साल में 500 अपहरण की घटनाओं को अपराधी अंजाम देते थे. नरसंहार से पूरा बिहार कांप जाता था. आज बिहार में कही भी पैसों के लिए अपहरण नहीं हो रहा है. संगठित अपराध खत्म हो गया है. आपसी दुश्मनी में हत्याएं हो रही है. जिसे रोकने में बिहार पुलिस पूरी तरह से सक्षम है.

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