बक्सर: अरुणाचल प्रदेश में जदयू के 6 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही बिहार में बीजेपी और जदयू के नेताओं के बीच तल्खी तेज हो गई है. जदयू की खामोशी से बीजेपी नेताओं की परेशानी बढ़ गई है. इस मामले को लेकर कांग्रेस विधायक ने कहा कि राजनीति संभावनाओं का खेल है.
भाजपा की बढ़ी परेशानियां
अरुणाचल प्रदेश में जदयू के साथ बीजेपी नेताओं के भीतरघात के बाद से ही बिहार की राजनीति में बदलाव का संकेत मिलने लगा है. जदयू के नेताओं की खामोशी और नीतीश कुमार के प्रति विपक्ष के सॉफ्ट नजरिए ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है. शहर के चौक-चौराहों से लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टी के कार्यालयों में बिहार के सियासत में बदलाव की चर्चा खुलेआम हो रहा है.
विधानसभा चुनाव में जदयू और बीजेपी के बीच दिखी थी दूरी
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी बक्सर जिले में जदयू और बीजेपी नेताओं के बीच दूरी साफ दिखाई दे रहा था. शहर के किला मैदान में जेपी नड्डा के मंच पर आने के बाद जब मंच से नीतीश कुमार का नाम नहीं लिया गया तो जदयू के नेता मंच छोड़कर चले गए. इस कार्यक्रम के दौरान ही जदयू के कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा किया. जिसका परिणाम है कि जिला के चारों विधानसभा सीट पर एनडीए के नेता ही एक-दूसरे के साथ भीतरघात कर चुनाव हार गए. वहीं चारों सीट महागठबन्धन ने जीत लिया.
बीजेपी-जदयू के तल्खी पर बोले बीजेपी नेता
भारतीय जनता पार्टी और जदयू के नेताओं के बीच बढ़ रहे दूरी पर जब भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान उम्मीदवर परशुराम चतुर्वेदी से पूछा तो उन्होंने बताया कि-
अभी हमारा गठबंधन जदयू के साथ है. लेकिन कल किसको ठोकर लग जायेगा यह भविष्य कोई नहीं जानता है. पहले भी बिहार में कई तरह का बदलाव हुआ है. -परशुराम चतुर्वेदी, भाजपा के निवर्तमान उम्मीदवर
अरुणाचल प्रदेश में जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही सहयोगी जदयू के पीठ में छुरा घोंपा है. उसके बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी परेशान हैं. भारतीय जनता पार्टी के नेता जदयू को निगल जाना चाहते हैं. जिससे जदयू का नामोनिशान मिट जाए. -संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, कांग्रेस विधायक