बक्सर: बिहार के बक्सर नगर परिषद क्षेत्र के विकास के लिए नगर परिषद के बोर्ड में पास हुए बजट पर पार्षद ही सवाल खड़े कर रहे हैं. चेयरमैन से लेकर 70 प्रतिशत सदस्यों को जानकारी ही नहीं है कि कितने का बजट पेश हुआ है. बक्सर नगर परिषद बोर्ड की पहली बैठक में विभाग के द्वारा 1 अरब 25 करोड़ 96 लाख 8 हजार 166 रुपये का बजट पेश किया गया हालांकि इस दौरान बजट पर सहमति नही बनने के बाद भी कार्यपालक पदाधिकारी ने दबाव बनाकर यह घोषणा करवा दी कि बजट पास हो गया.
बक्सर नगर परिषद बोर्ड में सवा अरब का बजट पास: ढाई घण्टे तक चले इस ड्रामे के बाद भी नगर परिषद के अध्यक्ष से लेकर 70 प्रतिशत सदस्यों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि सदन में कितने का बजट पेश किया गया है. इस बार के बजट में खास क्या है, यह भी नहीं पता था. पूरे बैठक के दौरान नगर परिषद के चेयरमैन कमरून निशा मूकदर्शक की भूमिका में बैठी रहीं. नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम नए पार्षदों पर दबाव बनाकर बजट को पास करा लिया जिसके कारण खूब हंगामा हुआ. अंत मे बजट पास करने की घोषणा कर दी गई.
वार्ड पार्षदों ने लगाया गम्भीर आरोप: सदन में बिना बहुमत के बजट पास कराने का आरोप लगाते हुए वार्ड नम्बर 27 के वार्ड पार्षद चक्रवर्ती चौधरी ने बताया कि नगर पालिका अधिनियम में सरकार के द्वारा यह व्यवस्था किया गया है कि बजट पेश करने से पूर्व बजट की कॉपी माननीय सदस्यों को उपलब्ध करना है. लेकिन उस नियम को ताख पर रखकर बोर्ड की बैठक बुलाई गई.
"बैठक में इंग्लिश में छपी डॉक्यूमेंट पार्षदों को दिया गया और कहा गया कि बजट पास हो गया. जबकि किसी सदस्य ने अभी बजट पढ़ा तक नहीं. नगर कार्यपालक पदाधिकारी और चेयरमैन ने षड्यंत्र करके विरोध के बावजूद बजट पास होने की घोषणा कर दी. अगर कार्यपालक पदाधिकारी को छोड़कर कोई भी सदस्य बजट की राशि भी बता देंगे तो हम राजनीति से सन्यास ले लेंगे."- चक्रवर्ती चौधरी,पार्षद
बजट की चेयरमैन को नहीं कोई जानकारी : बजट पास होने के बाद नगर के चेयरमैन कमरून निशा से जब ईटीवी भारत की टीम ने पूछा कि 2023 -24 का बजट कैसा है और कितने का बजट है? जिसका जवाब भी वह नहीं दे पाईं. उनको इस बात की जानकारी तक नहीं है कि आज बोर्ड की बैठक में कितने करोड़ का बजट पेश किया गया और इस बजट में क्या क्या प्रवधान किया गया है.
नगर कार्यपालक पदाधिकारी ने कही ये बात: नगर परिषद बोर्ड की बैठक में पेश हुए बजट की जानकारी देने के दौरान नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रेम स्वरूपम मीडिया को गुमराह करते दिखाई दीं. इस बार के बजट में 14 करोड़ से अधिक की राशि केवल नगर की साफ सफाई पर खर्च करने का प्रवधान किया गया है. जब उनसे सवाल पूछा गया कि 65 लाख रुपये महीना शहर की साफ सफाई पर खर्च होता है तो फिर 12 महीने में 14 करोड़ 79 लाख कैसे हो जाएगा. जवाब देने के बजाए वह गोल गोल घुमाती रही.
"55 लाख ही शहर की सफाई में खर्च होता है. हम बजट बनाकर सरकार को भेजते हैं. सरकार हमें 1 अरब तो देगी नहीं, 50-60 करोड़ ही मिलेगा उसी में काम किया जाता है."-प्रेम स्वरूपम, कार्यपालक पदाधिकारी,नगर परिषद
राशि का नहीं हिसाब: गौरतलब है कि नगर परिषद क्षेत्र के विकास के नाम पर लूट मची है. 1 साल से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी नगर कार्यपालक पदाधिकारी अब तक यह लिखित रूप से या कैमरे के सामने नहीं बता पाई कि नगर की साफ-सफाई के लिए वह एनजीओ को कितना भुगतान करती हैं. कचड़े की उठाव करने के लिए जो ई रिक्शा की खरीद हुई उसमे कितनी राशि खर्च हुई है.