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पान उत्पादकों को शत प्रतिशत मिले क्षतिपूर्ति, राजद ने किसानों के मुआवजे की उठाई मांग - राजद ने की पान उत्पादकों के मुआवजा की मांग

लॉक डाउन में ढील के बाद जिले के लगभग सभी व्यवसायियों को लाभ होना तय है. लेकिन पान के उत्पादकों के लिए राहत भरी कोई खबर अभी तक नहीं आई है. जबकि बिहार का मगही पान देश के और विदेश में खास पहचान रखता है.

राजद प्रवक्ता रमेश यादव
राजद प्रवक्ता रमेश यादव
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Published : Jun 4, 2020, 1:54 PM IST

औरंगाबादः बिहार में लॉक डाउन के दौरान पान की खेती करने वाले किसान काफी परेशान हैं. इन किसानों को किसी भी तरह की कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है. इसे लेकर मुख्य विपक्षी दल राजद ने किसानों के लिए मुआवजे की मांग की है.

दरअसल, पान किसानों की दयनीय हालत पर ईटीवी भारत ने एक रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित की थी. जिसके बाद मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार भर के पान उत्पादक किसानों के लिए शत-प्रतिशत मुआवजा की मांग की है. जिला के राजद प्रवक्ता रमेश यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल शुरू से ही कृषक समाज के उत्थान के लिए कार्य करता रहा है. लेकिन नीतीश सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है. उन्होंने कहा कि राजद का स्पष्ट मानना है कि जब लॉक डाउन में सभी के राहत के लिए योजना बन रहे थे, तो फिर पान उत्पादक किसानों को भी उसमें शामिल करना चाहिए था. आखिर नीतीश सरकार की पान उत्पादक किसानों से क्या समस्या है. उन्हें क्यों छोड़ दिया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खेती में लग गई किसानों की जमा पूंजी
रमेश यादव ने बताया कि लॉक डाउन में पान किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गये हैं. पहले आंधी तूफान में फसल बर्बाद हुई. जब उन्होंने दुबारा मचान खड़ा किया तो लॉक डाउन आ गया. इस तरह किसानों की सारी जमा पूंजी खेती में लग गई. अभी तक एक रुपये का भी पान नहीं बिका है. राजद ने मांग की कि ना सिर्फ औरंगाबाद जिले बल्कि बिहार के सभी जिलों में जहां-जहां पान की खेती होती है. सभी किसानों को उनकी घाटे की भरपाई के लिए शत-प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था होनी चाहिए.

पान का खेत
पान का खेत

ये भी पढ़ेंः लॉकडाउन से बोधगया में छाया सन्नाटा, पर्यटन व्यवसाय को एक अरब से ज्यादा के नुकसान का अनुमान

'पान किसानों को सरकार घाटे से उबारे'
औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड के एरकी, गिधौल, केतकी, खेमचंद बिगहा, भतू बिगहा, तेजू बिगहा, जोधापुर, पचोखर आदि गांवों में पान की खेती होती है. इसके अलावा नवादा, नालंदा और गया जिले में भी मगही पान की खेती होती है. राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को चाहिए कि इन इलाके के पान किसानों को मुआवजा देकर उन्हें घाटे से उबारें.

औरंगाबादः बिहार में लॉक डाउन के दौरान पान की खेती करने वाले किसान काफी परेशान हैं. इन किसानों को किसी भी तरह की कोई क्षतिपूर्ति नहीं दी गई है. इसे लेकर मुख्य विपक्षी दल राजद ने किसानों के लिए मुआवजे की मांग की है.

दरअसल, पान किसानों की दयनीय हालत पर ईटीवी भारत ने एक रिपोर्ट प्रमुखता से प्रकाशित की थी. जिसके बाद मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार भर के पान उत्पादक किसानों के लिए शत-प्रतिशत मुआवजा की मांग की है. जिला के राजद प्रवक्ता रमेश यादव ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल शुरू से ही कृषक समाज के उत्थान के लिए कार्य करता रहा है. लेकिन नीतीश सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है. उन्होंने कहा कि राजद का स्पष्ट मानना है कि जब लॉक डाउन में सभी के राहत के लिए योजना बन रहे थे, तो फिर पान उत्पादक किसानों को भी उसमें शामिल करना चाहिए था. आखिर नीतीश सरकार की पान उत्पादक किसानों से क्या समस्या है. उन्हें क्यों छोड़ दिया गया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

खेती में लग गई किसानों की जमा पूंजी
रमेश यादव ने बताया कि लॉक डाउन में पान किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गये हैं. पहले आंधी तूफान में फसल बर्बाद हुई. जब उन्होंने दुबारा मचान खड़ा किया तो लॉक डाउन आ गया. इस तरह किसानों की सारी जमा पूंजी खेती में लग गई. अभी तक एक रुपये का भी पान नहीं बिका है. राजद ने मांग की कि ना सिर्फ औरंगाबाद जिले बल्कि बिहार के सभी जिलों में जहां-जहां पान की खेती होती है. सभी किसानों को उनकी घाटे की भरपाई के लिए शत-प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था होनी चाहिए.

पान का खेत
पान का खेत

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'पान किसानों को सरकार घाटे से उबारे'
औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड के एरकी, गिधौल, केतकी, खेमचंद बिगहा, भतू बिगहा, तेजू बिगहा, जोधापुर, पचोखर आदि गांवों में पान की खेती होती है. इसके अलावा नवादा, नालंदा और गया जिले में भी मगही पान की खेती होती है. राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को चाहिए कि इन इलाके के पान किसानों को मुआवजा देकर उन्हें घाटे से उबारें.

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