औरंगाबाद: जिले के बारुण प्रखण्ड के सिरिस में लाखों रुपये के सरकारी खर्चे से बना हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर इन दिनों स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण चर्चा में है. स्थानीय पंचायत समिति सदस्य बलजीत कुमार सिंह ने बताया कि सेंटर से लाखों रुपये की दवाएं फेंकी जा रही हैं. जिसे ग्रामीणों ने पकड़ा है.
''सेंटर के बगल में गढ्ढे से लाखों रुपये की जनरक्षक दवाएं बरामद हुई है. इसके अलावा गांव की नहर के किनारे भी हजारों रुपये की दवाएं बरामद की गई हैं''- बलजीत कुमार सिंह, सदस्य, स्थानीय पंचायत समिति
''ग्रामीण मरीजों को यहां कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी दवा नहीं देते हैं और बदतमीजी करके भगा देते हैं. खांसी और सर्दी जैसी मामूली बीमारी की भी दवा नहीं दी जाती है. लेकिन आज लाखों रुपये मूल्य की दवाएं हॉस्पिटल के पास के गड्ढे से बरामद हुई हैं''- प्रसाद ठाकुर, ग्रामीण, भोपतपुर
हजारों रुपए की दवाइयां फेंकी
स्थानीय भोपतपुर पंचायत मुखिया प्रतिनिधि संतोष कुमार ने सेंटर इंचार्ज कुमारी नीति पर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने बताया कि लाखों रुपये की दवाएं गड्ढे में फेंकी जा रही है. जिनमें से आधी से ज्यादा दवाओं की एक्सपायरी डेट बची हुई है.
ग्रामीणों ने किया हंगामा
वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि सेंटर पर स्वास्थ्य कर्मी हमेशा अनुपस्थित रहते हैं. इंचार्ज नर्स कुमारी नीति डेहरी में हॉस्पिटल चलाती हैं और यहां से मरीजों को रेफर करने का काम करती हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बारुण के प्रभारी अखौरी विजय कुमार सिन्हा ने सेंटर की जांच की और दोषियों पर कार्रवाई की बात कही.