औरंगाबादः गौरतलब है कि जिले में बारिश के कोई आसार नहीं है ऐसे में जिला प्रशासन हर सप्ताह मंगलवार को कृषि टास्क फोर्स की बैठक करता है जिसमें कृषि, सिंचाई, मत्स्य एवं पशुपालन से संबंधित जो भी समस्याएं है उसका समन्वय किया जाता है. इसमें जिला पदाधिकारी निर्देश देते है कि धान की रोपनी हर हाल में पूरी हो. जिले में किसानों की चिंता बढ़ गई है. उन्हें रोपनी शुरू की चिंता सता रही है. जुलाई महीने में औसतन खेती के लिए कम से कम 240 एमएम बारिश की जरूरत होती है, वहीं इस वर्ष बारिश औसतन बहुत कम हुई है जिसे किसानों की परेशानी बढ़ी है. जहां नहर का पानी खेत तक पहुंच रहा है वहां रोपनी का काम शुरू हो गया है.
कृषि टास्क फोर्स की कुछ मुख्य बिंदु
जिला पदाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि कृषि टॉक्स फोर्स की बैठक हर सप्ताह किसान संबंधित समस्या की समीक्षा करता है. इस वर्ष लगभग बिछड़ा 100% हुआ है. 4 दिन से अच्छी बारिश ना होने के कारण रोपनी में तेजी नहीं आ रही है. किस नहर से कितना का क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है उसकी भी समीक्षा होती है. उत्तर कोयल नहर से अच्छा पानी डिस्चार्ज हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि सोन में पर्याप्त पानी है. उसको अंतिम छोर तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.
पेयजल का संकट नहीं- DM
बारिश कम होने से पेयजल का संकट नहीं है. जिले के दक्षिण भाग में बारिश ना होने के कारण सूखे की समस्या आ रही है और उससे निपटने के लिए जिला प्रशासन कार्य योजना बना रही है. मतस्य पालन में मछली के लिए चारा उपलब्ध है या नहीं इसकी भी जानकारी ली जाती है.