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औरंगाबादः धान रोपनी की संकट का समाधान निकालेगा 'कृषि टास्क फोर्स' - जिला प्रशासन

औरंगाबाद जिला पदाधिकारी राहुल रंजन महिवाल के अधियक्षता में कृषि टास्क फोर्स की बैठक हर सप्ताह बुलाई जाती है जिसमें कृषि, सिंचाई, मत्स्य एवं पशुपालन से संबंधित समस्याओं का समाधान निकाला जाता है.

कृषि टास्क फोर्स की बैठक
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Published : Jul 17, 2019, 11:33 AM IST

औरंगाबादः गौरतलब है कि जिले में बारिश के कोई आसार नहीं है ऐसे में जिला प्रशासन हर सप्ताह मंगलवार को कृषि टास्क फोर्स की बैठक करता है जिसमें कृषि, सिंचाई, मत्स्य एवं पशुपालन से संबंधित जो भी समस्याएं है उसका समन्वय किया जाता है. इसमें जिला पदाधिकारी निर्देश देते है कि धान की रोपनी हर हाल में पूरी हो. जिले में किसानों की चिंता बढ़ गई है. उन्हें रोपनी शुरू की चिंता सता रही है. जुलाई महीने में औसतन खेती के लिए कम से कम 240 एमएम बारिश की जरूरत होती है, वहीं इस वर्ष बारिश औसतन बहुत कम हुई है जिसे किसानों की परेशानी बढ़ी है. जहां नहर का पानी खेत तक पहुंच रहा है वहां रोपनी का काम शुरू हो गया है.

राहुल रंजन महिवाल, जिला पदाधिकारी

कृषि टास्क फोर्स की कुछ मुख्य बिंदु
जिला पदाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि कृषि टॉक्स फोर्स की बैठक हर सप्ताह किसान संबंधित समस्या की समीक्षा करता है. इस वर्ष लगभग बिछड़ा 100% हुआ है. 4 दिन से अच्छी बारिश ना होने के कारण रोपनी में तेजी नहीं आ रही है. किस नहर से कितना का क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है उसकी भी समीक्षा होती है. उत्तर कोयल नहर से अच्छा पानी डिस्चार्ज हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि सोन में पर्याप्त पानी है. उसको अंतिम छोर तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

पेयजल का संकट नहीं- DM
बारिश कम होने से पेयजल का संकट नहीं है. जिले के दक्षिण भाग में बारिश ना होने के कारण सूखे की समस्या आ रही है और उससे निपटने के लिए जिला प्रशासन कार्य योजना बना रही है. मतस्य पालन में मछली के लिए चारा उपलब्ध है या नहीं इसकी भी जानकारी ली जाती है.

औरंगाबादः गौरतलब है कि जिले में बारिश के कोई आसार नहीं है ऐसे में जिला प्रशासन हर सप्ताह मंगलवार को कृषि टास्क फोर्स की बैठक करता है जिसमें कृषि, सिंचाई, मत्स्य एवं पशुपालन से संबंधित जो भी समस्याएं है उसका समन्वय किया जाता है. इसमें जिला पदाधिकारी निर्देश देते है कि धान की रोपनी हर हाल में पूरी हो. जिले में किसानों की चिंता बढ़ गई है. उन्हें रोपनी शुरू की चिंता सता रही है. जुलाई महीने में औसतन खेती के लिए कम से कम 240 एमएम बारिश की जरूरत होती है, वहीं इस वर्ष बारिश औसतन बहुत कम हुई है जिसे किसानों की परेशानी बढ़ी है. जहां नहर का पानी खेत तक पहुंच रहा है वहां रोपनी का काम शुरू हो गया है.

राहुल रंजन महिवाल, जिला पदाधिकारी

कृषि टास्क फोर्स की कुछ मुख्य बिंदु
जिला पदाधिकारी राहुल रंजन महिवाल ने बताया कि कृषि टॉक्स फोर्स की बैठक हर सप्ताह किसान संबंधित समस्या की समीक्षा करता है. इस वर्ष लगभग बिछड़ा 100% हुआ है. 4 दिन से अच्छी बारिश ना होने के कारण रोपनी में तेजी नहीं आ रही है. किस नहर से कितना का क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है उसकी भी समीक्षा होती है. उत्तर कोयल नहर से अच्छा पानी डिस्चार्ज हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि सोन में पर्याप्त पानी है. उसको अंतिम छोर तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

पेयजल का संकट नहीं- DM
बारिश कम होने से पेयजल का संकट नहीं है. जिले के दक्षिण भाग में बारिश ना होने के कारण सूखे की समस्या आ रही है और उससे निपटने के लिए जिला प्रशासन कार्य योजना बना रही है. मतस्य पालन में मछली के लिए चारा उपलब्ध है या नहीं इसकी भी जानकारी ली जाती है.

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एंकर:- बिहार के औरंगाबाद जिले के सभाकक्ष में जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल के अध्यक्षता में कृषि टास्क फोर्स की बैठक, धान की रोपनी का लक्ष्य हर हालत में हो पूरा दिशानिर्देश।


Body:गौरतलब है कि जिले में बारिश का कोई आसान नहीं है इसको लेकर जिला प्रशासन हर सप्ताह कृषि टॉक्स फोर्स की बैठक कर पूरा करने की निर्देश देता है जिले में किसानों की चिंता बढ़ गई है बिछड़ा बचाने के लिए कहीं रोपनीशुरू की चिंता चिंता सता रही है औसतन बारिश संभावना नहीं है अस्थान भारी से बहुत कम हुई है जुलाई महीने में स्तन खेती के लिए कम से कम 240 एमएम बारिश की जरूरत होती है। इस वर्ष औसतन कम हुई है जिसे किसानों की परेशानी बढ़ी है जहां नहर का पानी खेत तक पहुंच पहुंच रहा है वहां रोपनी का काम शुरू हो गया है ।


Conclusion:जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल बताया कि कृषि टॉक्स फोर्स का बैठक हर सप्ताह किसान संबंधित समस्या को उत्पन्न होने वाला समीक्षा करते हैं। लगभग बिछड़ा 100% हुआ 4 दिन अच्छी बारिश के कारण बारिश ना होने के कारण रोपनी में तेजी नहीं आ रही है और किस नहर से कितना की क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है उसका भी इस बैठक में समीक्षा करेंगे। उत्तर कोयल नहर से अच्छा पानी डिस्चार्ज हुआ है। सोन में पर्याप्त पानी है उसको अंतिम छोर तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है, साथी जिले के दक्षिण भाग में बारिश ना होने के कारण धान रोपनी में समस्या आ रही है उसको भी देखा जा रहा है, बारिश कम होने से पेयजल का संकट नहीं है और सूखे से निपटने के लिए जिला प्रशासन कार्य योजना बना रही है।
1.वाईट :- राहुल रंजन महिवाल, जिलाधिकारी, औरंगाबाद।
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