औरंगाबाद: कोरोना वायरस के कारण पहले ही देशव्यापी लॉकडाउन जारी है. इस बीच बेमौसम बारिश होने से किसानों की परेशानी दोगुनी हो गई है. जिले में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इससे सब्जियों और फसलों को भारी नुकसान हुआ है. किसानों में काफी मायूसी है. वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
दरअसल, जिले में पिछले 2 दिनों से रुक-रुककर हो रहे बेमौसम बरसात ने किसानों के खलिहान को डुबो दिया है. तमाम कारणों की वजह से पहले ही रबी की फसल चौपट हो चुकी है. सरकार की ओर से मुआवजे को लेकर जिले के सिर्फ 5 प्रखण्डों से ही आवेदन मंगवाए गए थे. बाकी बचे प्रखण्ड बारुण, नवीनगर, दाउदनगर, ओबरा, हसपुरा और गोह के किसानों को रबी फसल मुआवजा भी नहीं मिला है. किसान बर्बादी के बाद बचे फसल को लेकर खलिहान आये. लेकिन, बेमौसम बरसात ने यहां भी उनका पीछा नहीं छोड़ा.
प्याज की खेती भी हुई प्रभावित
स्थानीय किसानों की मानें तो रबी की फसल के अलावा प्याज की खेती पर भी इस वर्ष काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा है. प्याज की खेती कर रहे किसान बताते हैं कि प्याज को खेत से उखाड़ने का समय आ गया है. उसे जमीन में सूखने के लिए छोड़ा गया है. लेकिन, इस बारिश के कारण प्याज की फसल भी सड़ने के कगार पर आ गई है.
ज्यादा भुगतान करके बुलाए मजदूर
रुआंसे स्वर में किसान बताते हैं कि पहले तो लॉकडाउन के कारण फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे थे. किसी तरह ज्यादा भुगतान करके मजदूरों से फसल कटाए गए तो अब प्रकृति कहर बरपा रही है. दो दिनों से हो रही बेमौसम बरसात से पूरी फसल भीग चुकी है. ऐसे में चने के दाने का रंग बदलने की संभावना है. रंग बदलने से चने की कीमत में गिरावट आना तय है.