पटना: भागलपुर ब्लास्ट (Bhagalpur Blast Case) के बाद पूरे शहर में पटाखों की दुकान, गोदाम और फैक्ट्रियों में लगातार छापेमारी की जा रही है. गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी के दौरान सरदारपुर बायपास के नजदीक गोशाला की जमीन पर पवन रजगरिया के एक गोदाम से लगभग 1800 कार्टन पटाखा बरामद किए गए हैं. इसकी जानकारी भागलपुर एसपी स्वर्ण प्रभात ने दी. छापेमारी के दौरान विभिन्न प्रकार के पटाखा, फुलझरी, रॉकेट बम आदि बरामद किए गए हैं. उन्होंने कहा कि केस के आरोपी मो. आजाद को तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है.
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झारखंड से लाया गया था बारूदः आपको बताएं कि इस मामले में अबतक हुई जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि जिस बारूद से यह धमाका हुआ है वह झारखण्ड से लाया गया था. साथ ही इसके तार बंगाल और यूपी से भी जुड़े (Bhagalpur blast connection to Bengal UP) हुए पाये गए हैं. पुलिस मुख्यालय के एडीजी ने कहा है कि एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है इस बात की भी पड़ताल की जा रही है कि बारूद में किस प्रकार का मिश्रण था. क्या क्या चीजें मिलाई गई थी. मामले में भागलपुर पुलिस के द्वारा ततारपुर थाना में एक एफआईआर दर्ज की गई है. जिसमें लीलावती का बेटा और मो आजाद को आरोपी बनाया गया है. मो. आजाद की गिरफ्तारी के लिए दबिश के बाद मोहम्मद आजाद ने कोर्ट में सरेंडर किया है. उम्मीद जताई जा रही है कि पूछताछ के लिए एटीएस उसे रिमांड पर लेगी.
जांच में मिले हैं कई सबूतः आपको बता दें कि भागलपुर ब्लास्ट मामले के 4 दिन बीत चुके हैं और स्थानीय पुलिस द्वारा गठित एसआईटी के साथ-साथ एटीएस और एफएसएल की टीम जांच में जुटी है. दरअसल 4 दिन में धमाके के कई टेरर एंगल सामने आए हैं. पहले जहां पटाखा फैक्ट्री का नाम आ रहा था, वहां से अब कुकर बरामद हुआ है. जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि प्रेशर कुकर बम से धमाका हुआ था. प्रशासन की जांच के दौरान तीन तरह के बारूद, रस्सी, चूना और रंगीन मिट्टी के साथ प्रेशर कुकर भी बरामद हुआ है.
बिहार में अब तक हुए धमाके: छापेमारी के दौरान जो सिल्वर रंग का बारूद मिला है वह काफी खतरनाक है. यह सारा बारूद प्रेशर कुकर में रखा हुआ था. जाहिर है कि पटाखे की आड़ में कहीं ना कहीं किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी थी. जिसकी जांच एफएसएल द्वारा की जा रही है. बिहार में धमाकों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
बिहार में हुई कई धमाकेः हालिया महीनों में बिहार में हुए धमाके की बात करें तो बांका जिले के एक मदरसे में बड़ा धमाका हुआ था. इस धमाके में गंभीर रूप से घायल मदरसे के इमाम अब्दुल सत्तार मोबिन की महज चंद मिनटों में मौत हो गई थी. इसके बाद बीते वर्ष भागलपुर जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों में टिफिन बम से लेकर केन बमों और सुतली बमों के मिलने का सिलसिला कई दिनों तक जारी रहा था. भागलपुर पुलिस और FSL की तरफ से सभी मामलों की जांच की जा रही है.
सिलसिलेवार मिले कई बमः वहीं ATS ने भी अपने स्तर से जांच की और देसी बम की बात कह फाइल बंद कर दी. मगर हैरत की बात यह रही कि इन सभी केस में कोई अहम गिरफ्तारी भागलपुर पुलिस की तरफ से नहीं की गई है. किसने इन बमों को बनाया और इसका मोड्स क्या था? कहां इसका इस्तेमाल करना था? इसकी पड़ताल गहराई से अबतक नहीं की गई है. नतीजा यह हुआ कि आज यह भयावह घटना सबके सामने है. भागलपुर में सिलसिलेवार बमों के मिलने के बाद बारी आई खगड़िया की. खगड़िया 25 फरवरी को सीरियल बम धमकों से दहल उठा. इस बम विस्फोट में 12 लोग घायल हुए थे. स्थानीय प्रशासन ने कहा था कि कचरे के ढेर पर बम बिस्फोट हुआ. जिसमें कचरा चुनने वाले लोग घायल हुए थे. धमाके की जांच ATS को दी गई. एटीएस और FSL की टीमें पूरे मामलें की जांच कर रही है. अबतक जांच रिपोर्ट नहीं आई है.
अब तक भागलपुर में हुए विस्फोट
- पहला विस्फोट 9 दिसंबर 2021 को भागलपुर जमालपुर रेल खंड के नाथनगर रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के बगल में कूड़े के ढेर पर हुआ था. विस्फोट में एक कूड़ा चुनने वाले व्यक्ति की मौत हुई थी.
- दूसरी घटना फिर 11 दिसंबर को मोमिन टोला में हुई. यहां झाड़ी में रखे बम को बच्चों ने खेल खेल में उठाकर फेंका दिया था. इसमें एक बच्चा मामूली रूप से घायल हुआ था.
- दो दिन बाद ही 13 दिसंबर को मखदूम शाह दरगाह घाट पर एक टिफिन बम ब्लास्ट हुआ. इसमें यहां के रहने वाले आनंद कुमार दास का 7 वर्षीय बेटे अमृत कुमार की मौत हो गई थी.
- 28 मई को लोदीपुर थाना क्षेत्र के जगतपुर में रखे पुआल में किसी ने बम छुपा दिया था. उसे हटाने के क्रम में बम फट गया और 12 साल की एक बच्ची बुरी तरह घायल हो गई थी.
- 15 मई को विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के आशा नंदपुर गांव में मोहम्मद असलम के घर की छत पर भयानक बम विस्फोट हुआ था. हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. बम इतना शक्तिशाली था कि 200 मीटर के आसपास के घरों के खिड़कियों के शीशे टूट कर गिर गए और पड़ोसी की एक दीवार भी गिर गई थी.
- इससे पहले 8 जनवरी 2021 को कोतवाली थाना क्षेत्र के लहेरी टोला में गोदाम से तिलकुट निकालने के क्रम में रिक्शे के पास जबरदस्त बम विस्फोट हुआ था. इसमें एक रिक्शा चालक गंभीर रूप से घायल हो गया था.
नाथनगर ब्लास्ट से भी नहीं एक्टिव हुई पुलिसः गौरतलब है कि बीते वर्ष दिसंबर माह में ही नाथनगर थाना क्षेत्र में 5 दिनों में तीन बम विस्फोटों में दो की मौत हुई थी. बावजूद इसके भागलपुर पुलिस ने अपने सूचना तंत्र को एक्टिव नहीं किया और नतीजा यह हुआ कि आज इतनी बड़ी घटना सबके सामने है.
धमाके में अब तक 16 लोगों की मौत: भागलपुर ब्लास्ट केस में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले की काफी गंभीरता जांच की जा रही है. धमाका इतना जोरदार था कि चार मकान ढह गए थे. इसके साथ अन्य कई मकानों को काफी नुकसान पहुंचा था. पुलिस ने घटनास्थल को उसी समय सील कर दिया था. शनिवार को घटनास्थल पर भवन निर्माण विभाग और नगर निगम की टीम भी पहुंची. वहां पर टीम ने क्षतिग्रस्त मकानों के मालिक से बात की और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर हटाने की अनुमति मांगी.
भागलपुर के पटाखा फैक्ट्री में हुआ था ब्लास्टः भागलपुर ब्लास्ट मामले के बारे में बताएं कि बिहार के भागलपुर के अवैध पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट (Bhagalpur Blast Case Update) में अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. धमाका इतना जोरदार था कि उसमें चार मकान ढह गए थे. इसके साथ अन्य कई मकानों को काफी नुकसान पहुंचा था. एटीएस की टीम इस मामले की काफी गंभीरता जांच कर रही है. इसके साथ ही जिला पुलिस ने भी एक विशेष टीम का गठन किया है. भीषण विस्फोट मामले में इकलौते जीवित नामजद अभियुक्त मोहम्मद आजाद ने सरेंडर किया (Main Accused Mohammad Azad Surrendered). पुलिस लगातार उसके ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी.
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