भागलपुर: चार नवंबर को गौरचौकी के ग्रामीणों को सीओ राजेश कुमार ने 33 परिवार को नोटिस जारी किया था. नोटिस में इन परिवारों को अतिक्रमण जमीन से हटने का निर्देश दिया. इन जमीनों पर रहे रहे परिवारों को हटाकर जल जीवन हरियाली के तहत जल संरक्षण के लिए पोखर निर्माण करवाया जायेगा. सीओ की नोटिस के बाद मंगलवार की दोपहर एक बजे ग्रमीणों ने सीओ कार्यालय का घेराव किया.
ग्रामीणों का कहना है कि वो किसी भी हाल में पूर्वजो को दान में मिली जमीन को खाली नहीं करेंगे. नोटिस के खिलाफ न्यायालय की शरण मे जायेंगे. ग्रामीणों का कहना है कि वे सभी का परिवार जमीन के टुकड़े पर 150 वर्षों से रह रहा है. सीओ ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हुए. जिसके बाद सीओ ने ग्रामीणों से दान में दिए गए भूमि का प्रमाण मांगा. हालांकि ग्रामीणों ने कहा कि जमीन उनके उनके पूर्वजों को डेढ़ सौ साल पहले जमींदार शारदा प्रसाद साह ने दिया था. इसका कागज हमारे पूर्वज से ही हमारे पास नहीं है.
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हर हाल में अतिक्रमण मुक्त होगा चिन्हित स्थल
मामले की जानकारी पाकर जिला परिषद सदस्य सीओ कार्यालय पहुंचे. सीओ ने जानकारी देते हुए कहा कि यह मामला राज्य सरकार का है. प्रपत्र एक के तहत नोटिस जारी किया गया है. प्रपत्र दो के तहत गौरचौकी स्थित पोखर बनाने के लिए चिन्हित स्थल को हर हर हाल में अतिक्रम मुक्त कराया जाएगा. ग्रामीणों न्यायालय में जाकर या जिलाधिकारी से मिलकर अपनी समस्या को बता सकते है. जिसके बाद ग्रामीण सीओ कार्यालय से बाहर निकले.
सीओ से वैकल्पिक व्यवस्था कराने की मांग
जिला परिषद सदस्य अशोक ने बताया कि ग्रामीणों के उजड़ते आशियाने को बचाने की गुहार सीओ से लगाई. अशोक ने कहा इनकी समस्या बहुत बड़ी है. इसका कोई वैकल्पिक समाधान निकालना चाहिए.