भागलपुरः भागलपुर के समाहरणालय ने परिसर में दफादार चौकीदार-पंचायत की जिला इकाई ने बिहार संवर्ग नियमावली 2019 को वापस लेने की मांग की. इसके अलावा 1990 से 5 मार्च 2014 के पहले रिटायर हुए दफादार चौकीदार के शेष बचे आश्रितों की बहाली की मांग को लेकर समाहरणालय परिसर में प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन का नेतृत्व राज्य उपाध्यक्ष रामविलास पासवान और राज्य सचिव डॉक्टर संत सिंह ने किया. इस दौरान अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी भी की. इस मौके दफादार चौकीदार पंचायत के कई सदस्य मौजूद थे.
बिहार दफादार चौकीदार पंचायत ने किया प्रदर्शन
पंचायत के राज्य सचिव कहा कि डेढ़ सौ साल पहले चौकीदार मैनुअल प्रावधान के अनुसार हमारी नियुक्ति, वेतन और सब कुछ जिलाधिकारी के अधीन था. लेकिन, 25 सितंबर 2019 को बिहार चौकीदार संवर्ग नियमावली 2019 बनाकर हमारी सेवा पुलिस अधीक्षक के अधीन कर दी गई, जिसका हम विरोध कर रहे हैं. जब जिलाधिकारी के अधीन थे तब पुलिस के तरफ से हमारा शोषण किया जाता था. अब अगर हमें पुलिस के अधीन कर दिया जाएगा तो हमारा और भी शोषण किया जाएगा.
'पुलिस करती है शोषण'
डॉ संत सिंह ने कहा कि जिस तरह मुजफ्फरपुर और बेतिया में दफादार चौकीदार पंचायत के सदस्यों का पुलिस ने शोषण किया, उसी तरह हमारे साथ भी करेगी. हमारे मैनुअल में प्रावधान है कि बीट में रहेंगे और बीट से हटकर कोई काम नहीं करेंगे. फिर भी पुलिस हमें गांव से हटाकर शहर में लगा देती है, इन सब कारणों से ही हम इसका विरोध कर रहे हैं.