बेगूसराय: ग्रामीण इलाकों में विकास की रोशनी पहुंचाने के उद्देश्य से साल 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की. यह योजना पूर्व प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी. योजना के क्रियान्वयन के लिए जारी पहली सूची में बेगूसराय का नाम था. इसके तहत यहां ढ़ाई किलोमीटर लंबी सड़क बननी थी.
17 साल बीत जाने के बावजूद यहां अबतक सड़क का निर्माण नहीं हो सका. इतने सालों में विभाग ढ़ाई किलोमीटर सड़क नहीं बनवा पाया. जिससे ग्रामीणों में काफी गुस्सा है. बता दें कि मटिहानी प्रखंड अंतर्गत गुप्ता बांध से सीहमा गांव को जोड़ने के लिए इस सड़क का निर्माण किया जाना था जो अबतक अधूरा है.
सालों बाद भी अधूरा है निर्माणकार्य
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की महत्वाकांक्षी योजना बेगूसराय में अधर में लटकी हुई है. साल 2002 में सड़क का निर्माण तो शुरू हुआ लेकिन विकास की रफ्तार इतनी धीमी है कि अबतक पूरी नहीं हो पाई. हर बार प्राकृतिक आपदा के कारण काम में बाधा आती गई और कार्य लटका रहा. स्थानीय लोग कहते हैं कि आलाधिकारी बदलते गए और काम कागज पर ही बढ़ता गया.
शिकायत के बावजूद नहीं लिया गया संज्ञान
ग्रामीणों के मुताबिक उन्होंने कई बार वरीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से इस सड़क के निर्माण की मांग की. लेकिन, उनके कोई फायदा नहीं हुआ. अर्द्धनिर्मित सड़क होने के कारण लोग नाव से आवागमन को ज्यादा तरजीह देते हैं.
नए सिरे से शुरू करना होगा काम
इस मामले पूर्व मुखिया का कहना है कि 2002 के प्राक्कलन के हिसाब से काम होने के कारण यह योजना अधूरी है. जब तक नए सिरे से योजना का डीपीआर बनाकर, ऊंचाई पर निर्माण नहीं कराया जाएगा. तबतक यह अधूरा ही रहेगा. बहरहाल, जो भी हो लेकिन विकास के दावों को मुंह चिढ़ाती यह जमीनी हकीकत वाकई हैरान करने वाली है. ऐसे में सवाल उठता है कि जब पहले चरण का काम अबतक अधूरा है तो आगे का क्या हाल होगा?