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तलाक के मुहाने पर खड़े रिश्तों को टूटने से बचा रहा समझौता केंद्र, 250 से ज्यादा केस सुलझे - तलाक

इस प्रक्रिया में आरोपी ससुराल वालों को भी थाने में बुलाया जाता है और उनका पक्ष जानने की कोशिश की जाती है. कई बार ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें छोटी सी बात पर पति पत्नी के रिश्ते में दरार पैदा हो गई थी.

बेगूसराय
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Published : Feb 9, 2019, 2:08 AM IST

बेगूसरायः समाज में अक्सर हम यह देखते हैं कि शादी के कुछ साल बाद ही पति पत्नी के बीच मामूली विवाद पर बहस इतनी बढ़ जाती है कि रिश्ते थाने से अदालत तक पहुंच जाते हैं. लेकिन बेगूसराय जिला मुख्यालय के परिवाद समझौता केंद्र में ढाई सौ से ज्यादा तलाक के मुहाने पर खड़े शादीशुदा जोड़ों को टूटने से बचाया है.

ऐसे कई मामले जिनमें पति पत्नी तलाक लेना चाहते हैं, वह समझौता केंद्र भेजे जाते हैं. यहां महिला थाने में आए ऐसे केस जिनमें महिला की तरफ से पति पर कार्रवाई की मांग की जाती है. उनका महिला थाना के एसएचओ और परिवाद समझौता केंद्र में कार्यरत लोग बारीकी से अध्ययन करते हैं और महिला द्वारा लगाए गए आरोप की सत्यता की जांच करते हैं.

इस प्रक्रिया में आरोपी ससुराल वालों को भी थाने में बुलाया जाता है और उनका पक्ष जानने की कोशिश की जाती है. कई बार ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें छोटी सी बात पर पति पत्नी के रिश्ते में दरार पैदा हो गई थी. उनको परामर्श केंद्र में समझाकर सुलझा दिया जाता है.

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परामर्श केंद्र बेगूसराय
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आरोपी पक्ष को दी जाती है चेतावनी
इस दौरान पति और महिला के ससुराल वालों को यह चेतावनी दी जाती है कि यह पहला और आखिरी मौका है. जिसमें आपको अपने आप को साबित करना होगा ,कि वाकई आप दिल से अपनी बहू को अपना रही हैं. इसके बाद अगर दोबारा बहु शिकायत लेकर थाने आती है तो कानूनी प्रक्रियाओं के तहत उन पर कार्रवाई की जाएगी.

बेगूसरायः समाज में अक्सर हम यह देखते हैं कि शादी के कुछ साल बाद ही पति पत्नी के बीच मामूली विवाद पर बहस इतनी बढ़ जाती है कि रिश्ते थाने से अदालत तक पहुंच जाते हैं. लेकिन बेगूसराय जिला मुख्यालय के परिवाद समझौता केंद्र में ढाई सौ से ज्यादा तलाक के मुहाने पर खड़े शादीशुदा जोड़ों को टूटने से बचाया है.

ऐसे कई मामले जिनमें पति पत्नी तलाक लेना चाहते हैं, वह समझौता केंद्र भेजे जाते हैं. यहां महिला थाने में आए ऐसे केस जिनमें महिला की तरफ से पति पर कार्रवाई की मांग की जाती है. उनका महिला थाना के एसएचओ और परिवाद समझौता केंद्र में कार्यरत लोग बारीकी से अध्ययन करते हैं और महिला द्वारा लगाए गए आरोप की सत्यता की जांच करते हैं.

इस प्रक्रिया में आरोपी ससुराल वालों को भी थाने में बुलाया जाता है और उनका पक्ष जानने की कोशिश की जाती है. कई बार ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें छोटी सी बात पर पति पत्नी के रिश्ते में दरार पैदा हो गई थी. उनको परामर्श केंद्र में समझाकर सुलझा दिया जाता है.

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परामर्श केंद्र बेगूसराय
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आरोपी पक्ष को दी जाती है चेतावनी
इस दौरान पति और महिला के ससुराल वालों को यह चेतावनी दी जाती है कि यह पहला और आखिरी मौका है. जिसमें आपको अपने आप को साबित करना होगा ,कि वाकई आप दिल से अपनी बहू को अपना रही हैं. इसके बाद अगर दोबारा बहु शिकायत लेकर थाने आती है तो कानूनी प्रक्रियाओं के तहत उन पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:डे प्लान स्टोरी
एंकर- जिला मुख्यालय स्थित परिवाद समझौता केंद्र में अभी तक ढाई सौ से ज्यादा तलाक के मुहाने पर खड़े शादीशुदा जोड़े को टूटने से बचाया है समझोता केंद्र की कार्यशैली और कौन से लिंग कितनी बढ़िया होती है कि दो दिल एक बार फिर एक हो जाते हैं।


Body:vo- समाज में अक्सर हम यह देखते हैं कि शादी के कुछ साल बाद ही पति पत्नी के बीच मामूली विवाद पर तू तू मैं मैं इतनी बढ़ जाती है कि रिश्ते दुश्मनी में बदल जाते हैं और दुश्मनी थाने से अदालत तक पहुंचा देती है।
वह जोड़ी टूटने के कगार पर आ जाती है जिस जोड़ी ने कुछ समय पूर्व ही भगवान को साक्षी मानकर सातों जन्म एक दूसरे का साथ निभाने का वादा और कसम खाया था। इस तरह के कई मामले महिला थाना में आते हैं जिसमें पीड़ित पत्नी के आवेदन पर पति पर कार्रवाई की मांग की जाती है महिला थाना के एसएचओ और परिवाद समझौता केंद्र में कार्यरत लोग आवेदनों को बारीकी से अध्ययन करते हैं और महिला द्वारा लगाए गए आरोप जिसमें शादीशुदा महिला अपने पति और ससुराल वालों पर जिस तरीके का आरोप लगाती है उसके सत्यता की जांच की जाती है इतना ही नहीं आरोपी ससुराल वालों को भी थाने पर बुलाया जाता है और उनका पक्ष जानने की कोशिश की जाती है कई बार ऐसे भी मामले प्रकाश में आए जिस में मामूली सी बात पर पति पत्नी के रिश्ते में दरार पैदा हो गई थी मामूली बातों पर तलाक के मुहाने पर खड़े कई जोड़ों को परामर्श केंद्र के सदस्यों और महिला थाना की एसएचओ के द्वारा समझा बुझाकर एक कर दिया जाता है ।
इतना ही नहीं पति और महिला के ससुराल वालों को यह ताकीद भी दी जाती है कि यह पहला और आखरी मौका है जिसमें आपको अपने आप को साबित करना होगा ,कि वाकई आप दिल से अपनी बहू को अपना रही हैं इसके बाद अगर दोबारा बहु शिकायत लेकर थाने आती है तो विधि सम्मत धाराओं में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।ज्यादातर मामलों में दोनों पति पत्नी को आमने सामने बैठकर जब समझाया जाता है तो उसके सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं और बिछुड़ने के कगार पर खड़े दोनों पति पत्नी एक हो जाते हैं।
बाइट-दिलीप सिन्हा, जिला परामर्श केंद्र
बाइट-सपना कुमारी,आवेदिका,पत्नी


Conclusion:fvo-इतना तय है कि जब महंगी शादियाँ टूटती है तो उसकी गूंज जीवन भर लोगों को सुनाई देती है लेकिंन जिले में जिस तरह से परामर्श केंद्र काम कर रहा है उससे ऐसा लगता है वाकई टूटते रिश्तों को एक मौका मिलना ही चाहिए।
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