बेगूसराय: प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का दंश केवल आम लोग ही नहीं, बल्कि मवेशी भी भुगतने को मजबूर हैं. दरअसल, केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र में पशुपालन विभाग का हाल बेहाल है. 12 लाख पशुओं की देखभाल के लिए जिले में मात्र 20 पशु चिकित्सक हैं. वैसे में कई प्रखंड स्तरीय पशु अस्पताल बंद रहते हैं, जिससे पशुपालक परेशान हैं.
वर्ष 2012 की जनगणना के मुताबिक जिले में गाय ,भैंस, बकरी, घोड़ा ,भेड़ जैसे पशु मिलाकर 8 लाख पशुधन उपलब्ध थे. जिसकी संख्या वर्ष 2017 की जनगणना में बढ़कर 12 लाख के आसपास हो गई. वैसे ये आंकड़ा विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया है. लेकिन, अनुमान के मुताबिक यह संख्या 12 लाख के आसपास है.
शिकायत के बावजूद नहीं लिया जा रहा संज्ञान
अगर बात पशुपालन विभाग के चिकित्सा व्यवस्था की करें तो ग्रामीण स्तर पर और प्रखंड स्तर पर जो भी पशु स्वास्थ्य केंद्र हैं वे ज्यादातर समय बंद रहते हैं. लोगों ने इसकी शिकायत कई बार जिलाधिकारी से लेकर सरकार तक की है. बावजूद इसके कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है. इसके अलावा पशुपालन विभाग के डॉक्टर और कर्मियों की मनमानी और लापरवाही की भी शिकायत मिलती है.
पशुपालन अधिकारी ने बताई परेशानी
बता दें कि विभाग के डॉक्टर, अधिकारी और कर्मी लगातार कार्यालय बंद कर फरार रहते हैं. जिससे लोग परेशान होते हैं और पशुओं को समुचित सरकारी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है. इस बाबत जिले के पशुपालन अधिकारी बताते हैं कि हमारे पास सीमित संसाधन हैं. जिस वजह से कुछ जगहों की शिकायतें मिल रही हैं. जल्द समाधान निकाला जाएगा.