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बांका में आसमानी बिजली का कहर, दो दिनों में 3 लोगों की मौत

बांका में वज्रपात की घटनाएं दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है. वज्रपात की चपेट में आने से पिछले दो दिनों में तीन लोगों की मौत हो गई है. लगातार हो रही वज्रपात की घटना से गांव के लोग काफी दुखी हैं.

बांका में आसमानी बीजली का कहर
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Published : Sep 3, 2019, 9:59 PM IST

Updated : Sep 13, 2019, 8:11 PM IST

बांकाः जिले में वज्रपात के कारण दो दिनों में तीन लोगों की मौत हो गई है. एक ओर जहां बारिश नहीं होने से जिले के सभी प्रखंड सूखे की चपेट में हैं. वहीं, हल्की बारिश के बीच वज्रपात से लोगों की जानें जा रही हैं. लोगों की मौत से गांव में हाहाकार मचा हुआ है.

ताजा मामला रजौन प्रखंड का है. यहां हरिजन बस्ती के दिलखुश पासवान की पत्नी लाखो देवी की वज्रपात से मौत हो गई है. वहीं पिछले दिनों बाराहाट प्रखंड के कैथाटीकर गांव में वज्रपात से एक शिक्षक की मौत हो गई थी. लगातार हो रही वज्रपात की घटना से गांव के लोग काफी दुखी हैं.

वज्रपात से हुई मौत के बाद रोते मृतक के परिजन

दो दिनों में तीन लोगों की मौत

जिले की पहली घटना बाराहाट प्रखंड के कैथा टीकर गांव के पास हुई. यहां एक मदरसे का सरकारी शिक्षक की वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गयी. मृतक बाराहाट प्रखंड के कैथाटिकर मदरसे में शिक्षक था. मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. वहीं दूसरी घटना रजौन प्रखंड के हरिजन टोले में घटी. जहां नदी किनारे घास काटने गई महिला की वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गई. तीसरी घटना उसी प्रखंड के शर्मा टोले में घटी, जहां वज्रपात से सुकरी देवी की मौत हो गई. घटना उस वक्त घटी जब वह घर के बाहर बैठी हुई थी. अचानक हल्की बारिश के बीच वज्रपात होने से उसकी मौत हो गई.

बांकाः जिले में वज्रपात के कारण दो दिनों में तीन लोगों की मौत हो गई है. एक ओर जहां बारिश नहीं होने से जिले के सभी प्रखंड सूखे की चपेट में हैं. वहीं, हल्की बारिश के बीच वज्रपात से लोगों की जानें जा रही हैं. लोगों की मौत से गांव में हाहाकार मचा हुआ है.

ताजा मामला रजौन प्रखंड का है. यहां हरिजन बस्ती के दिलखुश पासवान की पत्नी लाखो देवी की वज्रपात से मौत हो गई है. वहीं पिछले दिनों बाराहाट प्रखंड के कैथाटीकर गांव में वज्रपात से एक शिक्षक की मौत हो गई थी. लगातार हो रही वज्रपात की घटना से गांव के लोग काफी दुखी हैं.

वज्रपात से हुई मौत के बाद रोते मृतक के परिजन

दो दिनों में तीन लोगों की मौत

जिले की पहली घटना बाराहाट प्रखंड के कैथा टीकर गांव के पास हुई. यहां एक मदरसे का सरकारी शिक्षक की वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गयी. मृतक बाराहाट प्रखंड के कैथाटिकर मदरसे में शिक्षक था. मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. वहीं दूसरी घटना रजौन प्रखंड के हरिजन टोले में घटी. जहां नदी किनारे घास काटने गई महिला की वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गई. तीसरी घटना उसी प्रखंड के शर्मा टोले में घटी, जहां वज्रपात से सुकरी देवी की मौत हो गई. घटना उस वक्त घटी जब वह घर के बाहर बैठी हुई थी. अचानक हल्की बारिश के बीच वज्रपात होने से उसकी मौत हो गई.

Intro:बांका जिले में बारिश नहीं होने के कारण यहां सभी प्रखंड पूरी तरह सुखाड़ की चपेट में आ गया है। वही हल्की बारिश के बीच वज्रपात होने से दो दिनों में एक शिक्षक सहित दो महिला की मौत हो गई। तीनो परिवारों में बज्रपात की इस घटना से परिवार के लोग काफी आहत हैं।Body:जिले की पहली घटना बाराहाट प्रखंड के कैथा टीकर गांव के पास हुई। जहां एक मदरसे का सरकारी शिक्षक की वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गयी। मृतक शिक्षक नूरुल होदा नामक 50 वर्षीय शिक्षक 15 साल से बाराहाट प्रखंड के कैथाटिकर मदरसे में शिक्षक का काम करता था। वह मूल रूप से सकरामा थाना सन्हौला जिला भागलपुर का रहने वाला था। घटना के पूर्व वह मदरसा से नवाज पढ़कर सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकला था ,इसी बीच बिजली की गड़गड़ाहट के बीच बज्रपात घटना हुई जिसमें उसकी मौत हो गई ।मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया देखते देखते मृतक के परिजन पत्नी नादरा खातून ,पुत्र बदरू लोधा, नवाज शरीफ, पुत्री अफसाना खातून, अक्षरा परवीन, इफरा परवीन घटनास्थल पर पहुंच गए, बाद में पुलिस को इसकी जानकारी दी गई । जहां पुलिस ने यूडी केश दर्ज कर लिया है। घटना के बाद बाराहाट के अंचलाधिकारी शरद कुमार मंडल ने घटना के बाद कर्मचारी को भेजकर जांच प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया। ताकि उसे समुचित मुआवजा मिल सके। जबकि दूसरी घटना रजौन प्रखंड में हुई जहां हरिजन टोले के दिलखुश पासवान की पत्नी लाखों देवी की मौत बज्रपात से हुई । वह घास काटने के लिए नदी के किनारे गई थी। जहाँ बज्रपात ने उसे अपनी चपेट में ले लिया। उसी प्रखंड में तीसरी घटना शर्मा टोले में हुई शर्मा टोला के ओरहारा में राकेश शर्मा की पत्नी सुकरी देवी की मौत हो गई है वह अपने घर के बाहर बैठी हुई थी अचानक हल्की बारिश के बीच बज्रपात होने से उसकी मौत हो गई इस प्रकार दो दिनों में तीन औरत और एक शिक्षक की मौत बज्रपात से हो गयी।
Conclusion:बांका जिले में पानी के लिए जहाँ हाहाकार मचा हुआ है वही जब भी बादल आता है अपने साथ मौत का परवान लाता है।हाल में दिनों में बज्रपात से 15 लोगो की मौत हो चुकी है। पर जिला प्रशासन द्वारा आश्वासन के अलावे किसी को कोई मुआवजा नही मिला है।
Last Updated : Sep 13, 2019, 8:11 PM IST
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