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बांका: असम में शहीद हुए जवान सोनू का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, सम्मान में उमड़ पड़ा जनसैलाब

असम में शहीद हुए जवान सोनू का पार्थिव शरीर (Bankas Son Sonu Kumar Martyr) उनके पैतृक आवास लाया गया. बांका के बाराहाट प्रखंड के महुआ गांव में उनकी अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ पड़ा. पढ़ें पूरी खबर..

असम में शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए बांका में उमड़ा जनसैलाब
असम में शहीद जवान के अंतिम दर्शन के लिए बांका में उमड़ा जनसैलाब
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Published : Feb 15, 2022, 3:36 PM IST

बांका: असम के आतंकी हमले में शहीद सोनू को अंतिम विदाई (Martyr Jawan Sonu Body Reached his Village Banka) दी गई. बांका में शहीद सोनू की अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ पड़ा. उसके शहीद होने की खबर के बाद से ही पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था. पार्थिव शरीर के पहुंचते ही उसके गांव और आसपास के कई हजार लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. सोनू अमर रहेगा के नारों के साथ सभी ने अंतिम विदाई दी.

यह भी पढ़ें - असम में हुए आतंकवादी हमले में बांका का जवान सोनू शहीद, बिहार पुलिस में है पत्नी

असम में सेना के जवानों पर हुए हमले में बिहार के बांका का लाल सोनू कुमार का पार्थिव शरीर देर रात तिरंगा में लिपटा हुआ उसके गांव पहुंचा. उसकी एक झलक पाने के लिए पक्की सड़क के दोनों तरफ तिरंगे झंडे लेकर लोग उसका इंतजार करते रहे. शव के बाराहाट प्रखंड के महुआ गांव पहुंचते ही लोगों की आखों में आंसू आ गए. परिवार के लोगों के साथ माता, पिता, पत्नी सहित ग्रामीणों के आंसू रुक नहीं रहे थे.

शहीद सोनू की अंतिम यात्रा में खुद जिलाधिकारी सुहर्ष भगत, एसपी अरविंद कुमार गुप्ता भी उपस्थित थे. उन लोगों ने परिवार से मिल कर गहरा दुख व्यक्त किया. ज्ञात हो कि 28 वर्षीय सोनू कुमार बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के महुआ गांव के मूल निवासी थे. वे अभी असम में पदस्‍थापित थे. ड्यूटी जाने के दौरान आतंकियों ने उन्‍हें सोमवार की सुबह निशाना बनाया. हमले में सोनू सहित दो जवान शहीद हो गए. सोनू के पिता रिटायर्ड सैनिक त्रिभुवन यादव एवं उनकी शिक्षिका मां बबिता देवी सहित अन्य स्वजन भागलपुर में रहते हैं. सोनू की पत्नी कविता देवी बिहार पुलिस में सुपौल जिले में कार्यरत है.

सोनू की शादी 2018 में भागलपुर जीरोमाइल में हुई थी. उन्हें ढाई वर्ष का पुत्र विभांशु कुमार है. सोनू के साथियों ने बताया कि वे काफी मिलनसार थे. कभी-कभी छुट्टियों में घर आने पर सभी से मिलते जुलते थे. होनहार लाल के शहीद होने पर महुआ गांव सहित आसपास के गांव में मातमी मौहल है. मंगलवार दोपहर बाद भारी जनसैलाब के बीच 'जबतक सूरज चांद रहेगा सोनू तेरा नाम रहेगा' गूंज रहा था. बौसी के पापहरणी श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया. गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनकी विदाई हुई.

यह भी पढ़ें - कैमूरः BSF जवान की त्रिपुरा में ड्यूटी के दौरान मौत, पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही उमड़ा हुजूम

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बांका: असम के आतंकी हमले में शहीद सोनू को अंतिम विदाई (Martyr Jawan Sonu Body Reached his Village Banka) दी गई. बांका में शहीद सोनू की अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ पड़ा. उसके शहीद होने की खबर के बाद से ही पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था. पार्थिव शरीर के पहुंचते ही उसके गांव और आसपास के कई हजार लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. सोनू अमर रहेगा के नारों के साथ सभी ने अंतिम विदाई दी.

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असम में सेना के जवानों पर हुए हमले में बिहार के बांका का लाल सोनू कुमार का पार्थिव शरीर देर रात तिरंगा में लिपटा हुआ उसके गांव पहुंचा. उसकी एक झलक पाने के लिए पक्की सड़क के दोनों तरफ तिरंगे झंडे लेकर लोग उसका इंतजार करते रहे. शव के बाराहाट प्रखंड के महुआ गांव पहुंचते ही लोगों की आखों में आंसू आ गए. परिवार के लोगों के साथ माता, पिता, पत्नी सहित ग्रामीणों के आंसू रुक नहीं रहे थे.

शहीद सोनू की अंतिम यात्रा में खुद जिलाधिकारी सुहर्ष भगत, एसपी अरविंद कुमार गुप्ता भी उपस्थित थे. उन लोगों ने परिवार से मिल कर गहरा दुख व्यक्त किया. ज्ञात हो कि 28 वर्षीय सोनू कुमार बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के महुआ गांव के मूल निवासी थे. वे अभी असम में पदस्‍थापित थे. ड्यूटी जाने के दौरान आतंकियों ने उन्‍हें सोमवार की सुबह निशाना बनाया. हमले में सोनू सहित दो जवान शहीद हो गए. सोनू के पिता रिटायर्ड सैनिक त्रिभुवन यादव एवं उनकी शिक्षिका मां बबिता देवी सहित अन्य स्वजन भागलपुर में रहते हैं. सोनू की पत्नी कविता देवी बिहार पुलिस में सुपौल जिले में कार्यरत है.

सोनू की शादी 2018 में भागलपुर जीरोमाइल में हुई थी. उन्हें ढाई वर्ष का पुत्र विभांशु कुमार है. सोनू के साथियों ने बताया कि वे काफी मिलनसार थे. कभी-कभी छुट्टियों में घर आने पर सभी से मिलते जुलते थे. होनहार लाल के शहीद होने पर महुआ गांव सहित आसपास के गांव में मातमी मौहल है. मंगलवार दोपहर बाद भारी जनसैलाब के बीच 'जबतक सूरज चांद रहेगा सोनू तेरा नाम रहेगा' गूंज रहा था. बौसी के पापहरणी श्मशान घाट पर उसका अंतिम संस्कार किया गया. गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनकी विदाई हुई.

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