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बाज नहीं आ रहे किसान, मनाही के बाद भी खेतों में जला रहे पराली, अब कार्रवाई तय - खेतों में पराली जलाने का मामला

बांका में सरकारी आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है. खेतों में पराली जलाने की मनाही के बाद भी किसान पराली जलाने का काम कर रहे हैं. वहीं इसे लेकर प्रशासन भी हरकत में आ गया है. जिला कृषि पदाधिकारी विष्णु देव कुमार रंजन ने कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पराली जलाने वाले किसानों की लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है.

खेतों में किसान जला रहे पराली
खेतों में किसान जला रहे पराली
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Published : Apr 3, 2021, 11:17 AM IST

बांकाः खेतों में पराली जलाने की प्रशासन की मनाही के बाद भी किसान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. जिले के रजौन प्रखंड के किसान रबी फसल तैयार होने के बाद खेतों में ही पराली जला रहे हैं. जिला प्रशासन द्वारा बरती गई सख्ती का कोई असर नहीं दिख रहा है. ऐसे मामले चिंता का विषय हैं.

इसे भी पढ़ेंः पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई, 3 साल के लिए सरकारी योजनाओं से वंचित

'पोषक तत्व हो जाता है समाप्त'
जिले में रबी फसल तैयार हो चुका है. लिहाजा किसान फसल कटाई के बाद खेत में ही पराली जला रहे हैं. व्यापक पैमाने पर पराली जलाने के कारण प्रदूषण की भी समस्या उत्पन्न होती है. आग की लपटों के कारण आस-पास के खेतों में लगे फसल को नुकसान की संभावना बन जाती है.

वहीं जिले के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि खेतों में पराली जलाने से खेत की नमी चली जाती हैं. सारे पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं. इससे आगामी फसल के पैदावार पर व्यपाक असर पड़ता है.

कृषि वैज्ञानिक ने किसानों से खेतों में पराली नहीं जलाने की अपील की है लेकिन बावजूद इसके किसान बाज नहीं आ रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः कृषि सचिव पहुंचे भागलपुर, राज्यभर में पराली जलाने को लेकर कर रहे हैं हवाई सर्वेक्षण

लापरवाह किसानों पर होगी कार्रवाई
जिला कृषि पदाधिकारी विष्णु देव कुमार रंजन ने बताया कि पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई के लिए बीएओ को जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. जांच में दोषी पाये जाने पर पराली जलाने वाले किसानों को कृषि से संबंधित अनुदान एवं इनपुट से वंचित करने की कार्रवाई की जाएगी.

खेत में पराली जलाना अपराध के श्रेणी में आता है, इसलिए पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई भी की जा सकती है. वहीं उन्होंने किसानों से खेतों में पराली नहीं जलाने की अपील की है.

बांकाः खेतों में पराली जलाने की प्रशासन की मनाही के बाद भी किसान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. जिले के रजौन प्रखंड के किसान रबी फसल तैयार होने के बाद खेतों में ही पराली जला रहे हैं. जिला प्रशासन द्वारा बरती गई सख्ती का कोई असर नहीं दिख रहा है. ऐसे मामले चिंता का विषय हैं.

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'पोषक तत्व हो जाता है समाप्त'
जिले में रबी फसल तैयार हो चुका है. लिहाजा किसान फसल कटाई के बाद खेत में ही पराली जला रहे हैं. व्यापक पैमाने पर पराली जलाने के कारण प्रदूषण की भी समस्या उत्पन्न होती है. आग की लपटों के कारण आस-पास के खेतों में लगे फसल को नुकसान की संभावना बन जाती है.

वहीं जिले के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने बताया कि खेतों में पराली जलाने से खेत की नमी चली जाती हैं. सारे पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं. इससे आगामी फसल के पैदावार पर व्यपाक असर पड़ता है.

कृषि वैज्ञानिक ने किसानों से खेतों में पराली नहीं जलाने की अपील की है लेकिन बावजूद इसके किसान बाज नहीं आ रहे हैं.

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लापरवाह किसानों पर होगी कार्रवाई
जिला कृषि पदाधिकारी विष्णु देव कुमार रंजन ने बताया कि पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई के लिए बीएओ को जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. जांच में दोषी पाये जाने पर पराली जलाने वाले किसानों को कृषि से संबंधित अनुदान एवं इनपुट से वंचित करने की कार्रवाई की जाएगी.

खेत में पराली जलाना अपराध के श्रेणी में आता है, इसलिए पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई भी की जा सकती है. वहीं उन्होंने किसानों से खेतों में पराली नहीं जलाने की अपील की है.

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