बांका: नए कृषि कानून को लेकर सरकार और किसान के बीच गतिरोध जारी है. इसको लेकर किसान लगातार आंदोलनरत हैं. तमाम विपक्षी पार्टियां सरकार को घेर रहीं हैं. बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी राजद नए कृषि कानून के खिलाफ 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने जा रही है. इन सबके बीच 1 फरवरी को आम बजट पेश होना है. आम बजट को लेकर बांका के किसानों से बातचीत की गई तो किसानों ने कई समस्याओं को सामने रख दिया. जिसमें मुख्य रूप से फसलों के समर्थन मूल्य और पटवन की समस्या शामिल है.
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किसानों को नहीं मिल पाता है फसल का उचित मूल्य
जिला मुख्यालय से सटे झिरबा गांव में चार एकड़ में खेती करने वाले किसान अनिल सिंह ने बताया कि किसानों को जो समर्थन मूल्य मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पाता है. बाजार के अभाव और सरकार की उदासीनता के चलते किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. किसानों को बाजार सुलभ कराने के लिए सरकार को सोचने की जरूरत है. ताकि किसानों को समर्थन मूल्य मिल सके.
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किसान कई योजना से वंचित
किसान ने आगे बताया कि सरकार हर खेत तक पटवन के लिए बिजली पहुंचाने की बात करती है. लेकिन ना तो बोरिंग की व्यवस्था है और ना ही बिजली की. बिजली तो बेहतर रहती है लेकिन खेत तक नहीं पहुंच पाई है. जहां तक बांका जिले की बात है तो यहां एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है. जहां किसान अपनी फसल को सुरक्षित रह सके. रखरखाव के साधन नहीं रहने से फसल बर्बाद होती है. सरकार की लेटलतीफी व्यवस्था के चलते किसान कई योजना से वंचित रह जाते हैं.
किसानों के लिए पटवन सबसे बड़ी समस्या
किसान रणवीर सिंह बताते हैं कि बांका जिले के किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या पटवन है. नहर का पानी भी खेतों तक नहीं पहुंच पाता है. बोरिंग की समस्या है और बिजली खेतों तक नहीं पहुंच पाई है. दूसरे के बोरिंग से पटवन के लिए पानी लाना पड़ता है. इसमें काफी अधिक खर्च हो जाती है. जिसके चलते उपज प्रभावित होता है. यदि उपज हो जाता है तो फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. हमारी मांग है कि सरकार आम बजट में यह प्रावधान करे कि पटवन की समस्या को दुरुस्त करने के लिए खेतों तक बिजली पहुंचाए और बोरिंग की सुविधा दें. साथ ही फसलों का समर्थन मूल्य वैसा मिले जिससे किसान का भला हो सके.