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अररियाः पुल निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप, MP ने ठेकेदार को बताया 'ब्लैक लिस्टेड'

ग्रामीणों का कहना है कि जितने सीमेंट, बालू, सरिया और गिट्टी का प्रयोग करना चाहिए वो नहीं हो रहा है. ढ़लाई के लिए सीमेंट का उपयोग भी सही नहीं किया जा रहा है.

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Published : May 10, 2019, 11:59 AM IST

अररियाः जिले के अररिया प्रखंड के मिर्ज़ाभाग के लोग सरकारी काम से खासे नाराज हैं. उन्होंने निजी जमीन पर पुल का निर्माण करने और उसके निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. स्थानीय लोग इसको लेकर ठेकेदार का विरोध कर रहे हैं.

रात में होता है निर्माण कार्य
अररिया प्रखंड के मिर्ज़ाभाग बैरियर के किनारे हो रहे पुल निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पुल का निर्माण हो रहा है वह जमीन सरकारी नहीं निजी है. साथ ही निर्माण का कार्य रात 9 बजे के बाद होता है. मिट्टी मिली हुई बालू इस्तेमाल की जा रही है, साथ ही आठ पीलर की जगह सात पीलर लगाया गया है. जिसे कोई भी उखाड़ सकता है. मतलब ढ़लाई करने के लिए जितनी सीमेंट, बालू, सरिया और गिट्टी का प्रयोग करना चाहिए वो नहीं हो रहा है. ढ़लाई के लिए सीमेंट का उपयोग भी सही नहीं किया जा रहा है.

bridge
टूटा हुआ पुल

पिछला पुल भी टूट गया
इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार आरसीडी के इंजीनियर से शिकायत की. लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी. लोगों का ये भी कहना था कि इससे पहले जो बगल में पुल का निर्माण हुआ था वह पिछले साल बाढ़ में टूट गया. अभी तक इसका कोई बोर्ड भी नहीं लगा है कि कितने की लागत से पुल का निर्माण होना है. इन्हीं सब चीजों को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है. लोगों का कहना है कि इस पुल का निर्माण सही सामग्री से हो ताकि आगे कोई दिक्कत लोगों को नहीं हो.

बयान देते ग्रामीण, ठेकेदार और एम

एमपी ने कहा होगी कार्रवाई
वहीं, इस मुद्दे पर अररिया एमपी सरफराज आलम ने कहा कि इसमें साफ दिखाई पड़ रहा है कि लो क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए साथ ही ठेकेदार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ये पहले से ब्लैक लिस्टेड हैं, पता नहीं इसको ठेका कैसे मिल जाता है. इसकी जांच होना चाहिए नहीं तो फिर इसके आगे जाकर कार्रवाई की जाएगी.

ठेकेदार ने क्या बताया
उधर, इस पुल निर्माण के ठेकेदार अजय झा का कहना है कि ये चुनाव से प्रेरित है जो ये इस तरह की बात बोल रहे हैं. लेकिन ना मैंने कभी गलत किया है ना ही करूंगा. काम बिल्कुल सही हो रहा है. ये जांच का विषय है. अगर ग्रामीण कह रहे हैं तो इंजीनियर जाकर देखेंगे. ब्लैक लिस्टेड होता तो इतना टेंडर हमें कैसे मिलता. कुल 40 करोड़ का टेंडर है इसमें और भी पुल और सड़क साथ में है.

अररियाः जिले के अररिया प्रखंड के मिर्ज़ाभाग के लोग सरकारी काम से खासे नाराज हैं. उन्होंने निजी जमीन पर पुल का निर्माण करने और उसके निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. स्थानीय लोग इसको लेकर ठेकेदार का विरोध कर रहे हैं.

रात में होता है निर्माण कार्य
अररिया प्रखंड के मिर्ज़ाभाग बैरियर के किनारे हो रहे पुल निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पुल का निर्माण हो रहा है वह जमीन सरकारी नहीं निजी है. साथ ही निर्माण का कार्य रात 9 बजे के बाद होता है. मिट्टी मिली हुई बालू इस्तेमाल की जा रही है, साथ ही आठ पीलर की जगह सात पीलर लगाया गया है. जिसे कोई भी उखाड़ सकता है. मतलब ढ़लाई करने के लिए जितनी सीमेंट, बालू, सरिया और गिट्टी का प्रयोग करना चाहिए वो नहीं हो रहा है. ढ़लाई के लिए सीमेंट का उपयोग भी सही नहीं किया जा रहा है.

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टूटा हुआ पुल

पिछला पुल भी टूट गया
इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार आरसीडी के इंजीनियर से शिकायत की. लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी. लोगों का ये भी कहना था कि इससे पहले जो बगल में पुल का निर्माण हुआ था वह पिछले साल बाढ़ में टूट गया. अभी तक इसका कोई बोर्ड भी नहीं लगा है कि कितने की लागत से पुल का निर्माण होना है. इन्हीं सब चीजों को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है. लोगों का कहना है कि इस पुल का निर्माण सही सामग्री से हो ताकि आगे कोई दिक्कत लोगों को नहीं हो.

बयान देते ग्रामीण, ठेकेदार और एम

एमपी ने कहा होगी कार्रवाई
वहीं, इस मुद्दे पर अररिया एमपी सरफराज आलम ने कहा कि इसमें साफ दिखाई पड़ रहा है कि लो क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए साथ ही ठेकेदार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ये पहले से ब्लैक लिस्टेड हैं, पता नहीं इसको ठेका कैसे मिल जाता है. इसकी जांच होना चाहिए नहीं तो फिर इसके आगे जाकर कार्रवाई की जाएगी.

ठेकेदार ने क्या बताया
उधर, इस पुल निर्माण के ठेकेदार अजय झा का कहना है कि ये चुनाव से प्रेरित है जो ये इस तरह की बात बोल रहे हैं. लेकिन ना मैंने कभी गलत किया है ना ही करूंगा. काम बिल्कुल सही हो रहा है. ये जांच का विषय है. अगर ग्रामीण कह रहे हैं तो इंजीनियर जाकर देखेंगे. ब्लैक लिस्टेड होता तो इतना टेंडर हमें कैसे मिलता. कुल 40 करोड़ का टेंडर है इसमें और भी पुल और सड़क साथ में है.

Intro:निजी ज़मीन पर पुल का निर्माण तथा उसको तैयार करने के लिए जो थर्ड क्वालिटी के सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है उससे ग्रामीण काफ़ी नाराज़ दिखे, कहा जब ट्रक चलने लगेगा तो फ़िर दो साल में बर्बाद हो जाएगा। अच्छे सामग्री का इस्तेमाल करके बनाया जाए ताकि हम लोग कोई आवाज़ न उठाएं। ये अररिया के मिर्ज़ाभाग बैरियर के किनारे पूल का है।


Body:अररिया प्रखंड के मिर्ज़ाभाग बैरियर के किनारे हो रहे दूसरे पुल निर्माण कार्य का वहां के स्थानीय लोगों इसका विरोध किया। कहा कि ये जो पुल का निर्माण हो रहा है सबसे पहले ये सरकारी ज़मीन नहीं ये निजी है। साथ ही निर्माण का कार्य रात 9 बजे के बाद होता है मिट्टी लगा हुआ बालू आठ पीलर की जगह सात पीलर लगाया गया है जिसे कोई भी उखाड़ सकता है मतलब ढ़लाई करने के लिए जितने सीमेंट बालू सरिया और गिट्टी का प्रयोग करना चाहिए वो नहीं हो रहा है। मसाला ढ़लाई के लिए दस में एक सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है। इसको लेकर इनलोगों ने कई बार RCD के इंजीनियर से शिकायत किया इसको लेकर पर वो इस कार्य का अनदेखा करने का आरोप लगाया। लोगों का ये भी कहना था कि इससे पहले जो बगल में पुल का निर्माण हुआ था और वो टूट गया पिछले साल बाढ़ में उसका यही वजह था। अभी तक इसका कोई बोर्ड भी नहीं लगा है कि कितने के लागत से पुल का निर्माण होना है। इन्हीं सब चीज़ों को लेकर ग्रामीणों ने नाराज़गी जताया और कहा कि इस पुल का निर्माण सही सामग्री से हो ताकि कोई दिक्कत लोगों को नहीं पहुंचे। वहीं इस मुद्दे पर अररिया एमपी सरफ़राज़ आलम ने कहा कि इसमें साफ़ दिखाई पड़ रहा है कि लौ क्वालिटी का सामग्री इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसा नहीं होना चाहिए साथ ही ठेकेदार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ये पहले से ब्लैकलिस्टेड है पता नहीं इसे ठेकेदारी कौन देता है। इसका जांच होना चाहिए नहीं तो फ़िर इसके आगे जाकर करवाई की जाएगी। हालांकि कि इस पुल निर्माण के ठेकेदार अजय झा का कहना है कि ये चुनाव से प्रेरित हो ये इस तरह का बात बोल रहे हैं ना मैं कभी ग़लत किया हूं ना ही करूँगा। जो सटीक काम हो रहा है इससे मैं संतुस्ट हूँ ये जांच का विषय है अगर ग्रामीण कह रहे हैं तो इंजीनियर जाकर देखेंगे। ब्लैकलिस्टेड होता तो इतना टेंडर हमें कैसे मिलता। कुल 40 करोड़ का टेंडर है इसमें और भी पुल और सड़क साथ मे है।


Conclusion:विसुअल, बाइट स्थानीय, बाइट सरफ़राज़ आलम
बाइट ठेकेदार अजय झा
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