अररियाः जिले के अररिया प्रखंड के मिर्ज़ाभाग के लोग सरकारी काम से खासे नाराज हैं. उन्होंने निजी जमीन पर पुल का निर्माण करने और उसके निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगाया है. स्थानीय लोग इसको लेकर ठेकेदार का विरोध कर रहे हैं.
रात में होता है निर्माण कार्य
अररिया प्रखंड के मिर्ज़ाभाग बैरियर के किनारे हो रहे पुल निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पुल का निर्माण हो रहा है वह जमीन सरकारी नहीं निजी है. साथ ही निर्माण का कार्य रात 9 बजे के बाद होता है. मिट्टी मिली हुई बालू इस्तेमाल की जा रही है, साथ ही आठ पीलर की जगह सात पीलर लगाया गया है. जिसे कोई भी उखाड़ सकता है. मतलब ढ़लाई करने के लिए जितनी सीमेंट, बालू, सरिया और गिट्टी का प्रयोग करना चाहिए वो नहीं हो रहा है. ढ़लाई के लिए सीमेंट का उपयोग भी सही नहीं किया जा रहा है.
पिछला पुल भी टूट गया
इसको लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार आरसीडी के इंजीनियर से शिकायत की. लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी कर दी. लोगों का ये भी कहना था कि इससे पहले जो बगल में पुल का निर्माण हुआ था वह पिछले साल बाढ़ में टूट गया. अभी तक इसका कोई बोर्ड भी नहीं लगा है कि कितने की लागत से पुल का निर्माण होना है. इन्हीं सब चीजों को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है. लोगों का कहना है कि इस पुल का निर्माण सही सामग्री से हो ताकि आगे कोई दिक्कत लोगों को नहीं हो.
एमपी ने कहा होगी कार्रवाई
वहीं, इस मुद्दे पर अररिया एमपी सरफराज आलम ने कहा कि इसमें साफ दिखाई पड़ रहा है कि लो क्वालिटी की सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए साथ ही ठेकेदार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ये पहले से ब्लैक लिस्टेड हैं, पता नहीं इसको ठेका कैसे मिल जाता है. इसकी जांच होना चाहिए नहीं तो फिर इसके आगे जाकर कार्रवाई की जाएगी.
ठेकेदार ने क्या बताया
उधर, इस पुल निर्माण के ठेकेदार अजय झा का कहना है कि ये चुनाव से प्रेरित है जो ये इस तरह की बात बोल रहे हैं. लेकिन ना मैंने कभी गलत किया है ना ही करूंगा. काम बिल्कुल सही हो रहा है. ये जांच का विषय है. अगर ग्रामीण कह रहे हैं तो इंजीनियर जाकर देखेंगे. ब्लैक लिस्टेड होता तो इतना टेंडर हमें कैसे मिलता. कुल 40 करोड़ का टेंडर है इसमें और भी पुल और सड़क साथ में है.